पर्यावरण : प्रदूषण - Gandagi Ke Maharathi (Pb)
एक सवाल जो मुझसे बार-बार पूछा गया ‘किताब में या है?’ जैसे फिशन है या नॉन फिशन है, कहानी है, व्यंग्य है? एक शद में कहूँ तो किताब ‘रोचक’ है। नदी की तरह सभी को समेटकर बहती है। इसमें व्यंग्यात्मक कहानियों के जरिए गंदगी के महारथियों का परिचय कराया गया है। ये महारथी हमारे आसपास हैं, कुछ के अंश हमारे अंदर भी होंगे, उन्हीं से आधिकारिक परिचय कराना जरूरी था, योंकि बदलाव की पहली शर्त होती है जागरूकता।
दूसरा सवाल जिसे आपको जरूर पूछना चाहिए कि ‘किताब से मुझे या मिलेगा?’ हास्य मिलेगा, अच्छी कहानी मिलेगी या कुछ और? ये किताब आपको इन दोनों चीजों के साथ पैसे बचाने में मदद करेगी। ये आपको, आपके परिवार को और समाज को स्वस्थ रहने में मदद करेगी। बीमारियों पर होनेवाले खर्च को कम करेगी। गंदगी के महारथियों का मजाक उड़ाकर हास्य पैदा करना मकसद नहीं है, बल्कि किताब में समाधान भी है।
व्यंग्य का सत्य तभी सुंदर हो सकता है, जब उसमें समाज के लिए शिव की भावना हो। यह किताब सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: की हमारी सनातन परंपरा की आधुनिक कड़ी है। किताब इस उम्मीद में लिखी गई है कि आप स्वस्थ रहें, आप खुश रहें।
पर्यावरण : प्रदूषण - Gandagi Ke Maharathi (Pb)
Gandagi Ke Maharathi (Pb) - by - Prabhat Prakashan
Gandagi Ke Maharathi (Pb) - एक सवाल जो मुझसे बार-बार पूछा गया ‘किताब में या है?
- Stock: 10
- Model: PP1367
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1367
- ISBN: 9789352666676
- ISBN: 9789352666676
- Total Pages: 184
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Soft Cover
- Year: 2018
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00