हास्य-व्यंग्य - Apane Yahan Sab Chalta Hai
इस मुल्क में सब ठीक चल रहा है। नेतागीरी, भाईगीरी, दादागीरी, गुंडागर्दी, चंदा-उगाही चल रही है। माफियागीरी चल रही है। गांधीगीरी-अन्नागीरी चल रही है। तरह-तरह के बेमेल खेल और खिचड़ी गठबंधन चल रहे हैं। हवाला, घोटाला, भ्रष्टाचार चल रहे हैं। अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं। ट्वेंटी फोर आवर बे-लगाम चैनल चल रहे हैं। संसद् से पंचायतों तक जुबानें चल रही हैं। राजपथों पर चमचमाती कारें चल रही हैं। सरकारें चल रही हैं। आतंकवाद चल रहा है। बयानबाजियाँ चल रही हैं। जूता-लात चलाते हुए जो जहाँ पर भी है, सब अपना धंधा चालू किए पड़े हैं। ऐसे ही तमाम चुटीले सूत्र-वाक्यों से भरा पड़ा है—सूर्यकुमार पांडेय का यह व्यंग्य संग्रह ‘अपने यहाँ सब चलता है’।
हास्य-व्यंग्य - Apane Yahan Sab Chalta Hai
Apane Yahan Sab Chalta Hai - by - Prabhat Prakashan
Apane Yahan Sab Chalta Hai -
- Stock: 10
- Model: PP3001
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP3001
- ISBN: 9789380186627
- ISBN: 9789380186627
- Total Pages: 160
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00