वीर सावरकर रचित ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ विश्व की पहली इतिहास पुस्तक है, जिसे प्रकाशन के पूर्व ही प्रतिबंधित होने का गौरव प्राप्त हुआ। इस पुस्तक को ही यह गौरव प्राप्त है कि सन् 1909 में इसके प्रथम गुप्त संस्करण के प्रकाशन से 1947 में इसके प्रथम खुले प्रकाशन तक के अड़तीस वर्ष लंबे कालखंड में इसक..
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारतीय इतिहास का एक ऐसा दिव्य तथा भव्य अध्याय है, जिसमें धर्म, वर्ग, जातियों की सभी दीवारें ध्वस्त हो जाती हैं और जनसमूह के रूप में भारत की आत्मा मुखर होती है| अंग्रेजी तथा वामपंथी इतिहासकार भले ही इस महासमर को गदर या विद्रोह की संज्ञा दें, परंतु यह भारतीय आत्मा की आवाज थी। ..
सच्चा सुख जीवन को भरपूर रूप से जीने में ही है। लेकिन ज़िन्दगी के सफ़र में कुछ क्षण सुख के होते हैं, तो कुछ कष्ट में भी गुज़रते हैं। यह सच है कि कुछ कष्ट उन रोग-विकारों से जाग्रत होते हैं जिन पर हमारा वश नहीं चलता, किन्तु बहुतेरे हमारी अपनी लापरवाही की उपज होते हैं। समाज में फैले तरह-तरह के अंधविश्वा..
जिन लोगों ने देश को स्वाधीन कराने का स्वप्न देखा, इसकी कल्पना की और दृढ निश्चय कर अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, उनका पुण्य स्मरण करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। उनके बलिदान को आज की युवा पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा परम धर्म है। जिस आजादी की हवा में हम साँस ले पा रहे हैं, अपने लिए, अपने घर-परिवार के लिए कुछ ..
संवाद-संलाप—समाज से, अपने बीते हुए से, अपने आज से और अन्ततः अपने आप से—अपने के भी अपने से। उस अपने से जो दिन-रात समय की गर्दिश में तिल-तिल मिटता है, बनता है और इसी मिटने-बनने की प्रक्रिया में कहीं अपने समय और अपने समाज की धड़कनों को कुछ और क़रीब से सुन पाता है—यही गोचर-अगोचर सृष्टि का भीतर से सुनना—आ..
हिंदी प्रकाशन के पुरोधा विश्वनाथ पिछले 65 वर्षों से प्रकाशन क्षेत्र से जुड़े हैं। 1920 में लाहौर में जन्मे विश्वनाथ जी को किशोर अवस्था में प्रकाशन-क्षेत्र में आना पड़ा जब उनके पिता महाशय राजपाल जी की एक मतान्ध कट्टरवादी ने हत्या कर दी। 1927 में देश के विभाजन के पश्चात विश्वनाथ जी ने दिल्ली में पुनः '..
वारेन बफे के गुरु बेंजामिन ग्राहम ने सन् 1934 में कोलंबिया विश्वविद्यालय में वित्त (फाइनेंस) के सह-प्राध्यापक (एसोशिएट प्रोफेसर) डेविड एल. डॉड के साथ मिलकर सिक्योरिटी एनालिसिस, अर्थात् प्रतिभूति विश्लेषण की रचना की थी। यह आज भी स्वामित्व हिस्सेदारियों (शेयर ऑफ स्टॉक) व ऋण प्रतिभूतियों (डेट सिक्योरिट..
एक प्रचलित मान्यता के मुताबिक भारत-यूरोपीय संघ के संबंध को ब्रिटिश प्रिज्म के जरिए बेहतर ढंग से देखा जा सकता है। यह मान्यता भारत में सिकंदर के आगमन और रोमन साम्राज्य के भारत के साथ व्यापार जैसे ऐतिहासिक प्रमाण को नजरअंदाज करती है। हाल के समय में सांस्कृतिक शख्सियत सत्यजित रे कहीं और के बजाय पेरिस मे..
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की श..
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों की श..
‘‘पंचतन्त्र’’ सचित्र कहानियों की एक श्रृंखला है। ये कहानियाँ हज़ारों वर्ष पूर्व राजकुमारों और राजकुमारियों को शिक्षा देने के लिए लिखी गईं। ये कहानियाँ बहुत ही सहज, सरल और आसानी से समझ आने वाले व बड़े ही मनोरंजक ढंग से शिक्षा देती हैं। हर कहानी ईमानदारी, वफ़ादारी, एकता, अच्छे चरित्र और जीवन मूल्यों क..