Communication And Media Studies - Masi Kagad
‘जनसत्ता’ के प्रारम्भिक वर्षों में छपे प्रभाष जोशी के सैकड़ों लेखों और सम्पादकीय टिप्पणियों में से किया गया एक चयन है—‘मसि कागद’। ज़ाहिर है इन लेखों में वे सभी विशेषताएँ प्रतिबिम्बित हैं, जिनके चलते ‘जनसत्ता’ ने पाठकों की आत्मीयता प्राप्त की।ये रचनाएँ प्रभाष जोशी की ख़ास शैली का उदाहरण तो हैं ही, वे यह भी बताती हैं कि राजनीति हो या खेल, समाज हो या संस्कृति, संगीत हो या सिनेमा—लेखक की निगाह घटनाओं के नए सन्दर्भ देखती है, उनके अनदेखे पहलुओं को परखती है और उन्हें लोक-जीवन और विवेक की कसौटी पर कसती है।इन लेखों में प्रभाष जोशी राजनीति को नैतिक सवालों में बदलते हैं। सिनेमा को समाज से जोड़ते हैं। उनकी पत्रकारिता सत्ता के गलियारों में नहीं भटकती। वे अपने लेखन में पाठकों के प्रति अपनी जवाबदेही को सर्वाधिक महत्त्व देते हैं। इन लेखों में समाज के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त हुआ है। इनमें सामाजिक विसंगतियों को बदलने की बेचैनी भी दिखाई देती है।
Communication And Media Studies - Masi Kagad
Masi Kagad - by - Rajkamal Prakashan
Masi Kagad -
- Stock: 10
- Model: RKP159
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP159
- ISBN: 0
- Total Pages: 319p
- Edition: 2010, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2010
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00