हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में अग्रगण्य राजेन्द्र यादव की अपनी चुनी हुई कहानियाँ इस संकलन में संगृहीत हैं। इसके साथ इन कहानियों तथा लेखक की अपनी विकास-यात्रा की संक्षिप्त परन्तु रोचक भूमिका इस संकलन की पठनीय सामग्री है। कथा, शैली तथा चरित्र-चित्रण की दृष्टि से हिन्दी कहानी को विश्व के आधुनि..
भारतीय समाज के बदलते यथार्थ के नए चित्र बेहद रोचक ढंग से अब्दुल बिस्मिल्लाह ने अपनी इन कहानियों में प्रस्तुत किये हैं। जीवन के संघर्ष के कठिन और प्रेरणादायी प्रसंग इनमें बहुधा आये हैं। और लेखक की निगाह समाज के सभी कोनों, अंतरों में बराबर जाती है जहाँ सामाजिक सरोकारों से वे अपनी रचनाशीलता को अलग नहीं..
‘नई कहानी’ आन्दोलन के तत्काल बाद कथाकारों की जो पीढ़ी सामने आई, उसके सबसे प्रभासित नक्षत्रों में काशीनाथ सिंह का नाम आता है। उन्होंने हिन्दी कहानी को एक नया तेवर और मुहावरा दिया और उपन्यास-संस्मरण आदि विधाओं में भी नये मानदंड स्थापित किये। इस संकलन के लिए उन्होंने अपनी बारह कहानियाँ चुनी हैं, जो उनक..
मोहन राकेश (8 जनवरी 1925 - 3 दिसम्बर 1972) हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा-सम्पन्न लेखक थे जिन्होंने मात्र सैंतालीस वर्षों के जीवनकाल में अनेक स्मरणीय नाटक, उपन्यास और कहानियों की रचना की। उनका नाटक ‘आषाढ़ का एक दिन’ हिन्दी साहित्य का पहला आधुनिक नाटक माना जाता है। 1947 के बाद हिन्दी साहित्य के फलक पर उभर..
‘‘हर कहानी ज्यों की त्यों कहना बिलकुल ज़रूरी नहीं। कुछ कहानियों को उनका रूप बदल कर कहा जाए तो ही वे ज़िन्दगी की कहानियाँ लगती हैं। लेकिन किसी की ज़िन्दगी ऐसी कहानी नहीं होनी चाहिए। कहानी पर ‘सच्ची घटना’ का मुलम्मा चढ़ते ही वह कहानी झूठी हो जाती है। तो यूँ समझ लीजिए कि ये एक ‘सच्ची घटना’ झूठी कहानी ह..
एक जुझारू राजनेता और गुजरात के सफल मुख्यमन्त्री के रूप में नरेन्द्र मोदी से सभी परिचित हैं। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि नरेन्द्र मोदी एक लेखक भी हैं। अपनी युवावस्था में लिखी संवेदना से भरी उनकी ये कहानियाँ प्रेम और अनुराग के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाती हैं। नरेन्द्र मोदी का मानना है कि मातृप्र..
‘‘कहानी की दुनिया में जो नई जमात सक्रिय है उनमें ममता सिंह एक नया उभरता चेहरा हैं। उनकी लेखन-प्रक्रिया का मूल तत्व वर्तमान से अतीत में चले जाना और अतीत से भविष्य में छलांग लगा देने जैसा है। ममता का मूल कथा-स्वर संबंधों का राग-विराग, यादों की दुनिया में आवाजाही और पुराने मूल्यों के साथ सतत् टकराव में..
औरतों के प्रति रेप से बड़ा शायद ही कोई अपराध हो। यह हर उस समाज के मुंह पर करारा तमाचा है जो सभ्य होने का दावा करता है। पर क्या रेप केवल एक अनजान आदमी के हाथों ही होता है? क्या रेप केवल शरीर का ही हो सकता है? प्रस्तुत कहानियां महिलाओं से जुड़े कुछ ऐसे ही सवाल उठाती हैं और पाठकों को उनके उत्तर तलाशने ..
रस्टी की ज़िन्दगी की कहानियों की कड़ी में यह तीसरी किताब है। रस्टी अपने अभिभावक का घर छोड़ चुका है और कपूर परिवार के साथ रहने आता है। वहाँ वह उनके बेटे किशन को पढ़ाता है और उससे उसकी अच्छी दोस्ती हो जाती है। बेहद सुन्दर, किशन की माँ, मीना कपूर, से रस्टी बहुत प्रभावित है और उनसे बहुत कुछ सीखता है। अच..
बीस साल की उम्र पार करते ही रस्टी देहरा छोड़कर लंदन चला जाता है। उसके मन में सपना है वहाँ जाकर एक लेखक बनने का। दिन में वह क्लर्क की नौकरी करता है और देर रात जागकर लिखता है। तीन साल वहाँ बिताने के बावजूद, रस्टी को लंदन रास नहीं आता। उसके मन में, यादों में अब भी बसा है भारत और देहरा, जहाँ उसने अपना ब..
बारह वर्षीय रस्टी की दुनिया में उथल-पुथल मच जाती है जब उसके पिता और नानी का देहान्त हो जाता है। रस्टी को अब मिस्टर हैरिसन के साथ रहना पड़ता है, लेकिन वे उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं और रस्टी को बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं। स्कूल से दुखी और दुनिया देखने को बेचैन रस्टी स्कूल ..
लम्बे अरसे से रस्किन बॉन्ड की पुस्तकों का लोकप्रिय पात्र, रस्टी, अपने कारनामों से पाठकों का मन लुभाता, गुदगुदाता और हँसाता आ रहा है। रस्टी ने पाठकों के मन में अपना एक विशेष स्थान बना लिया है और उसके किस्से-कहानियाँ से पाठक न थकता है, न ऊबता। लंदन से लौटने के बाद रस्टी देहरादून, दिल्ली और शाहगंज में ..