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पुस्तकालय विज्ञान - Manohar Shyam Joshi

पुस्तकालय विज्ञान - Manohar Shyam Joshi
मनोहर श्याम जोशी ने अनेक फिल्मों के लिए पटकथा और संवाद-लेखन का काम किया। यहाँ उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसका एक कारण शायद यह भी है कि सिनेमा में पूरी तरह निर्देशक ही माध्यम होता है और उसमें लेखक की कहानी को निर्देशक अपने किसी खास कोण से सिनेमा में ढालता है और इस क्रम में लेखक का संदेश कई बार कहीं पीछे छूट जाता है। ‘हे राम’, ‘भ्रष्‍टाचार’, ‘पापा कहते हैं’ उनकी लिखी कुछ ऐसी फिल्में हैं, जिनकी चर्चा की जा सकती है। मनोहर श्याम जोशी का व्यक्‍तित्व बहुआयामी कहा जा सकता है। उनके इस बहुआयामी व्यक्‍तित्व का केंद्रीय आयाम लेखन था। उनको एक ऐसे लेखक के रूप में याद किया जाएगा, जो अनेक माध्यमों में लेखन की कसौटी पर खरे उतरे। यही कारण है कि हिंदी पत्रकारों-लेखकों में उनका व्यक्‍तित्व सबसे अलग दिखाई देता है। वे एक ऐसे पत्रकार थे, जिनका पत्रकारिता और साहित्य से समान नाता रहा। हमें विश्‍वास है कि विश्‍वविद्यालय द्वारा मूर्धन्य पत्रकार-संपादकों की इस मोनोग्राफ श्रृंखला से पत्रकार जगत् और पत्रकारिता के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे और विरासत की इस समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रवृत्त होंगे।

पुस्तकालय विज्ञान - Manohar Shyam Joshi

Manohar Shyam Joshi - by - Prabhat Prakashan

Manohar Shyam Joshi -

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  • Stock: 10
  • Model: PP1390
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1390
  • ISBN: 9789350482568
  • ISBN: 9789350482568
  • Total Pages: 136
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2013
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00