जीवनी - Acharya Vinoba Bhave
विनोबा भावे गांधीजी की परंपरा में आते हैं। विनेबाजी का जीवन अपने आप में तो त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति था ही, उन्होंने देश की जनता के हितों के लिए जो आंदोलन चलाए वे अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। उनके ‘भूदान आंदोलन’ ने देश के हजारों लोगों को भूमि दिलाकर जीने का साधन उपलब्ध कराया। इसी प्रकार ‘सर्वोदय आंदोलन’ के कारण विनोबा भावे की ख्याति चहुँओर फैली। एक व्यक्ति से संपत्ति का दान लेकर दूसरे को सौंपना सचमुच चमत्कारी कदम था, जिसे देखने-समझने के लिए अनेक विदेशी लोग भारत आए।
विनोबाजी के सेवाधर्म का उद्देश्य मानवता की सेवा करना था। संपूर्ण विश्व उनका सेवा-क्षेत्र था। इसी आधार पर उन्होंने अपने आपको ‘विश्व मानव’ और ‘विश्व नागरिक’ के रूप में स्थापित किया था। इसी धारणा के अनुरूप विनोबाजी ने व्यक्ति-व्यक्ति में कभी भेदभाव नहीं किया; किसी समूह, वर्ग या राष्ट्र के प्रति अतिरिक्त निष्ठा रखते हुए विचार नहीं किया।
प्रस्तुत पुस्तक में राष्ट्र-पुरुष संत विनोबा भावे के विलक्षण व्यक्तित्व और लोक-हतकारी आदर्श़ों को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। विश्वास है, पुस्तक को पढ़कर पाठकगण विनोबाजी के जीवन से प्रेरणा लेंगे।
जीवनी - Acharya Vinoba Bhave
Acharya Vinoba Bhave - by - Prabhat Prakashan
Acharya Vinoba Bhave -
- Stock: 10
- Model: PP1247
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1247
- ISBN: 9789381063378
- ISBN: 9789381063378
- Total Pages: 208
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00