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राजनीति : सामाजिक - 1857 Ke Pratham Swatantrata Sangram Ki Patrakarita

राजनीति : सामाजिक - 1857 Ke Pratham Swatantrata Sangram Ki Patrakarita
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारतीय इतिहास का एक ऐसा दिव्य तथा भव्य अध्याय है, जिसमें धर्म, वर्ग, जातियों की सभी दीवारें ध्वस्त हो जाती हैं और जनसमूह के रूप में भारत की आत्मा मुखर होती है| अंग्रेजी तथा वामपंथी इतिहासकार भले ही इस महासमर को गदर या विद्रोह की संज्ञा दें, परंतु यह भारतीय आत्मा की आवाज थी। इस आवाज का स्पंदन सनातन राष्ट्र की पावन माटी के कण-कण में सुरभि- स्वरूप अनुभूत किया जा सकता है।जंग-ए-आजादी में जनचेतना और मनचेतना का कार्य हर स्तर पर हुआ। उस वक्‍त की व्रतधारी पत्रकारिता ने भी आजादी के पहले समर में क्रांति का बीजारोपण किया | जन-जन तक, मन-मन तक आजादी के समर को पहुँचाया और फिरंगी हुकूमत के खिलाफ उठ खड़े होने का शंखनाद किया | ऐसा शंखनाद, जिसने अनंत नभ में आजादी की क्रांति को हवा दी | उसी हवा को महसूस और आत्मसात्‌ करने के लिए, इस युग के कोठि-कोटि जनों में समझ पैदा करने के उद्देश्य से और क्रांति की उस सुगंध से जोड़ने के लिए पत्रकारिता व्रत तथा दायित्व का दस्तावेज पुस्तक के रूप में आपके हाथों में है । यह पुस्तक केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि राष्ट्र और राष्ट्रगायकों को हमारी ओर से सादर शब्दांजलि है, भावांजलि है 

राजनीति : सामाजिक - 1857 Ke Pratham Swatantrata Sangram Ki Patrakarita

1857 Ke Pratham Swatantrata Sangram Ki Patrakarita - by - Prabhat Prakashan

1857 Ke Pratham Swatantrata Sangram Ki Patrakarita -

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  • Stock: 10
  • Model: PP2229
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2229
  • ISBN: 9789355213853
  • ISBN: 9789355213853
  • Total Pages: 184
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Soft Cover
  • Year: 2022
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00