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Short stories

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कामतानाथ की मुख्य पहचान एक कहानीकार के रूप में थी। नयी कहानी के बाद 1960 के दशक में जो युवा कथाकारों की पीढ़ी सामने आईं, वे उसके अग्रणी हस्ताक्षर थे। उनकी कृतियों में वर्गीय दृष्टि और क्रांतिकारी चेतना अलग से ध्यान खींचती है। ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से ‘यशपाल पुरस्कार..
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कृश्न चन्दर उस दौर के बहुत सफल लेखक थे जब अधिकतर लेखक हिन्दी और उर्दू दोनों ही भाषाओं में लिखते थे। शुरुआत उन्होंने उर्दू से की थी लेकिन भारत-विभाजन के बाद हिन्दी में लिखना शुरू किया। कृश्न चन्दर का बचपन जम्मू के पुंछ क्षेत्र में बीता और उनकी बहुत-सी कहानियाँ कश्मीर की पृष्ठभूमि पर लिखी गई हैं। वामप..
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श्री भगवतीचरण वर्मा ने यद्यपि कहानियाँ कम ही लिखी हैं, उनकी गणना हिन्दी के अग्रणी कथाकारों में की जाती है। ‘दो बांके’, ‘आवारे’ आदि उनकी ऐसी कहानियाँ हैं, जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। प्रस्तुत संकलन में उन्होंने स्वयं अपने समग्र कहानी-लेखन में से बारह श्रेष्ठ कहानियाँ चुनी हैं, और अपने लेखन के संब..
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हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में कमलेश्वर की कहानियों का ऊँचा स्थान है। कहानी को एक सार्थक और समानतापरक मोड़ देने में इनका बड़ा हाथ रहा है। इस संकलन में कमलेश्वर की अपनी प्रिय कहानियाँ, उनकी कहानी-सम्बन्धी मूल धारणाओं को व्यक्त करने वाली भूमिका के साथ, संकलित हैं।..
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अपने छोटे-से जीवन-काल में रांगेय राघव ने जो कीर्तिमान स्थापित किए, वह कई लेखकों को लंबे संघर्ष के बाद भी प्राप्त नहीं होते। उपन्यासों की तरह ही उनकी कहानियाँ भी काफी लोकप्रिय हैं। उनकी कहानियों की विषय-वस्तु आम जन-जीवन से ली गई है जिससे पाठक सहज ही तादात्म्य स्थापित कर लेता है। प्रस्तुत पुस्तक में र..
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वर्ष 2009 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित अमरकान्त विशेष रूप से अपनी कहानियों के लिए चर्चित रहे। ‘ज़िन्दगी और जोंक’, ‘देश के लोग’, ‘मौत का नगर’, ‘मित्र मिलन’ और ‘कुहासा’ आदि उनके बारह कहानी संग्रह और ‘इन्हीं हथियारों से’, ‘बीच की दीवार’, ‘सूखा पत्ता’ आदि ग्यारह उपन्यास प्र..
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आधुनिक हिन्दी कहानी के सफ़र में भीष्म साहनी एक महत्त्वपूर्ण नाम है। उनकी सर्वाधिक प्रिय कहानियों के इस संकलन में जीवन और समाज से गहरे जुड़े प्रश्नों को प्रस्तुत किया गया है। इनमें से अनेक कहानियाँ बेहद चर्चित हुई हैं। विशेष रूप से लिखी उनकी भूमिका हिन्दी कहानी की अनेक समस्याओं को उठाती है।..
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प्रेमचंद के बाद के कथाकारों में अमृतलाल नागर का स्थान बहुत ऊँचा है, और उन्हें हिन्दी साहित्य को विश्व स्तर पर ले जाने का गौरव प्राप्त है। उपन्यासों की भांति उनकी कहानियाँ भी सभी रंगों में लिखी गई हैं और बहुत पसंद की जाती रही हैं। इस संकलन के लिए उन्होंने स्वयं कहानियाँ चुनी हैं जो उनकी समग्र कथायात्..
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प्रख्यात साहित्यकार ‘अज्ञेय’ ने यद्यपि कहानियाँ कम ही लिखीं और एक समय के बाद कहानी लिखना बिलकुल बंद कर दिया-परंतु हिन्दी कहानी को आधुनिकता की दिशा में एक नया और स्थायी मोड़ देने का श्रेय भी उन्हीं को प्राप्त है। इस संग्रह में इस प्रकार की सभी कहानियाँ, कहानी-लेखन संबंधी उनके महत्त्वपूर्ण विचारों के ..
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असग़र वजाहत हिन्दी कहानीकारों की भीड़ में शामिल एक दो पाया नहीं, बल्कि एक मुक़म्मल शख़्सियत है। कहानी, उपन्यास, नाटक, सिनेमा, पेंटिंग तक अपने पंख फैलाये वह सिर्फ़ इंसानी फ़ितरत की बात सोचता है और उसे रचना में रूपांतरित करता रहता है। असग़र की इसी रचनात्मक बेचैनी से निकली हैं ये कहानियां। ‘मेरी प्रिय ..
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जिसके लिए हर रचना जीवन-मरण का प्रश्न हो, उसकी संवेदना की गहराई कितनी होगी-यह उत्सुकता स्वाभाविक है। व्यास सम्मान और साहित्य अकादमी (केन्द्रीय) पुरस्कार से सम्मानित गोविन्द मिश्र का लेखन विविध और विस्तृत है, जिसमें उपन्यास, कहानियाँ, यात्रावृत्त, निबन्ध, कविताएँ और बालकथाएँ...यहाँ तक कि आलोचना भी है...
₹ 110.00
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अश्क एक प्रगतिशील यथार्थवादी लेखक थे जिनकी कहानियों में सच्चाई का बहुत ही दिल को छूने वाला वर्णन मिलता है। बीस साल की उम्र में उनकी कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ और उनकी दूसरी कहानी-संग्रह की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी थी। अपने को लेखन में पूरी तरह समर्पित करने से पहले उन्होंने ऑल इंडिया ..
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