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Thrillers

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"इन पर्चियों को मैं ताश के पत्तों की तरह फेंटूँ और उन्हें मेज़ पर फैला दूँ। दरअसल यही तो थी, फ़िलहाल मेरी ज़िन्दगी? सो मेरी सारी हदें, इस वक्त, करीब इन बीस असंगत नाम और पतों तक ही सीमित थीं जिनके बीच मैं, महज एक कड़ी था? और क्यों ये ही सारे नाम थे बजाय किन्हीं और नामों के? क्या साम्यता थी, मुझमें और..
₹ 280.00
Ex Tax:₹ 280.00
"इन पर्चियों को मैं ताश के पत्तों की तरह फेंटूँ और उन्हें मेज़ पर फैला दूँ। दरअसल यही तो थी, फ़िलहाल मेरी ज़िन्दगी? सो मेरी सारी हदें, इस वक्त, करीब इन बीस असंगत नाम और पतों तक ही सीमित थीं जिनके बीच मैं, महज एक कड़ी था? और क्यों ये ही सारे नाम थे बजाय किन्हीं और नामों के? क्या साम्यता थी, मुझमें और..
₹ 185.00
Ex Tax:₹ 185.00
2014 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विश्वस्तरीय फ्रांसीसी लेखक, पाट्रिक मोदियानो, की गिनती इक्कीसवीं सदी के महत्त्वपूर्ण लेखकों में की जाती है। उनके अधिकांश उपन्यासों में मुख्य पात्र अपने अस्तित्व, बीती हुई यादों, पीछे छूटे लम्हों की खोज में लगे होते हैं। हनीमून में भी मुख्य पात्र, ज़..
₹ 375.00
Ex Tax:₹ 375.00
2014 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विश्वस्तरीय फ्रांसीसी लेखक, पाट्रिक मोदियानो, की गिनती इक्कीसवीं सदी के महत्त्वपूर्ण लेखकों में की जाती है। उनके अधिकांश उपन्यासों में मुख्य पात्र अपने अस्तित्व, बीती हुई यादों, पीछे छूटे लम्हों की खोज में लगे होते हैं। हनीमून में भी मुख्य पात्र, ज़..
₹ 195.00
Ex Tax:₹ 195.00
जाँ दारागान एकान्त-पसन्द लेखक है जो पेरिस के शोरोगुल से दूर शान्ति से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। उसके शान्तमय जीवन में ऐसी उथल-पुथल मच जाती है जब सितम्बर की एक दोपहर को ओतोलीनी नामक एक व्यक्ति का फ़ोन आता है। ओतोलीनी के हाथ आयी है जाँ दारागान की पुरानी नोटबुक, जिसमें एक विशेष व्यक्ति का नाम दर्ज है..
₹ 240.00
Ex Tax:₹ 240.00
जाँ दारागान एकान्त-पसन्द लेखक है जो पेरिस के शोरोगुल से दूर शान्ति से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। उसके शान्तमय जीवन में ऐसी उथल-पुथल मच जाती है जब सितम्बर की एक दोपहर को ओतोलीनी नामक एक व्यक्ति का फ़ोन आता है। ओतोलीनी के हाथ आयी है जाँ दारागान की पुरानी नोटबुक, जिसमें एक विशेष व्यक्ति का नाम दर्ज है..
₹ 160.00
Ex Tax:₹ 160.00
मैं गुमशुदा कहानी है डिक्टेटिव गी रोलाँ की, जो अपना असली अस्तित्व और बीती ज़िन्दगी की हकीकत जानने की खोज पर निकल पड़ता है। गी रोलाँ अपनी याददाश्त खो चुका है और शायद इसलिए अपने अतीत को जानना-समझना उसके लिए बहुत ज़रूरी है। जैसे-जैसे गी अपने जीवन के बीते वर्षों की परतें हटाता है तो उसे लगता है कि वह अप..
₹ 425.00
Ex Tax:₹ 425.00
मैं गुमशुदा कहानी है डिक्टेटिव गी रोलाँ की, जो अपना असली अस्तित्व और बीती ज़िन्दगी की हकीकत जानने की खोज पर निकल पड़ता है। गी रोलाँ अपनी याददाश्त खो चुका है और शायद इसलिए अपने अतीत को जानना-समझना उसके लिए बहुत ज़रूरी है। जैसे-जैसे गी अपने जीवन के बीते वर्षों की परतें हटाता है तो उसे लगता है कि वह अप..
₹ 245.00
Ex Tax:₹ 245.00
‘‘मैं वीनज़ मार्ग पर निकल गया, उसी रात की तरह। यह रास्ता अभी भी अंधकारमय था। शायद वहाँ पर बिजली में कोई गड़बड़ी थी। मुझे उस बार या रेस्तरां की तख़्ती चमकती हुई नज़र आ रही थी, लेकिन रोशनी इतनी कमज़ोर थी कि सड़क के मोड़ से एकदम पहले खड़ी एक गाड़ी का सांवला सा ढेर, मुश्किल से ज़ाहिर हो रहा था। जब मैं व..
₹ 175.00
Ex Tax:₹ 175.00
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