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स्वास्थ्य : योग

स्वास्थ्य : योग
जब हमारे पास पहले से है बेस्ट, तो फिर क्यों जाएँ हम वैस्ट जी हाँ, शिल्पा शेट्टी और ल्यूक कुटिन्हो की टीम में शामिल हो जाएँ, जो आपको बताने जा रहे हैं कि आपकी स्थानीय रूप से उगाई गई एवं पारंपरिक स्रोतों से तैयार सामग्री कितनी पौष्टिक है; और आपको अपने लिए संपूर्ण आहार की तलाश में सीमाओं से पार जाने की..
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यदि आप चाय में अदरक व तुलसी की पत्ती डालकर पीते हैं या फिर एक दिन का उपवास रखते हैं, सिरदर्द में कनपटी पर मालिश करा रहे होते हैं, जोड़ों के दर्द में बर्फ का उपयोग कर रहे होते हैं या ट्रैफिक जाम से तनावग्रस्त होकर संगीत सुनना शुरू कर देते हैं—तो आप वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के प्राकृतिक आरोग्य रूप का ..
₹ 250.00
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मोटापा उठना-बैठना भी मुश्किल कर देता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्‍त‌ि को बीमारियों के अलावा सुस्ती भी घेरती है। वास्तविकता तो यह है कि मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक वसायुक्‍त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। मोटापा एक ऐसी ब..
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महर्षि पतंजलि ने एक सूत्र दिया है- ' योगश्‍च‌ित्त: वृत्ति निरोध: ' । इस सूत्र का अर्थ है-' योग वह है, जो देह और चित्त की खींच-तान के बीच, मानव को अनेक जन्मों तक भी आत्मदर्शन से वंचित रहने से बचाता है । चित्तवृत्तियों का निरोध दमन से नहीं, उसे जानकर उत्पन्न ही न होने देना है । ' ' योग और योगासन ' पु..
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जिसे मृत्यु छीन ले, वह सब ' पर ' है । जिसे मृत्यु भी न छीन पाये, वह ' स्व ' है । इस ' स्व ' में जो स्थित है, सिर्फ वही स्वस्थ है, बाकी सब अस्वस्थ हैं । '' अपने चारों ओर ' पर ' का जो आग्रह है, संग्रह है, उसे ही परिग्रह कहा गया है । परिग्रह कोई वस्तु नहीं है, जिसका त्याग कर देने से परिग्रह हो जायेगा ..
₹ 300.00
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जिसे मृत्यु छीन ले, वह सब ' पर ' है । जिसे मृत्यु भी न छीन पाये, वह ' स्व ' है । इस ' स्व ' में जो स्थित है, सिर्फ वही स्वस्थ है, बाकी सब अस्वस्थ हैं । '' अपने चारों ओर ' पर ' का जो आग्रह है, संग्रह है, उसे ही परिग्रह कहा गया है । परिग्रह कोई वस्तु नहीं है, जिसका त्याग कर देने से परिग्रह हो जायेगा ।..
₹ 150.00
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योग द्वारा स्वस्थ जीवन—बी.के.एस. आयंगर‘योग’ एक तपस्या है। शरीर को निरोग एवं सशक्‍त बनाने की एक संपूर्ण विधि है ‘योग’। योग असाध्य रोगों को भी दूर भगाता है। आज संसार भर के लोग योग और इसके चमत्मकारी प्रभावों के प्रति आकर्षित हैं। विश्‍वप्रसिद्ध योगगुरु बी.के.एस. आयंगार की इस पुस्तक ‘योग द्वारा स्वस्थ ज..
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प्राचीन भारत ने हमें गणित, बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति, शून्य, दशमलव, ज्योतिष, औषधि, व्याकरण, जातक कथाएँ और अनेक नैतिक मूल्यों का आधार दिया है। आधुनिक विश्व संस्कृत, भगवद्गीता और योग से लाभ उठा रहा है। योग के अभ्यास को हमारे ऋषियों और संतों द्वारा शरीर, मन और आत्मा के संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्..
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यह पुस्तक समग्रता में प्रायः सभी सामान्य एवं असामान्य रोगों से बचाव के उपाय बताती है। पाचन समस्या, जैसे—एसिडिटी, दस्त, कब्ज और बवासीर; साँस की समस्याएँ, जैसे—दमा, श्वास शोथ और साधारण सर्दी-जुकाम; स्नायु संबंधी रोग, जैसे अनिद्रा, घबराहट इत्यादि—पार्किंसन रोग और दिमागी धक्का; अन्य बीमारियों, जैसे—एलर्..
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शरीर आत्मा का आधार है, पड़ाव है, विश्रामस्थल है, मंजिल नहीं; फिर भी मंजिल न मिलने तक उसे इस आधार की आवश्यकता है । रुकने और विश्राम करने की, अपने आपको तरोताजा करने की, अपनी हँसी-खुशी, स्वास्थ्य-सुविधा बनाए रखने की उसे महती आवश्यकता है, ताकि वह एक दिन अपनी मंजिल पा सके । इस पुस्तक में शरीर विज्ञान एवं..
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