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कहानी - Khalil Zibran Ki Lokpriya Kahaniyan

कहानी - Khalil Zibran Ki Lokpriya Kahaniyan
एक सीप ने अपने पड़ोसी सीप से कहा, ‘‘मेरे अंदर बहुत दर्द है। यह भारी व गोल है और मैं परेशानी में हूँ।’’ दूसरे सीप ने दंभ और इत्मीनान से कहा, ‘‘ईश्वर और सागर की कृपा है, मेरे अंदर कोई दर्द नहीं है। मैं अंदर और बाहर दोनों ही तरफ से अच्छा, भला-चंगा हूँ।’’ पहले सीप ने कहा, ‘‘हाँ, तुम अच्छे-भले और चंगे हो, लेकिन तुम्हारा पड़ोसी जो दर्द झेल रहा है, वह बेहद खूबसूरत एक मोती के बनने का है।’’ —इसी पुस्तक सेविश्व-विख्यात दार्शनिक एवं विचारक खलील जिब्रान की लोकप्रिय व चर्चित कहानियाँ, जो मनोरंजक तो हैं ही, मानवीय संवेदना और मार्मिकता से भरपूर होने के कारण पाठकों के दिल तक उतर जाती हैं। जीवन का यथार्थ और मायने बतातीं रोचक कहानियाँ। 

कहानी - Khalil Zibran Ki Lokpriya Kahaniyan

Khalil Zibran Ki Lokpriya Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan

Khalil Zibran Ki Lokpriya Kahaniyan -

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  • Stock: 10
  • Model: PP867
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP867
  • ISBN: 9789380823829
  • ISBN: 9789380823829
  • Total Pages: 144
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2017
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00