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लेख : निबंध : पत्र - Loksahitya Mein Rashtriya Chetna

लेख : निबंध : पत्र - Loksahitya Mein Rashtriya Chetna
‘लोकसाहित्य में राष्ट्रीय चेतना’ एक व्यापक और प्रभावशाली विषय है, साथ ही यह आज की पीढ़ी के लिए अतीत का एक आईना भी है, जिसपर पड़ी हुई गर्द को हटाना अपेक्षित है और अनिवार्य भी। इस पुस्तक में लोकगीतों में राष्ट्रीय चेतना विविध रूपों में चित्रित है। कहीं तिरंगे झंडे की लहर है, कहीं चरखे का स्वर है, कहीं मातृभूमि की महिमा का गुणगान है, तो कहीं देश पर मर-मिटने का अरमान है। कहीं सीमा पर जाकर लड़ने का आह्वान है, कहीं देश का प्रहरी बनने का निमंत्रण है। इस क्रम में नारियों का त्याग और बलिदान भी बेमिसाल है। डॉ. शांति जैन ने इस पुस्तक में लोकसाहित्य से जुड़ी प्रायः सभी विधाओं को समेकित किया है। इन्होंने राष्ट्रीय गौरव और आत्मसम्मान जगानेवाले साहित्यकारों, कवियों, गीतकारों के विचारों और रचनाओं को भी उद्धृत किया है, जिन्होंने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने और भारतमाता को स्वतंत्र करने के लिए आम लोगों को जगाया। यह पुस्तक आज और कल की पीढ़ी को स्वाधीनता आंदोलन से अवगत कराने में सार्थक भूमिका निभाएगी।

लेख : निबंध : पत्र - Loksahitya Mein Rashtriya Chetna

Loksahitya Mein Rashtriya Chetna - by - Prabhat Prakashan

Loksahitya Mein Rashtriya Chetna - ‘लोकसाहित्य में राष्ट्रीय चेतना’ एक व्यापक और प्रभावशाली विषय है, साथ ही यह आज की पीढ़ी के लिए अतीत का एक आईना भी है, जिसपर पड़ी हुई गर्द को हटाना अपेक्षित है और अनिवार्य भी। इस पुस्तक में लोकगीतों में राष्ट्रीय चेतना विविध रूपों में चित्रित है। कहीं तिरंगे झंडे की लहर है, कहीं चरखे का स्वर है, कहीं मातृभूमि की महिमा का गुणगान है, तो कहीं देश पर मर-मिटने का अरमान है। कहीं सीमा पर जाकर लड़ने का आह्वान है, कहीं देश का प्रहरी बनने का निमंत्रण है। इस क्रम में नारियों का त्याग और बलिदान भी बेमिसाल है। डॉ.

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  • Stock: 10
  • Model: PP2364
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2364
  • ISBN: 9789386054418
  • ISBN: 9789386054418
  • Total Pages: 320
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2017
₹ 600.00
Ex Tax: ₹ 600.00