Menu
Your Cart

पर्यावरण : प्रदूषण - Lok Geeton Mein Prakriti

पर्यावरण : प्रदूषण - Lok Geeton Mein Prakriti
पर्यावरण और प्रकृति के बीच अन्योन्याश्रित संबंध है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति में भूमि, जल, वायु, अग्नि, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूर्य, चंद्रमा, आकाश आदि आते हैं। डॉ. शांति जैन का ग्रंथ ‘लोकगीतों में प्रकृति’ पाठकों के समक्ष है। इसके अंतर्गत प्रकृति और पर्यावरण का संबंध बताते हुए कहा गया है कि मानव जीवन पर प्रकृति का गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे जीवन का अस्तित्व स्वच्छ पर्यावरण पर निर्भर है और पर्यावरण हमारे जीवन के अनुकूल तभी होगा, जब धरती पर जल, अन्न, फल-फूल जैसी जीवनोपयोगी वस्तुएँ निर्बाध रूप से प्राप्त हो सकेंगी। पशु-पक्षी भी पर्यावरण के संरक्षक होते हैं। पर्यावरण हमारे जीवन का रक्षाकवच है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति को देवता तथा धरती और नदियों को माता की संज्ञा दी गई है। इस विषय में लेखिका ने गागर में सागर भरने जैसा कार्य किया है। लोकगीतों के माध्यम से प्रकृति- पर्यावरण-संरक्षण का संदेश देती पठनीय पुस्तक।अनुक्रमलोकगीतों में प्रकृति चेतना— Pgs. 7प्रकृति और लोकजीवन— Pgs. 211. प्रकृति और पर्यावरण का महव— Pgs. 272. लोकसाहित्य में नदियाँ— Pgs. 393. लोकगीतों में वनस्पति— Pgs. 734. लोकगीतों में पक्षी— Pgs. 1345. लोकगीतों में पशु— Pgs. 1826. लोकगीतों में जलचर या सरीसृप जाति के जीव— Pgs. 215उपसंहार— Pgs. 223सहायक संदर्भ ग्रंथ— Pgs. 230

पर्यावरण : प्रदूषण - Lok Geeton Mein Prakriti

Lok Geeton Mein Prakriti - by - Prabhat Prakashan

Lok Geeton Mein Prakriti - पर्यावरण और प्रकृति के बीच अन्योन्याश्रित संबंध है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति में भूमि, जल, वायु, अग्नि, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूर्य, चंद्रमा, आकाश आदि आते हैं। डॉ.

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: PP1362
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1362
  • ISBN: 9788193397428
  • ISBN: 9788193397428
  • Total Pages: 232
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2017
₹ 450.00
Ex Tax: ₹ 450.00