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स्वास्थ्य : योग

स्वास्थ्य : योग
आज के जीवन में हम इतने खो गए हैं कि ईश्वर या आस्था को भूलते जा रहे हैं। इसका मूल कारण है— हमारे ऊपर अस्तित्ववादी प्रभाव। अर्थात् मेरा ही अस्तित्व है एवं केवल मैं ही हूँ। केवल ‘मैं’ से अहं आता है। इस प्रभाव से हम एकांगी सोच में जीवन जीने लगते हैं। जब व्यक्ति के सामने चुनौतियाँ, कठिनाइयाँ आती हैं तो व..
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मेरी माई' विषय ही ऐसा है, जिस पर नजर पड़ते ही हर व्यक्ति के दिलो-दिमाग में अपनी माँ की तस्वीर उभर आएगी, न चाहते हुए भी वह इसे पढ़ना चाहेगा। इसीलिए इस अमूल्य कृति में माँ और सिर्फ माँ की तस्वीर उभारने की कोशिश की गई है, क्योंकि इस ब्रह्मांड में एक माँ ही है, जिसका अस्तित्व था, है और हमेशा बरकरार रहेग..
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This book introduces the concept of ‘Face Yoga’, a natural exercise for the face in addition to various other yoga exercises. Facial Yoga can also help you relax and rejuvenate your body. The Face yoga ‘asanas’  release  stress and tension from the face and neck. They will also make us more aware of..
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देश में करीब 50 लाख से ज्यादा लोग विभिन्न प्रकार की मिरगी से ग्रस्त हैं। यह रोग विश्‍व भर में फैला हुआ है तथा अनेक अंधविश्‍वास एवं मिथ्या धारणाओं से जकड़ा हुआ है। वास्तव में यह मनोरोग नहीं, बल्कि मस्तिष्क का रोग है। करीब 90 प्रतिशत रोगी उपचार द्वारा रोग-मुक्‍त हो सकते हैं, या रोग पर प्रभावी नियंत्रण..
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मोटापा एक प्रकार का रोग ही है जो व्यक्ति को उपहास का पात्र बना देता है, जिससे वह कुंठित और हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है। यह कुंठा उसे और रोगों के पाश में बाँध देती है, उसका जीवन दूभर होने लगता है और भविष्य अंधकारमय। मोटापे की अवहेलना करना कई अन्य रोगों को निमंत्रण देता है। बँधे-बँधाए नियमों और केव..
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क्या आपने कभी सोचा है— • क्यों कुछ लोग पूरे दिन तरोताजा और ऊर्जावान दिखते हैं, जबकि कुछ लोग जागने के दौरान हमेशा ही सुस्त दिखते हैं? • क्यों आपका आलस्य आपके कार्यक्षेत्र में आपकी उत्पादकता पर बुरा प्रभाव डाल रहा है? • सोने की सही मात्रा क्या है? • बिस्तर छोड़ने का सबसे सही समय क्या है? • क्यों ..
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नींद मनुष्य को मिला ऐसा अद्भुत उपहार है, जिसकी तुलना जीवन के सिवा ईश्वर की किसी अन्य देन से नहीं की जा सकती है। नींद के बिना न जागृति की कल्पना की जा सकती है, न परम आनंद के आभास की। निद्रा स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है। चैन की नींद मनुष्य को ईश्वर का एक अनूठा, अनुपम और अनमोल उपहार है। भाग्यशाली ..
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व्यवहारिक ज्ञान से संपन्न पतंजलि का ‘योगसूत्र’ उन लोगों के लिए मार्गदर्शक पुस्तक का कार्य करता है, जो शाश्वत सत्य की खोज में जुटे हैं। खोज करनेवाला साधक इसका अनुसरण और अभ्यास कर वास्तविक महात्मा बन सकता है। योगसूत्र एक दर्शन है, जो खोज करनेवालों को (आत्मा) पुरुष का रूप प्रत्यक्ष तौर पर दिखा देता है।..
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आज की तेज रफ्तार जिंदगी में स्वस्थ जीवन जीना एक चुनौती बन गया है। इसमें अनुचित खान-पान एवं रहन-सहन की भूमिका प्रमुख है। यद्यपि हम चाहें तो अपने दैनिक काय-कलापों मे स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं; किंतु स्वास्थ्य मंवंधी जानकारी के अभाव में प्राय: ऐसा संभव नहीं हो पाता। और तो और. अज्ञानतावश मनुष्य अपने ..
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प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ है—‘प्राण या ऊर्जा का ज्वार-भाटा’। ऊर्जा का समुचित प्रवाह शरीर को स्वस्थ व निरोग रखता है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पूज्य श्रीश्री रविशंकरजी ने प्राणतत्त्व और ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए असंख्य लोगों को प्रेरित व प्रशिक्षित किया है। नींद में हम थकावट से छुटका..
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राजयोग मूलतः मन के निरोध की साधना है।...मन ही मनुष्यों के बंधन और मोक्ष का कारण है। जो मन विषयों में आसक्त हो, वह बंधन का और जो विषयों से पराङ्मुख हो, वह मोक्ष का कारण होता है। मन और प्राण का पारस्परिक अटूट संबंध है। मन के निरोध से प्राण स्पंद रुक जाता है और प्राण स्पंद की शिथिलता मन को एकाग्र बना द..
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आधुनिक युग में चिकित्सा की अनेक पद्धतियाँ प्रचलन में हैं। प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है, जिसका लक्ष्य है—प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्त्वों का उचित उपयोग करके रोग का मूल कारण समाप्त करना। यह न केवल एक चिकित्सा-पद्धति है बल्कि मानव शरीर में विद्यमान आंतरिक महत्..
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