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कहानी - Best Of Kaka Hathrasi

कहानी - Best Of Kaka Hathrasi
हास्य-ऋषि काका हाथरसी ने न केवल हिंदी कवि सम्मेलन के मंच पर हास्य को स्थापित किया, बल्कि उसको बहुत ऊँचा स्थान भी दिलाया। लोकप्रियता के शिखर पुरुष काका ने अपनी तुकांत एवं अतुकांत कविताओं के साथ अपने हास्य में जीवन की व्यापक विसंगतियों को समेटा। काकी के माध्यम से उन्होंने नारी को गरिमा प्रदान की। ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’ या ‘लिंग भेद’ जैसी कविताएँ उनकी गहरी निरीक्षण क्षमता और खोजपूर्ण दृष्टि की परिचायक हैं।प्रस्तुत संकलन में उनकी वे कविताएँ हैं, जो कविता प्रेमियों के हृदय-पटल पर राज करती आई हैं। यों काका की श्रेष्ठ कविताएँ एक संकलन के लिए छाँटना कठिन कार्य था, लेकिन इन कविताओं ने हास्य का इतिहास बनाया है। निर्मल हास्य द्वारा समाज में कैसे सुधार किया जा सकता है, ये कविताएँ हमें हँसाती हैं और यही सब सिखाती हैं।अनुक्रम काका के कहकहे — Pgs. 5 1. गणपति बप्पा मोरिया — Pgs. 17 2. मूँछ माहात्म्य — Pgs. 19 3. दहेज की बारात — Pgs. 22 4. चुनाव-चातुर्य — Pgs. 26 5. चाय-चक्रम् — Pgs. 29 6. श्वान महान — Pgs. 32 7. न्यायालय में भष्टालय — Pgs. 33 8. चुनाव-चक्कर — Pgs. 35 9. पिल्ला — Pgs. 37 10. दाढ़ी-महिमा — Pgs. 38 11. मसूरी-यात्रा — Pgs. 40 12. ‘सु’ की सुराही — Pgs. 45 13. हिंदी बनाम अँगरेजी — Pgs. 48 14. काका की ऊँटगाड़ी — Pgs. 49 15. शिव का धनुष — Pgs. 51 16. सच्चा विद्यार्थी — Pgs. 53 17. कॉलिज स्टूडेंट — Pgs. 54 18. जम और जँवाई — Pgs. 55 19. कान महान् — Pgs. 58 20. असली और नकली — Pgs. 62 21. वर-विरोध — Pgs. 62 22. तेली कौ ब्याह — Pgs. 63 23. टिट फार टैट — Pgs. 63 24. नाम बड़े, दर्शन छोटे — Pgs. 64 25. नाम बड़े हस्ताक्षर खोटे — Pgs. 70 26. बनारसी साड़ी — Pgs. 74 27. लिंग-भेद — Pgs. 77 28. निष्काम हड़ताल — Pgs. 80 29. नेता-नीति — Pgs. 80 30. बर्थ-कंट्रोल — Pgs. 81 31. रिश्वत — Pgs. 83 32. फाइल-महिमा — Pgs. 83 33. मिलावट — Pgs. 85 34. कार-चमत्कार — Pgs. 87 35. कर्जा — Pgs. 90 36. सुपुत्र — Pgs. 90 37. चोरी की रपट — Pgs. 91 38. लोकतंत्रीय प्रेम — Pgs. 93 39. चुनाव संग्राम — Pgs. 93 40. अर्जुन उवाच — Pgs. 94 41. कृष्ण उवाच — Pgs. 95 42. अर्जुन उवाच — Pgs. 98 43. कृष्ण उवाच — Pgs. 99 44. उपसंहार — Pgs. 101 45. बेचारा अध्यापक — Pgs. 101 46. नेत्रदान — Pgs. 101 47. छात्राध्यक्ष का लक्ष्य — Pgs. 102 48. राष्ट्रीय अजगर — Pgs. 107 49. पाँच विचित्र चित्र — Pgs. 110 50. भगवान को ज्ञापन — Pgs. 112 51. विरोध-प्रदर्शन — Pgs. 116 52. यमराज पर फिल्मी जादू — Pgs. 119 53. काका की कार — Pgs. 122 54. रेलमंत्री का थर्डक्लासी स्वप्न — Pgs. 129 55. कलियुगी वंदना — Pgs. 134 56. जय बोलो बेईमान की — Pgs. 136 57. मूर्खिस्तान जिंदाबाद — Pgs. 139 58. प्रसिद्धि-प्रंग — Pgs. 142 59. लाउडस्पीकर वंदना — Pgs. 144 60. काका-काकी संवाद — Pgs. 148 61. ला-‘कर’ — Pgs. 150 62. हिप्पीवाद — Pgs. 150 63. तदबीर-तकदीर — Pgs. 150 64. चंदे के फंदे — Pgs. 152 65. मुफ्तखोर — Pgs. 154 66. कंजूस-कथा — Pgs. 157 67. स्वतंत्रता का लाभ उठाओ! — Pgs. 161 68. ‘काका’ के पद — Pgs. 164 69. नवीन प्रकाश चाहिए — Pgs. 166 70. डंडा-प्रार्थना — Pgs. 169 71. क्या चमका मेरा भाग, सखे! — Pgs. 171 72. भगवान मुझे ऐसा वर दे! — Pgs. 17 

कहानी - Best Of Kaka Hathrasi

Best Of Kaka Hathrasi - by - Prabhat Prakashan

Best Of Kaka Hathrasi - हास्य-ऋषि काका हाथरसी ने न केवल हिंदी कवि सम्मेलन के मंच पर हास्य को स्थापित किया, बल्कि उसको बहुत ऊँचा स्थान भी दिलाया। लोकप्रियता के शिखर पुरुष काका ने अपनी तुकांत एवं अतुकांत कविताओं के साथ अपने हास्य में जीवन की व्यापक विसंगतियों को समेटा। काकी के माध्यम से उन्होंने नारी को गरिमा प्रदान की। ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’ या ‘लिंग भेद’ जैसी कविताएँ उनकी गहरी निरीक्षण क्षमता और खोजपूर्ण दृष्टि की परिचायक हैं।प्रस्तुत संकलन में उनकी वे कविताएँ हैं, जो कविता प्रेमियों के हृदय-पटल पर राज करती आई हैं। यों काका की श्रेष्ठ कविताएँ एक संकलन के लिए छाँटना कठिन कार्य था, लेकिन इन कविताओं ने हास्य का इतिहास बनाया है। निर्मल हास्य द्वारा समाज में कैसे सुधार किया जा सकता है, ये कविताएँ हमें हँसाती हैं और यही सब सिखाती हैं।अनुक्रम काका के कहकहे — Pgs.

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  • Stock: 10
  • Model: PP840
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP840
  • ISBN: 9789351862888
  • ISBN: 9789351862888
  • Total Pages: 176
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00