वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षाम: और सोमनाथ जैसे सुप्रसिद्ध उपन्यासों के लेखक आचार्य चतुरसेन के इस उपन्यास की पृष्ठभूमि बारहवीं ईस्वी सदी का बिहार है जब बौद्ध धर्म कुरीतियों के कारण पतन की ओर तेज़ी से बढ़ रहा था। कहानी है बौद्ध भिक्षु दिवोदास की, जो धर्म के नाम पर होने वाले दुराचारों को देखकर विद्रोह कर..
देवदास, पारो और चंद्रमुखी -ये तीनो किरदार प्रेम के ऐसे प्रतीक बन गये है की उनकी गिनती लैला -मजनू , शीरी फरहाद , हीर -राँझा के साथ होने लगी . बीसवी सदी के बंगाल के जमीदार समाज की पृष्टभूमि में स्थित यह एक मार्मिक प्रेमगाथा है . इसमें देवदास को अपने बचपन के साथी पारो से अटूट प्यार है लेकिन यह प्यार पर..
श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास-ऐतिहासिक अध्ययन और यथार्थ सम्मत दृष्टि से महान पुरुषार्थी, योगेश्वर श्रीकृष्ण का सामान्य मनुष्य के रूप में चित्रण-यशस्वी उपन्यासकार रांगेय राघव की कलम से।..
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास ‘ढाई घर’ के लेखक गिरिराज किशोर प्रख्यात उपन्यासकार, सफल कहानीकार, नाटककार और निबन्धकार भी हैं। और यह केवल इसलिए कि उनका लेखन ज़िन्दगी की विविधताओं और जटिलताओं को समझने और जीने में मदद करता है। उनकी कहानियों में भी यह गुण पूरी तरह विद्यमान है। मुज़फ्फरनगर (..
‘‘संक्षेप में हिन्दी जगत का विभाजन दो भागों में किया जा सकता है - एक वो, जिन्होंने मुश्ताक अहमद यूसुफ़ी को पढ़ा है, दूसरे वो, जिन्होंने नहीं पढ़ा है। जिन्होंने नहीं पढ़ा है वो फौरन पढ़ जायें और इस किताब से शुरुआत करें, जिन्होंने मुश्ताक साहब को पढ़ा है उनसे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं।’’ - आलोक पुराणिक,..
धर्मपुत्र मनुष्य की अस्मिता के बारे में मूल प्रश्न उठाता है-क्या किसी इंसान का अस्तित्व इस बात पर निर्भर है कि वह किस परिवार में जन्मा या उसे किस प्रकार की शिक्षा संस्कार दिए गए या फिर इंसान की अस्मिता धर्म, शिक्षा और संस्कारों से परे इंसानियत से जुड़े जीवन-मूल्यों से है। यह कहानी है हिन्दू और मुसलम..
‘पद्यमभूषण’ से सम्मानित लेखक विष्णु प्रभाकर का यह कहानी-संकलन हिन्दी साहित्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। इसमें लेखक ने जिन चुनिंदा सोलह कहानियों को लिया है उन की दिलचस्प बात यह है कि अपनी हर कहानी से पहले उन्होंने उस घटना का भी उल्लेख किया है जिसने उन्हें कहानी लिखने की प्रेरणा दी।..
स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन चरित पर आधारित है रांगेय राघव का यह उपन्यास। आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धांतों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं। कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और स..
धूल और सुस्ती में लिपटा पीपलनगर उत्तर भारत का एक छोटा-सा शहर है जहाँ ज़िंदगी बड़ी धीमी गति से चलती है और एक दिन से दूसरे दिन में कोई फर्क नहीं लगता। न कोई बड़ी घटना घटती और न ही बड़ी कोई खबर पैदा होती है। छोटे-से पीपल नगर के वासियों के सपने भी छोटे हैं जिनकी उड़ान दिल्ली पहुँच कर रुक जाती है। नाई दी..
धूल और सुस्ती में लिपटा पीपलनगर उत्तर भारत का एक छोटा-सा शहर है जहाँ ज़िंदगी बड़ी धीमी गति से चलती है और एक दिन से दूसरे दिन में कोई फर्क नहीं लगता। न कोई बड़ी घटना घटती और न ही बड़ी कोई खबर पैदा होती है। छोटे-से पीपल नगर के वासियों के सपने भी छोटे हैं जिनकी उड़ान दिल्ली पहुँच कर रुक जाती है। नाई दी..
शीर्षस्थ स्वातंत्य योद्धा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की अप्रतिम जीवन गाथा...अग्रणी राजनेताओं के औपन्यासिक जीवन-चरित्रों के सिद्ध लेखक राजेन्द्रमोहन भटनागर द्वारा।..