Menu
Your Cart

कहानी

कहानी
सोलह वर्ष की एक कुँआरी युवती और कई नाम—शीबा की रानी; दक्षिण की रानी; दक्षिण अबर के लोगों के लिए बिल्किस; कुरान में बल्किस; टिगरे के लोगों के लिए ऐटेये; यमन के लोगों के लिए बलकामा; हैरोडोटस ने उसे मिस्र की विधवा रानी नाम दिया और ईसाई मिशनरी जैरोनिमो लोबो ने उसे निकौला कहकर पुकारा। पर इथियोपिया में वह..
₹ 300.00
Ex Tax:₹ 300.00
होम्स ने घंटी बजाते हुए जवाब दिया, ‘‘कुछ ठंडा मीट और एक गिलास बियर हो जाए, मैं इतना व्यस्त था कि मैं खाने के बारे में सोच भी न सका और मेरी आज की शाम के भी व्यस्त रहने की संभावना है। डॉक्टर, मुझे तुम्हारे साथ की जरूरत होगी।’’  ‘‘मुझे इसमें खुशी होगी।’’ ‘‘तुम्हें कानून तोड़ना बुरा तो नहीं लगेगा?’’ ..
₹ 250.00
Ex Tax:₹ 250.00
जो शिक्षा कभी मानव -मस्तिष्क की धात्री का काम करती थी, जो शिक्षा मानव को असभ्यता के जंगल से निकालकर सभ्यो-शिक्षितों के संसार में प्रतिष्‍ठ‌ित करती थी, जो शिक्षा व्यक्‍त‌ि की प्रगति का सबसे कारगर और सबल माध्यम हुआ करती थी, जो शिक्षा जीविकोपार्जन के सही रास्ते दिखाती थी वही शिक्षा आज मानव को निर्माण क..
₹ 200.00
Ex Tax:₹ 200.00
प्रस्तुत पुस्तक माता-पिता के अनन्य भक्त श्रवण कुमार के जीवन पर आधारित है। श्रवण के जीवन से जुड़ी छोटी-छोटी िशक्षाप्रद कहानियों में एक श्रेष्ठ, होनहार, कर्तव्यनिष्ठ तथा धर्मपालक पुत्र की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। श्रवण कुमार केवल मातृ-पितृभक्त ही नहीं अपितु एक संस्कारी, ज्ञानी, निष्ठावान, साधु, संत ए..
₹ 200.00
Ex Tax:₹ 200.00
बच्चों का मस्तिष्क कोरी स्लेट की तरह होता है। छोटी आयु में उन्हें जो भी सिखाया जाए, वह सब उनके मानस पटल पर अंकित होता जाता है। उनके मानस पर जो कुछ अंकित हो जाता है, वह बडे़ होने पर भी स्थायी बना रहता है। ये कहानियाँ उन बच्चों को लक्ष्य कर लिखी गई हैं, जो अबोध आयु को पार कर किशोरावस्था में प्रवेश कर..
₹ 300.00
Ex Tax:₹ 300.00
एक हफ्ते बाद रात आठ बजे होंगे कि टेलीफोन की घंटी बजी, ''क्या मैं मिसेज नारायन से बात कर सकती हूँ।'' ''जी हाँ, मैं मिसेज नारायन बोल रही हूँ। आप कौन हैं?'' ''मैं पुलिस स्टेशन से बोल रही हूँ। आप वसुधा खन्ना को जानती हैं। वह कह रही है कि वह आपके पास रह सकती है।'' ''जी हाँ, क्या बात है?'' ''वह अपने घर मे..
₹ 300.00
Ex Tax:₹ 300.00
कहाँ या है?पहली पुतली —Pgs. 7दूसरी पुतली —Pgs. 11तीसरी पुतली —Pgs. 16चौथी पुतली —Pgs. 21पाँचवीं पुतली —Pgs. 25छठी पुतली —Pgs. 27सातवीं पुतली —Pgs. 31आठवीं पुतली —Pgs. 33नौवीं पुतली —Pgs. 36दसवीं पुतली —Pgs. 38ग्यारहवीं पुतली —Pgs. 40बारहवीं पुतली —Pgs. 43तेरहवीं पुतली —Pgs...
₹ 300.00
Ex Tax:₹ 300.00
सोलह आने सच—कैप्टेन .खुर्रम शहज़ाद नूरसोलह आने सच ऐसी सोलह कहानियों का संग्रह है, जिन पर सच्ची कथाएँ होने का भ्रम होता है। सभी कहानियों का मूल भाव आज के युग में धूमिल होते संबंधों की बारीकियाँ हैं, जो पाठक के हृदय को छूकर कभी उसकी आँखें नम करती हैं, कभी चेहरे पर मुसकान लाती हैं तो कभी मन को विचलित क..
₹ 250.00
Ex Tax:₹ 250.00
विश्‍व में सबसे अधिक बोली जानेवाली पाँच-छह भाषाओं में से एक स्पेनिश भाषा का भी कथा-साहित्य काफी समृद्ध माना जाता है; लेकिन हिंदी में इस भाषा के साहित्य का अनुवाद बहुत कम हुआ है-पुस्तकाकार में तो नहीं के बराबर । इसी कमी को दूर करने के उद‍्देश्य से विदेशी कथा अनुवाद श्रृंखला के अंतर्गत इस पुस्तक में ..
₹ 400.00
Ex Tax:₹ 400.00
“तुमने मेरे सिवा किसी और का इंतजार किया है?” “हाँ।” “किसका?” “जीवन का।” “मैं तुम्हें क्या नहीं दे सकता!” “कोई किसी को सबकुछ नहीं दे सकता। कोई किसी से सबकुछ ले नहीं सकता। इसलिए जीवन में इतनी जिज्ञासा...” “मैं लौट जाऊँगा।” “तुम तो आए ही नहीं हो, क्योंकि जिससे मेरी मुलाकात हुई, वह समग्र ‘तुम’ नह..
₹ 200.00
Ex Tax:₹ 200.00
यशस्वी शब्दसाधक डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के चिरंतन-चिंतक व्यक्तित्व की अक्षय प्रतीक 'सृजन के बीज' की ये कविताएँ निश्चय ही 'सृजन की चेतना' से अनुप्राणित हैं। यह कविता-संग्रह वस्तुतः कवि डॉ. निशंक के इंद्रधनुषी जीवनानुभवों का प्यारा-सा गुलदस्ता है, जिसमें हर्ष-विषाद, आशा-निराशा और सत्य-असत्य के शाश्व..
₹ 300.00
Ex Tax:₹ 300.00
कहानी कोई चॉकलेट का टुकड़ा तो नहीं होती कि जिसे जब चाहा जैसा चाहा, साँचे-खाँचे में ढालकर बना लिया, बल्कि कहानी तो वह वैचारिक चिनगारी होती है, जो पाठक के मन में एक चौंध पैदा करती है, उसे एक संवेदनपरक चुभन देती है। परवर्ती सहज कहानी के प्रतिपादक सुशीलकुमार फुल्ल की कहानियों का फलक बहुत व्यापक है। वास्..
₹ 350.00
Ex Tax:₹ 350.00
Showing 169 to 180 of 202 (17 Pages)