Health & Fitness - 365 Swasthya Mantra
सच्चा सुख जीवन को भरपूर रूप से जीने में ही है। लेकिन ज़िन्दगी के सफ़र में कुछ क्षण सुख के होते हैं, तो कुछ कष्ट में भी गुज़रते हैं। यह सच है कि कुछ कष्ट उन रोग-विकारों से जाग्रत होते हैं जिन पर हमारा वश नहीं चलता, किन्तु बहुतेरे हमारी अपनी लापरवाही की उपज होते हैं। समाज में फैले तरह-तरह के अंधविश्वास, मिथक और मानव धर्म के उसूलों को ताक पर रख मात्र धन अर्जित करने की लालसा में फैलाए गए मायाजाल और भ्रामक विज्ञापनों से भी हम गुमराह हो कई बार गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं।ज़रूरत सिर्फ़ सच्चाई जानने और फिर जीवन में उसे उतारने की है। हम क्या खाएँ, क्या न खाएँ कि शरीर और मन हृष्ट-पुष्ट रहे; अपने बच्चों की देखभाल और सँभाल हम कैसे करें कि उनका नटखट बचपन फूलों की तरह खिला हुआ और मुस्कराहट से भरा रहे; युवा उम्र में किशोर-किशोरियों के मन में उठनेवाली उलझनें समझ हम उनका सच्चा समाधान दे सकें; स्त्री जीवन में आनेवाली कठिनाइयों और आम समस्याओं से उबरने के सरल नुस्खे हम जान सकें; मातृत्व पर्व का समय सुख में बीते और वैवाहिक जीवन को प्यार के गीतों से सजाए रखने के सुन्दर रहस्य हम जान सकें तो जीवन सदा आनन्द के चिर खिले रहनेवाले फूलों की ख़ुशबू से महकता रहेगा।प्रस्तुत कृति में जीवन से जुड़े इन तमाम व्यावहारिक पहलुओं पर दो-टूक साफ़-सुथरी जानकारी देने के साथ-साथ पेशे से चिकित्सक डॉ. यतीश अग्रवाल और जीवविज्ञानी डॉ. रेखा अग्रवाल ने सलोनी काया, रेशमी बाल, मन-मस्तिष्क की वीणा, अँखियों ही अँखियों में, दाँतों और मसूढ़ों का टोला, द ईएनटी एंड रेस्पीरेटरी क्लीनिक, हार्ट टू हार्ट, डायबिटीज के पेंच, पाचनतंत्र और पेट की नगरी, द किडनी एंड प्रोस्टेट जंक्शन, टीबी का राजरोग, हड्डियों और जोड़ों का चल संसार, फ़र्स्ट एड, दवाओं का बक्सा, जाँच-परीक्षणों की दुनिया, फ़िटनेस क्लब तथा सुहाना सफ़र और छुट्टियों के दिन जैसे साल-भर हर दिन काम आनेवाले विषयों पर प्रामाणिक अद्यतन ज्ञान सरल सूत्रों और आम बोलचाल की भाषा में प्रस्तुत किया है।‘365 स्वास्थ्य मंत्र’ हर घर और हर पुस्तकालय में रखी जानेवाली उपयोगी कृति है जिससे पाठक साल के 365 दिन लाभान्वित हो सकता है।
Health & Fitness - 365 Swasthya Mantra
365 Swasthya Mantra - by - Rajkamal Prakashan
365 Swasthya Mantra - सच्चा सुख जीवन को भरपूर रूप से जीने में ही है। लेकिन ज़िन्दगी के सफ़र में कुछ क्षण सुख के होते हैं, तो कुछ कष्ट में भी गुज़रते हैं। यह सच है कि कुछ कष्ट उन रोग-विकारों से जाग्रत होते हैं जिन पर हमारा वश नहीं चलता, किन्तु बहुतेरे हमारी अपनी लापरवाही की उपज होते हैं। समाज में फैले तरह-तरह के अंधविश्वास, मिथक और मानव धर्म के उसूलों को ताक पर रख मात्र धन अर्जित करने की लालसा में फैलाए गए मायाजाल और भ्रामक विज्ञापनों से भी हम गुमराह हो कई बार गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं।ज़रूरत सिर्फ़ सच्चाई जानने और फिर जीवन में उसे उतारने की है। हम क्या खाएँ, क्या न खाएँ कि शरीर और मन हृष्ट-पुष्ट रहे; अपने बच्चों की देखभाल और सँभाल हम कैसे करें कि उनका नटखट बचपन फूलों की तरह खिला हुआ और मुस्कराहट से भरा रहे; युवा उम्र में किशोर-किशोरियों के मन में उठनेवाली उलझनें समझ हम उनका सच्चा समाधान दे सकें; स्त्री जीवन में आनेवाली कठिनाइयों और आम समस्याओं से उबरने के सरल नुस्खे हम जान सकें; मातृत्व पर्व का समय सुख में बीते और वैवाहिक जीवन को प्यार के गीतों से सजाए रखने के सुन्दर रहस्य हम जान सकें तो जीवन सदा आनन्द के चिर खिले रहनेवाले फूलों की ख़ुशबू से महकता रहेगा।प्रस्तुत कृति में जीवन से जुड़े इन तमाम व्यावहारिक पहलुओं पर दो-टूक साफ़-सुथरी जानकारी देने के साथ-साथ पेशे से चिकित्सक डॉ.
- Stock: 10
- Model: RKP2006
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP2006
- ISBN: 0
- Total Pages: 430p
- Edition: 2013, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2013
₹ 399.00
Ex Tax: ₹ 399.00