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पर्यावरण : प्रदूषण - Paryavaran : Satat Vikas Evam Jeevan

पर्यावरण : प्रदूषण - Paryavaran : Satat Vikas Evam Jeevan
दुनिया के 184 देशों के पंद्रह हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों ने बढ़ती आबादी और प्रदूषण के चलते बदलते पर्यावरण को मानव-अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पर्यावरण पर पड़ रहे घातक असर अल्पकालीन नहीं हैं, ये दूर तक जाएँगे और इनका सीधा असर गरीब ही नहीं, बल्कि अमीर भी भुगतेंगे। सुखद बात यह है कि विश्व स्तर पर राष्ट्रों ने ‘सतत विकास 2030’ का एजेंडा अपनाया है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने हेतु ‘पेरिस समझौता 2015’ के अंतर्गत विश्व तापमान को 2 सेंटीग्रेड से कम रखने का निश्चय किया है। भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस की स्थापना करके सौर ऊर्जा के उत्पादन में भारी सफलता अर्जित की है। देश में बढ़ती हरियाली, बाघों की बढ़ती संख्या, नदियों का जुड़ना, स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे, स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं समुचित उपभोग ने पर्यावरण के सतत विकास हेतु हमारी प्रतिबद्धता बढ़ाई है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करनेवाली पठनीय कृति।अनुक्रमप्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा —Pgs.(महामहिम राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का संदेश) —Pgs. 5प्रस्तावना —Pgs. 71. पर्यावरण :  सतत विकास एवं जीवन —Pgs. 132. वन, वन्यजीव, वनवासी एवं गरीबी उन्मूलन —Pgs. 613. जैव विविधता का संरक्षण एवं उपयोग —Pgs. 1014. भूमि/मृदा : प्रदूषण एवं उपचार —Pgs. 1185. टिकाऊ, सेहतमंद और पर्यावरणसम्मत जैविक खेती —Pgs. 1316. जल पेयता, जल प्रदूषण तथा जलजन्य रोग —Pgs. 1547. वायु प्रदूषण —Pgs. 1788. प्राकृतिक आपदाएँ एवं उनका प्रबंधन —Pgs. 1889. मरुस्थलीकरण का पर्यावरण पर प्रभाव —Pgs. 206

पर्यावरण : प्रदूषण - Paryavaran : Satat Vikas Evam Jeevan

Paryavaran : Satat Vikas Evam Jeevan - by - Prabhat Prakashan

Paryavaran : Satat Vikas Evam Jeevan - दुनिया के 184 देशों के पंद्रह हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों ने बढ़ती आबादी और प्रदूषण के चलते बदलते पर्यावरण को मानव-अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पर्यावरण पर पड़ रहे घातक असर अल्पकालीन नहीं हैं, ये दूर तक जाएँगे और इनका सीधा असर गरीब ही नहीं, बल्कि अमीर भी भुगतेंगे। सुखद बात यह है कि विश्व स्तर पर राष्ट्रों ने ‘सतत विकास 2030’ का एजेंडा अपनाया है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने हेतु ‘पेरिस समझौता 2015’ के अंतर्गत विश्व तापमान को 2 सेंटीग्रेड से कम रखने का निश्चय किया है। भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस की स्थापना करके सौर ऊर्जा के उत्पादन में भारी सफलता अर्जित की है। देश में बढ़ती हरियाली, बाघों की बढ़ती संख्या, नदियों का जुड़ना, स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे, स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं समुचित उपभोग ने पर्यावरण के सतत विकास हेतु हमारी प्रतिबद्धता बढ़ाई है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करनेवाली पठनीय कृति।अनुक्रमप्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा —Pgs.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1361
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1361
  • ISBN: 9789386870698
  • ISBN: 9789386870698
  • Total Pages: 224
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2019
₹ 450.00
Ex Tax: ₹ 450.00