पुस्तकालय विज्ञान - Bhoomanadlikaran Aur Media
तमाम व्यावसायिकता के नारों के बीच भारतीय मीडिया को यह समझना होगा कि वह लोकतंत्र का शक्तिशाली स्तंभ है और राष्ट्रीय संस्कारों तथा लोकतांत्रिक मूल्यों का संवाहक भी । वह दिशादर्शन के गहरे दायित्व-बोध से भी जुड़ा हुआ है । भारतीय मीडिया-चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो अथवा प्रिंट मीडिया-दोनों का ही सैद्धांतिक स्वरूप राष्ट्रीय समता, अखंडता और संप्रभुता बनाए रखने के उद्देश्य के साथ-साथ देश की जनता में सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से एक अनुकूल और प्रेरक सोच पैदा करने के उद्देश्य से गढ़ा गया है । शिक्षा तथा साक्षरता के माध्यम से समाज के विकास को गति देना भी उनका लक्ष्य है । उसके उद्देश्यों में जागृति पैदा करना, सूचना देना तथा व्यापक रूप से जनता के जीवन-स्तर को उठाना भी शामिल है । भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में मीडिया के सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई बढ़ गई है । व्यावसायिकता से उपजी तमाम चुनौतियों के बीच भारतीय मीडिया को अपनी यह चमक पुन: कायम करनी होगी । उसे इन्हीं चुनौतियों से गुजरकर वह राह पकड़नी होगी, जिसपर चलकर वह देश के व्यापक फलक पर व्याप्त भ्रष्टता और विसंगति को चुनौती दे सके; ' साम्राज्यवादी सूचनाओं के इंद्रजाल ' से मुक्त होकर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का पाठ पढ़ा सके तथा ग्लैमर, चकाचौंध के आवरण को चीरकर समाज को स्वस्थ दिशा दे सके । -इसी पुस्तक से
पुस्तकालय विज्ञान - Bhoomanadlikaran Aur Media
Bhoomanadlikaran Aur Media - by - Prabhat Prakashan
Bhoomanadlikaran Aur Media -
- Stock: 10
- Model: PP1386
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1386
- ISBN: 8188267171
- ISBN: 8188267171
- Total Pages: 179
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2013
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00