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कहानी

कहानी
संगोष्‍ठी में भाग लेने के लिए आई विद्वन्मंडली उनके परंपराभंजक रूप को देखकर चमत्कृत थी । ताजा हवा के झोंकों- से स्कूर्त वे विचार उनकी अंतरात्मा की प्रतिध्वनि बनकर फूटे थे ।-दहेज समाज की रगों में प्रवाहित होनेवाला सबसे बड़ा प्रदूषण है... .विवाह के पारंपरिक स्वरूप में विकृतियाँ उत्पन्न करनेवाले. ऐसे अभि..
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प्रस्तुत पुस्तक में सुप्रसिद्ध वैयाकरण एवं कोशकार डॉ. बदरीनाथ कपूर द्वारा लिखित रोचक कथाएँ संकलित हैं। इनमें दो पौराणिक वृत्तांत हैं—‘शकुंतला’ और ‘गौतम बुद्ध’। ये बँगला के प्रसिद्ध कथाकार तथा चित्रकार अवींद्र कुमार ठाकुर की अनूठी कृतियाँ हैं, जो अपनी चित्रमयता के लिए जानी जाती हैं। इनका छायानुवाद इस..
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मैं सुखी राम। कैदी नंबर पाँच सौ बत्तीस। कठघरे से बोल रहा हूँ। जो भी सुन रहे हों, मेरे घरवालो को इत्तला दे दें, मैं यहाँ अच्छी तरह हूँ। पक्का मकान है। बरसात में छप्पर चूने का भय नहीं। सवेरे चाय मिल जाती है। नाश्ते में चना-गुड़ और भोजन के लिए पूछो मत। सप्ताह में मांस, मछली और अंडे भी मिल जाते हैं। रोट..
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सूर्यबाला की कहानियाँ प्रदीप्‍त संपूर्ण राग की तरह हैं। ‘कात्यायनी संवाद’ की कात्यायनी, ‘बिन रोई लड़की’, ‘माइ नेम इज ताता’ की दादी जैसे चरित्र अपनी भावनाओं में जितने ईमानदार हैं, उतने ही विनय और उत्सर्ग से भरे हुए भी। मनुष्यता के तर्क के बाहर उन्हें कुछ भी मान्य नहीं है। अपनी कहानियों के चरित्रों स..
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अरुंधती, चैतन्य होकर मेरी बात सुनो! अपने कर्तव्य को तुमने अपनी संपूर्ण जिजीविषा दी! इस सृष्‍ट‌ि की रचना में सर्वत्र तुम-हीं-तुम हो! काल की गति में तुम्हारे श्‍वासों का खिंचाव बस इतना भर ही था । जाओ अरुंधती, शांतिपूर्वक देह का त्याग करो! देखो, तुम्हारी उत्तराधिकारिणी यह वैष्णवी तुम्हारे समक्ष है । इस..
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गत वर्ष उत्तराखंड के केदारनाथ सहित अन्य जगहों पर अतिवृ‌ष्‍ट‌ि के कारण आई भीषण आपदा ने उत्तराखंड की केदारघाटी को पूरी तरह तबाह कर पूरे विश्‍व को झकझोरकर रख दिया। देश-विदेश के हजारों-हजार श्रद्धालुओं को इस आपदा में अपनी जान गँवानी पड़ी। परिवार के परिवार इस आपदा के शिकार हो गए, कई परिवारों का तो एक भी ..
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एक सीप ने अपने पड़ोसी सीप से कहा, ‘‘मेरे अंदर बहुत दर्द है। यह भारी व गोल है और मैं परेशानी में हूँ।’’ दूसरे सीप ने दंभ और इत्मीनान से कहा, ‘‘ईश्वर और सागर की कृपा है, मेरे अंदर कोई दर्द नहीं है। मैं अंदर और बाहर दोनों ही तरफ से अच्छा, भला-चंगा हूँ।’’ पहले सीप ने कहा, ‘‘हाँ, तुम अच्छे-भले और चंगे..
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प्रकाश मनु बच्चों के चहेते कवि- कथाकार हैं, जिनकी रचनाएँ बच्चे ढूँढ़-ढूँढ़कर पढ़ते हैं । ' किस्सा एक मोटी परी का ' उनकी बाल कहानियों का ताजा संग्रह है, जिसमें शीर्षक कथा के अलावा उनकी ' निक्का और तितली ', ' होमवर्क का चक्कर ', ' खुशी का जन्मदिन ', ' मखना के रंग-बिरंगे खरगोश ', ' बुद्धू का रिक्‍‍शा कम..
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इस पुस्तक में संगृहीत निबंध दरअसल पारंपरिक निबंधों की संरचना से विद्रोह करते हैं, खासकर ललित निबंधों की मृतप्राय देह से प्रेत जगाने की कोशिश तो ये बिल्कुल ही नहीं हैं। इन निबंधों के सहारे न सिर्फ हमारे समाज, संस्कृति और पूरे समय की पड़ताल की जितनी कोशिश है, उतनी ही उसे नए संदर्भों में देखने-परखने की..
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Kuchh To Hai Tumse Rabta - PP888 - कहानी..
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वर्षा ने कुछ हिचकते हुए कहा, ‘‘जी हाँ।’’ मेरी यह ड्रेस सुंदर है न? मिसेज...’’ ‘‘मिसेज मलकाणी।’’ वर्षा ने कहा। चूडि़याँ खनखनाते हुए उस लड़की ने पुनः कहा, ‘‘ये चूडि़याँ मुझे मेरी माँ ने दी हैं, तुम्हें अच्छी लगती हैं मिसेज...’’ ‘‘मिसेज मलकाणी।’’ ‘‘मिसेज मलकाणी, मैं तुम्हें एक राज की बात बताऊँ, कि..
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‘‘क्या वे लोग खेत जोत रहे हैं? क्या उन लोगों ने अपना काम खत्म कर लिया?’’ ‘‘उन लोगों ने आधे से अधिक खेत जोत लिये हैं।’’ ‘‘क्या कुछ भी काम बचा नहीं है?’’‘‘मुझे तो नहीं दिखा; पर उन्होंने जुताई अच्छी तरह से की है। वे सभी डरे हुए हैं।’’ ‘‘ठीक है। अब तो जमीन ठीक हो गई है न?’’ ‘‘हाँ, अब खेत तैयार हैं औ..
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