कहानी - Lokpriya Jatak Kathayen
भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं।
जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता, शैक्षिकता, रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है। कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों, मनुष्य, सामाजिक परिवेश, भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है।
इतने सालों बाद आज भी इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा कोई भी नीति-निपुण तथा नैतिक ज्ञान-संपन्न हो सकता है, इसमें जरा भी संदेह नहीं है।
हर आयु वर्ग में पाठकों के लिए पठनीय, संग्रहणीय और अनुकरणीय पुस्तक।अनुक्रम
अपनी बात—5 33. पत्थर के बदले—113
1. दुष्टकुमार—9 34. प्रथम स्थान—114
2. राई के दाने—14 35. जिज्ञासा—117
3. पहचान—18 36. युति—119
4. आपके पास—21 37. मन की झोली—122
5. चालाकी—24 38. बिन मेहनत मौत—125
6. न्याय—27 39. संगति का फल—127
7. हिम्मत—30 40. ठगी—130
8. बँटवारा—33 41. आम्रपाली—133
9. मुश्किलों का हल—36 42. स्वाद का मोह—137
10. चतुर गीदड़—39 43. मन में बीज—138
11. सहिष्णुता—42 44. धूर्त सियार—141
12. सही राह—45 45. अनुकंपा—144
13. कृकट्ट का संन्यास—48 46. तृष्णा का अंत कहाँ—147
14. धोखे की कीमत—51 47. अछूत कन्या—154
15. आज मत बिगाड़ो—55 48. शैतानी की कीमत—157
16. सयाना कबूतर—58 49. रुनझुन मृग—160
17. लोभ का अंत मौत—61 50. जीवन पानी —164
18. भक्षक से बड़ा रक्षक—65 51. नकल विफल—167
19. ढमाढम—69 52. क्षमा-याचना—170
20. कुशगाथा—72 53. सबसे बड़ा—173
21. कुछ नहीं लिया—75 54. चरित्रहीन कौन—175
22. लोभी—78 55. उपदेशिका—177
23. परख—81 56. खेती—179
24. अटल सत्य—84 57. भौंकने का मजा—181
25. सही फैसला—89 58. उपदेशामृत—184
26. विरासत—91 59. गलती का एहसास—185
27. चतुरक लोमड़—94 60. मुति-पथ—188
28. देखा-देखी—97 61. समाधान—190
29. काम करनेवाले—101 62. अंधानुकरण—192
30. शति—103 63. प्रेम की कीमत—194
31. आजीविका—106 64. तीसरी मंजिल—196
32. विश्वास भंग—109 65. वकलि—199
कहानी - Lokpriya Jatak Kathayen
Lokpriya Jatak Kathayen - by - Prabhat Prakashan
Lokpriya Jatak Kathayen - भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं। जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता, शैक्षिकता, रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है। कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों, मनुष्य, सामाजिक परिवेश, भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है। इतने सालों बाद आज भी इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा कोई भी नीति-निपुण तथा नैतिक ज्ञान-संपन्न हो सकता है, इसमें जरा भी संदेह नहीं है। हर आयु वर्ग में पाठकों के लिए पठनीय, संग्रहणीय और अनुकरणीय पुस्तक।अनुक्रम अपनी बात—5 33.
- Stock: 10
- Model: PP852
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP852
- ISBN: 9789384343682
- ISBN: 9789384343682
- Total Pages: 200
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00