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हास्य-व्यंग्य - Best Of Alhad Bikaneri

हास्य-व्यंग्य - Best Of Alhad Bikaneri
बेस्ट ऑफ अल्हड़ बीकानेरी दोउ कर जोरे, खीस निपोरे हर वोटर पर डालें डोरे चपरासी को बोलें चाचा पुलिसमैन को कहें पिताजी वोट माँगन निकले नेताजी। चाल रेशमी, ढाल रेशमी काँधे ऊपर शॉल रेशमी सिर पर खादी-कैप ओढ़कर लगें लोमड़ी के फूफाजी वोट माँगन निकले नेताजी। आगे झंडे, पीछे डंडे दाएँ-बाएँ दस मुसटंडे आरती-वंदन करे चमचियाँ थैली भेंट करें चमचाजी वोट माँगन निकले नेताजी। घर-घर डोलें, वोट टटोलें नई दुल्हन को बहना बोलें दूल्हे के आगे मिमियाएँ ‘वोट हमें देना जीजाजी’ वोट माँगन निकले नेताजी। —इसी संकलन से सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्यकार श्री अल्हड़ बीकानेरी सन् 1962 से ही श्रोता-पाठकों को गजल-गीत की रसधारा में डुबकियाँ लगवाते रहे हैं। जिन सामाजिक रूढ़ियों, आर्थिक दुश्‍च‌िंताओं, राजनीतिक विडंबनाओं, प्रशासनिक विसंगतियों तथा क्षणभंगुर जीवन की विद्रूपताओं ने कवि के अंतर्मन को भीतर तक कचोटा है, उन्हीं का कच्चा चिट्ठा हैं, अल्हड़जी की ये श्रेष्‍ठ कविताएँ। अनुक्रमवाह, वाह! Pgs—७इक समुंदरसा उमड़ता है हसीं चेहरों का Pgs—९१. हे लतीफों के लिखैया Pgs—१७२. होंठों से छुआ के मूँगफली Pgs—२१३. पूत-सपूत Pgs—२७४. पूत-कपूत Pgs—२९५. कच्चे भूत Pgs—३१६. हर गंगे Pgs—३२७. ‘बेलन’ स्तुति Pgs—३४८. घाट-घाट घूमे Pgs—३७९. ज्योतिष-पुराण Pgs—४०१०. बुड्ढी घोड़ी लाल लगाम Pgs—४५११. प्रतिभा पलायन Pgs—४८१२. कवि-मीमांसा Pgs—४९१३. कविता मुत हुई बदनाम Pgs—५०१४. मार्केट-वैल्यू Pgs—५२१५. गिरगिट-गाथा Pgs—५३१६. रोए बाप हँसे हज्जाम  Pgs—५८१७. घोटालों का मेला Pgs—६११८. चुनाव चक्रम् Pgs—६२१९. शारदा-स्तुति Pgs—६४२०. समय का फेर Pgs—६६२१. दो नावों की सवारी Pgs—६७२२. हे दयालु नेता Pgs—६८२३. कोई बोलता नहीं  Pgs—७०२४. पराया माल अपना  Pgs—७२२५. मनहूस अफसर Pgs—७६२६. नई पड़ोसिन Pgs—७७२७. तैमूरलंग Pgs—८०२८. नौटंकी लाल Pgs—८२२९. घर बैठ जा Pgs—८४३०. नेता की बातें Pgs—८५३१. दिल्ली का बाबू Pgs—८८३२. मन-दरपन में झाँक Pgs—९०३३. रूप निरख मत रीझ Pgs—९१३४. निज औकात न भूल Pgs—९२३५. मन की आँख न मीच Pgs—९३३६. आँख मूँद कर नाच Pgs—९४३७. अब तो आँसू पोंछ  Pgs—९५३८. कलियों के प्यार में Pgs—९६३९. अपनी नोड़ तू Pgs—९८४०. आदत नहीं Pgs—१०१४१. वाब में मिनिस्टर Pgs—१०३४२. हाय मेरी कुरसी Pgs—१०५४३. कुदरत का कमाल Pgs—१०८४४. राजनेताओं का धारावाहिक चित्रहार Pgs—११०४५. हीरो अड़तीसा Pgs—११७४६. हर हाल में खुश हैं Pgs—११९४७. खतरे का भोंपू Pgs—१२५४८. कविता के सिवा... १२८४९. म्हारा बाळकपण (हरियाणवी) Pgs—१३०५०. श्री ‘अमिताभ’ चालीसा Pgs—१३५५१. गुरुवंदना Pgs—१४०५२. चुनाव घोषणापत्र Pgs—१४३५३. चमत्कार चमचों के Pgs—१४७५४. मूसलचंद Pgs—१५१५५. इकीसवीं सदी में  Pgs—१५४५६. पूनम का चाँद Pgs—१५६५७. कमाल देखते रहे Pgs—१५९५८. पुराना अखबार Pgs—१६१५९. कलियुगी रसिया   Pgs—१६३६०. मैडम की मेहरबानियाँ Pgs—१६६

हास्य-व्यंग्य - Best Of Alhad Bikaneri

Best Of Alhad Bikaneri - by - Prabhat Prakashan

Best Of Alhad Bikaneri - बेस्ट ऑफ अल्हड़ बीकानेरी दोउ कर जोरे, खीस निपोरे हर वोटर पर डालें डोरे चपरासी को बोलें चाचा पुलिसमैन को कहें पिताजी वोट माँगन निकले नेताजी। चाल रेशमी, ढाल रेशमी काँधे ऊपर शॉल रेशमी सिर पर खादी-कैप ओढ़कर लगें लोमड़ी के फूफाजी वोट माँगन निकले नेताजी। आगे झंडे, पीछे डंडे दाएँ-बाएँ दस मुसटंडे आरती-वंदन करे चमचियाँ थैली भेंट करें चमचाजी वोट माँगन निकले नेताजी। घर-घर डोलें, वोट टटोलें नई दुल्हन को बहना बोलें दूल्हे के आगे मिमियाएँ ‘वोट हमें देना जीजाजी’ वोट माँगन निकले नेताजी। —इसी संकलन से सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्यकार श्री अल्हड़ बीकानेरी सन् 1962 से ही श्रोता-पाठकों को गजल-गीत की रसधारा में डुबकियाँ लगवाते रहे हैं। जिन सामाजिक रूढ़ियों, आर्थिक दुश्‍च‌िंताओं, राजनीतिक विडंबनाओं, प्रशासनिक विसंगतियों तथा क्षणभंगुर जीवन की विद्रूपताओं ने कवि के अंतर्मन को भीतर तक कचोटा है, उन्हीं का कच्चा चिट्ठा हैं, अल्हड़जी की ये श्रेष्‍ठ कविताएँ। अनुक्रमवाह, वाह!

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  • Stock: 10
  • Model: PP2966
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2966
  • ISBN: 9788173156915
  • ISBN: 9788173156915
  • Total Pages: 168
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00