पुस्तकालय विज्ञान - Bharat Vaibhav
‘गागर में सागर’ यानी कुछ किताबी पन्नों में शस्य-श्यामला माँ भारती का अतुल वैभव समेटने का यह विनम्र प्रयास है। मानव सभ्यता के प्रामाणिक वैज्ञानिक दस्तावेज, हमारे शिल्पियों एवं वास्तुकारों से निर्मित भारत के सात महान् आश्चर्य, योग-आयुर्वेद के चमत्कारी नुस्खे, अणु-परमाणु, अंतरिक्ष यान, परखनली शिशु के मूल स्रोतों की समीक्षा, संगीत एवं त्योहारों की रसधाराएँ, विश्व के समुद्री कुंभ मेले का सजीव चित्रण, प्रकृति एवं पर्यावरण की समीक्षा, भारत की अतुल धन-संपदा एवं आजादी के प्रतीक चित्तौड़गढ़ किले का विशद वर्णन तथा अनेकता में एकता के समावेश से पुरातन एवं वर्तमान के महामिलन का संयोग अनायास ही सुलभ हुआ है।
समुद्र-मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों की तरह ही शायद यह अतुल वैभव भी पौराणिकता के लबादे में हमारी आँखों से ओझल हो जाता, परंतु भला हो उस आधुनिक परमाणु बम के जनक रॉबर्ट ओपेनहाइमर एवं अन्य पाश्चात्य विद्वानों का, जिन्होंने खुले मन से आज की औद्योगिक एवं विज्ञान की क्रांतियों का श्रेय हमारे ज्ञान के खजानों, वेद, उपनिषद्, रामायण, पुराण एवं गीता को प्रदान किया है।
भारत के गौरवशाली अतीत का जयघोष करनेवाली अत्यंत पठनीय कृति।अनुक्रमशुभाशंसा —Pgs.5-7भूमिका —Pgs.91. मानव सभ्यता के रहस्यमयी दस्तावेज —Pgs.172. अनेकता में एकता —Pgs.413. भारत के सात आश्चर्य —Pgs.53• खजुराहो —Pgs.53• कोणार्क का सूर्य मंदिर —Pgs.59• अजंता एवं एलोरा की गुफाएँ —Pgs.64• ताजमहल —Pgs.70• साँची का महान् स्तूप —Pgs.75• हंपी के स्मारक —Pgs.81• दिल्ली का लौह स्तंभ —Pgs.844. आयुर्वेद —Pgs.885. भारतीय योग —Pgs.936. प्रथम परखनली शिशु की उत्पत्ति —Pgs.997. परमाणु संपन्न प्राचीन भारत —Pgs.1058. हवाई रथ एवं विमान —Pgs.1129. भारतीय संगीत —Pgs.11710. महा रासलीला —Pgs.12211. पर्व एवं त्योहार —Pgs.129• दीपावली —Pgs.130• होली —Pgs.131• रक्षा बंधन —Pgs.133• नवरात्रि —Pgs.134• अन्य महत्त्वपूर्ण पर्व एवं त्योहार —Pgs.13612. कुंभ मेला —Pgs.13813. चित्तौड़गढ़ का किला —Pgs.14314. प्रकृति एवं पर्यावरण —Pgs.15215. सोने की चिड़िया —Pgs.163संदर्भ —Pgs.171
पुस्तकालय विज्ञान - Bharat Vaibhav
Bharat Vaibhav - by - Prabhat Prakashan
Bharat Vaibhav - ‘गागर में सागर’ यानी कुछ किताबी पन्नों में शस्य-श्यामला माँ भारती का अतुल वैभव समेटने का यह विनम्र प्रयास है। मानव सभ्यता के प्रामाणिक वैज्ञानिक दस्तावेज, हमारे शिल्पियों एवं वास्तुकारों से निर्मित भारत के सात महान् आश्चर्य, योग-आयुर्वेद के चमत्कारी नुस्खे, अणु-परमाणु, अंतरिक्ष यान, परखनली शिशु के मूल स्रोतों की समीक्षा, संगीत एवं त्योहारों की रसधाराएँ, विश्व के समुद्री कुंभ मेले का सजीव चित्रण, प्रकृति एवं पर्यावरण की समीक्षा, भारत की अतुल धन-संपदा एवं आजादी के प्रतीक चित्तौड़गढ़ किले का विशद वर्णन तथा अनेकता में एकता के समावेश से पुरातन एवं वर्तमान के महामिलन का संयोग अनायास ही सुलभ हुआ है। समुद्र-मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों की तरह ही शायद यह अतुल वैभव भी पौराणिकता के लबादे में हमारी आँखों से ओझल हो जाता, परंतु भला हो उस आधुनिक परमाणु बम के जनक रॉबर्ट ओपेनहाइमर एवं अन्य पाश्चात्य विद्वानों का, जिन्होंने खुले मन से आज की औद्योगिक एवं विज्ञान की क्रांतियों का श्रेय हमारे ज्ञान के खजानों, वेद, उपनिषद्, रामायण, पुराण एवं गीता को प्रदान किया है। भारत के गौरवशाली अतीत का जयघोष करनेवाली अत्यंत पठनीय कृति।अनुक्रमशुभाशंसा —Pgs.
- Stock: 10
- Model: PP1380
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1380
- ISBN: 9789387968318
- ISBN: 9789387968318
- Total Pages: 176
- Edition: Edition Ist
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00