द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूर्ण चरित्र है-परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्रायः छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट पक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण वे इसके साथ न्याय करने में पूर्ण सफल हुई हैं। डा. ..
द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूर्ण चरित्र है-परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्रायः छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट पक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण वे इसके साथ न्याय करने में पूर्ण सफल हुई हैं। डा. ..
गिरिराज किशोर मानवमात्र के मनोभावों को शब्दों में उतार कर किस तरह कहानियों का ताना-बाना बुनते हैं, यह उनके इस कहानी-संग्रह में संकलित कहानियों में देखा जा सकता है। ‘कविताएं’ कहानी में मृत्युशैया पर पड़ी पत्नी के सिरहाने बैठे पति की अन्तव्र्यथा, ‘फाइल दाखिल दफ्तर’ में पुत्र और बहू की गुमशुदगी से परेशा..
एक अधूरा उपन्यास लेखिका आमेली नोतों का पहला उपन्यास है जो उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में लिखा था। इसके साथ ही वे एक विलक्षण लेखिका के रूप में स्थापित हो गयीं। तब से लेकर अब तक उनका हर साल एक नया उपन्यास प्रकाशित होता आ रहा है। पन्द्रह से अधिक भाषाओं में उनके उपन्यासों के अनुवाद हो चुके हैं। 1999 में उ..
एक अधूरा उपन्यास लेखिका आमेली नोतों का पहला उपन्यास है जो उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में लिखा था। इसके साथ ही वे एक विलक्षण लेखिका के रूप में स्थापित हो गयीं। तब से लेकर अब तक उनका हर साल एक नया उपन्यास प्रकाशित होता आ रहा है। पन्द्रह से अधिक भाषाओं में उनके उपन्यासों के अनुवाद हो चुके हैं। 1999 में उ..
पद्मभूषण से सम्मानित अमृतलाल नागर की गिनती बीसवीं सदी के हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखकों में होती है। उनके लेखन की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे अपनी कहानियों और उपन्यासों में पात्रों का ऐसा चित्रण करते थे जो कि कहानी खत्म होने के बाद भी लम्बे समय तक पाठक के दिलोदिमाग पर छाये रहते थे। इसी खूबी के कारण..
हिन्दी साहित्य के सागर में से गागर भरते हुए पहली बार ऐसी कहानियाँ एक जिल्द में संकलित हैं जिनके शीर्षक में आया गिनती का अंक न केवल उत्सुकता जगाता है बल्कि हिन्दी कहानी की व्यापकता और गहराई से भी पाठकों को जोड़ता है। प्रेमचन्द, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, हरिशंकर परसाई, रवीन्द्र कालिया से लेकर स्वयंप्रकाश और अ..
कृश्न चन्दर के लोकप्रिय उपन्यास 'एक गधे की आत्मकथा' में आदमी की भाषा में बोलने वाले एक गधे के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर करारा व्यंग किया गया है। इस उपन्यास के विचित्र संसार में सरकारी दफ्तरों के निठल्ले आफीसर, लाइसेंस के चक्कर में घूमने वाले व्यवसायी, चुनाव के जोड़-तोड़ में लगे नेता, साहित..
‘एक इंच मुस्कान’ कथाकार-युगल राजेन्द्र यादव और मन्नू भंडारी का सहयोगी रूप से लिखित एक अत्यन्त रोचक उपन्यास है। एक प्रयोग और एक श्रेष्ठ कथाकृति, दोनों ही दृष्टियों से यह एक सफल रचना है। अब तक इस प्रकार के प्रयोग प्रायः असफल सिद्ध हुए थे। लेकिन ‘एक इंच मुस्कान’ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि प्रभाव, गठन..
एक लड़की पानी-पानी जीवन और पानी के गहरे रिश्तों को रेखांकित करने वाला अपने ढंग का अनूठा उपन्यास है। सूखे की आशंका के दृश्य के साथ शुरू हुए इस उपन्यास की कथा के केंद्र में पानी है। जल के बिना जीवन कैसा हो जाएगा इसकी भयावह छायाएँ हैं। कहानी शुरू होती है लड़कियो के एक होस्टल से, उनके मुक्त जीवन की उन्म..
प्रसिद्ध उपन्यासकार कृष्ण बलदेव वैद की गणना आज के सबसे महत्त्वपूर्ण लेखकों में की जाती है। उपन्यास तथा कहानियों के अतिरिक्त नाट्य लेखन और अनुवाद के क्षेत्र में भी उन्होंने अपना अप्रतिम स्थान बना लिया है। अपनी कृतियों में उन्होंने सदा नवीन प्रयोग किए हैं जो चमत्कृत करने के साथ विशिष्ट अर्थपूर्ण भी सि..
‘‘यह मेरा पहला उपन्यास है। लिखा सन् 1956 में गया था, यह उसी समय पूरा का पूरा हंस में छपा था। फिर सन् 68-69 या शायद इसके बाद श्री प्रेम कपूर ने इस पर फ़िल्म बनाई ‘बदनाम बस्ती’। मेरे लिए यह उपन्यास उतना ही प्रिय है जितनी प्रिय मेरे लिए मेरी माँ और मेरी जन्मभूमि मैनपुरी। तब यह उपन्यास बदनाम बस्ती के ना..