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कहानी

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‘इन सबकी शुरुआत उड़ीसा में 1972 में हुए उप-चुनाव से हुई। लाखों रुपए खर्च कर नंदिनी को राज्य की विधानसभा के लिए चुना गया था। गांधीवादी जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने उठाया। उन्होंने बचाव में कहा कि कांग्रेस के पास इतने भी पैसे नहीं कि वह पार्टी दफ्तर चला सके। जब उ..
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Esop Ki Kahaniyan - PP886 - कहानी..
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जब हम विदेश की बात करते हैं तो उसमें सिर्फ बड़े-बड़े देश ही नहीं बल्कि कई छोटे देश भी शामिल होते हैं । विभिन्न देशों के साहित्य, विशेषकर कथा-साहित्य, के बारे में भी यही बात लागू होती है । इसीलिए इंग्लैंड (अंग्रेजी), रूस (रूसी), जर्मनी (जर्मन) तथा स्पेन (स्पेनिश) की श्रेष्‍ठ और प्रसिद्ध कहानियों के अति..
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नासिरा शर्मा के उपन्यासों एवं कहानियों में बच्चों के चरित्र एक विशेष भूमिका के रूप में नज़र आते हैं, जो कभी आपकी उँगली पकड़कर तो कभी आप उनकी उँगली पकड़कर चलने लगते हैं और आप खुद से सवाल करने पर मजबूर हो जाते हैं कि इन बच्चों की दयनीय स्थिति का ज़िम्मेदार कौन है— परिस्थितियाँ, समाज या व्यवस्था या आप खु..
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हिंदी के जाने-माने कवि-कथाकार प्रकाश मनु ने बच्चों और किशोर पाठकों के लिए भी खूब लिखा है। उनकी कहानियों में बच्चों की दुनिया का हर रंग, हर खुशबू है—उनकी शरारतें और नटखटपन, उनके शिकवे-शिकायतें, उनके सुख-दु:ख और छोटी-बड़ी परेशानियाँ; साथ ही उनके खेल-कूद, मस्ती, सपने और मिलकर कुछ करने का हौसला भी। यही ..
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इस पुस्तक से पहले लेखक की कहानियों के दो संग्रह छप चुके हैं। हमें खुशी है कि पाठकों को उनकी कहानियाँ पसंद आईं। ‘श्रेष्‍ठ सैनिक कहानियाँ’ हिंदी साहित्य में एकमात्र ऐसी पुस्तक है, जिसमें सारी कहानियाँ सैनिकों की वीरता और उनकी उपलब्धियों पर लिखी गई हैं। स्वतंत्रता के बाद अपने देश ने पाकिस्तान और चीन के..
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प्रस्तुत पुस्‍तक जर्मनी की प्रसिद्ध लोककथाओं के हिंदी अनुवाद का संकलन है । प्रख्यात जर्मन लेखक बूडर ग्रीम की इन प्रसिद्ध लोककथाओं को हिंदी में प्रस्तुत करने का मुख्य उद‍्देश्य भारतीय पाठकों का जर्मनी की संस्कृति, वहाँ की परंपराओं तथा लोक-जीवन की रोचक जानकारी प्रदान करना है । यह पुस्तक पाठकों को जर्..
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भूमंडलीकरण के इस युग में, जबकि दो देशों के बीच की हजारों किलोमीटर की दूरी सिमट गई है, हिंदी भाषा के करोड़ों पाठक विभिन्न प्रमुख देशों की भाषाओं में लिखी गई रोचक कहानियों को पढ़ने से वंचित रह जाएँ-यह समय के तकाजे के विरुद्ध लगता है । वैसे भी, हिंदी पाठकों की रुचि हिंदी के कहानीकारों की कहानियों के साथ-..
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हमारी लगभग अस्सी प्रतिशत जनता गाँवों में रहती है । शहर या कस्बे में रहनेवालों की अपेक्षा गाँव के लोग अधिक परिश्रमी होते हैं । देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पैदावार बढ़ाने में वे रात-दिन लगे रहते हैं । इनमें ऐसे बहुत कम हैं जो भूमि के एक छोटे से टुकड़े के भी स्वामी हों । अधिकांश को तो खेतिहर मजदूर..
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“अच्छा, यह इसने बिना किसी सोर्स, पुल के यों ही कर डालो, कहीं कोई खानदानी दुश्मनी तो नहीं?” “ऐसा तो कोई खानदान या खानदानी जर-जमीन मिल्कियतवाला भी नहीं!” “तब क्यों करता है ऐसा?” “सुना, बच्चों की दो बरस की पढ़ाई का नुकसान पहले ही हो चुका, ऐसे ही झमेलों में।” “बेबात इतना बड़ा बखेड़ा मोल लेना, कुछ सम..
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राष्ट्रवादी लेखन के प्रमुख हस्ताक्षर गुरुदत्तजी ने ऐसे साहित्य की सृष्टि की है, जिसको पढ़कर इस देश की कोटि-कोटि जनता ने सम्मान का जीवन जीना सीखा है। सक्रिय राजनीति से अलग होने के बाद गुरुदत्तजी ने लगभग सारा समय साहित्य के सृजन में लगाना शुरू किया और मृत्युपर्यंत जुटे रहे। उन्होंने 250 के लगभग पुस्तक..
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अथॉरिटी में एंगर नहीं है। हमें अपना रोल, अपनी रिस्पोंसिबिलिटी निभानी है, लेकिन सभी कार्य बिना डिस्टर्ब होकर करने हैं। हम अथॉरिटी का प्रयोग करें, लेकिन गुस्सा नहीं करें। गुस्से में हम अंदर से डिस्टर्ब होकर अपने ऊपर कंट्रोल खो देते हैं। हम ऊपर से नीचे तक पूरी तरह हिल जाते हैं, लेकिन अथॉरिटी में हम पू..
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