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लेख : निबंध : पत्र

लेख : निबंध : पत्र
दूरवर्ती लोगों तक अपने विचार पहुँचाने का सबसे सुगम, सबसे सस्ता और सबसे पुराना साधन है पत्र-व्यवहार। सुगमता तथा सस्तेपन के अतिरिक्त पत्र-व्यवहार मेुं एक विशेषता यह भी है कि इसके द्वारा मनुष्य अपनी इच्छा के अनुसार—संक्षेप या विस्तार से —अपने विचार प्रकट कर सकता है। साथ ही यह विचार-प्रकटन अपेक्षाकृत व्..
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स.ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (1911-1987) स.ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (1911-1987) कुशीनगर (देवरिया) में सन् 1911 में जन्म। पहले बारह वर्ष की शिक्षा पिता (डॉ. हीरानंद शास्त्री) की देख-रेख में घर ही पर। आगे की पढ़ाई मद्रास और लाहौर में। एम.ए. अंग्रेजी में प्रवेश, किंतु तभी देश की आजादी के लिए एक गुप्त क..
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हम में से अधिकांश लोग सीधा, सरल और सुखद जीवन चाहते हैं। बचपन में अपने दादा-दादी या नाना-नानी से हम ऐसी कहानियाँ सुनते हैं, जिनका अंत सुखद होता है। हम जब बड़े हो जाते हैं और जैसे ही जीवन की वास्तविक परिस्थितियों का सामना करते हैं, तब हमें एहसास होता है कि सबकुछ इतना आसान नहीं है। तनाव, चिंता, अनिद्रा..
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प्रस्तुत पुस्तक आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (AWES) द्वारा आयोजित होनेवाली ‘आर्मी पब्लिक स्कूल TGT हिंदी’ भर्ती परीक्षा – 2021 की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों हेतु तैयार की गयी है।पूर्णत: नवीनतम पाठ्यक्रम एवं पैटर्न पर आधारित इस पुस्तक में 15 प्रैक्टिस सेट्स का संकलन व्याख्या सहित उत्तरों के साथ ..
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वाचिक साहित्य अर्थात् लोक-साहित्य की सुदीर्घ परंपरा और उसके विश्वव्यापी विस्तार से आज बुद्धिजीवी वर्ग और साहित्यकार भी न केवल परिचित हुए हैं वरन् उसका महत्त्व भी स्वीकार करने लगे हैं। लोक-साहित्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी सुदीर्घ और समृद्ध है। इसके माध्यम से सांस्कृतिक विकास और सभ्यता के उत्थान-पतन क..
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बच्चों की बीमारियों के प्रति अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे अपनी तकलीफ बोलकर नहीं बता पाते। इसलिए लेखक ने बच्चों में कुपोषण और अकसर उनको होनेवाले रोगों के साथ ही विशेष खतरनाक रोगों, जैसे न्यूमोनिया, पोलियो, टिटेनस, डिप्थीरिया, मेनिनजाइटिस, डेंगू, मलेरिया, जापानी मस्तिष्क ज्वर, रोटा वाइ..
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डॉ.उमेश प्रसाद सिंह के ललित निबंधों का यह तीसरा संग्रह है। ‘हवा कुछ कह रही है’ और ‘नदी सूखने की सदी में’ संग्रह के निबंधों का हिंदी जगत में व्यापक रूप में समादर हुआ है। अपने दौर में उमेश प्रसाद सिंह का लेखन निबंध की पारंपरिक विरासत को नए आयामों में विकसित करने के लिए जाना जाता है। इनके निबंध ललित नि..
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देशप्रेम, प्रकृति  और पहाड़ख्यात लेखक-कवि श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कविताओं को पढ़कर रखा नहीं जा सकता है। उसके अंदर की सामाजिक, राष्ट्रीय, सांस्कृतिक चेतना बार-बार आवाज देकर अपनी तरफ बुलाती है। देश प्रेम कवि का मूल भाव है। अपने देश की भाषा, संस्कृति और सभ्यता कवि को विशेष प्रिय है। कवि पहाड़ों ..
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संख्याओं के तिलिस्म का नाम ही गणित है । इस तिलिस्म (मायाजाल) में फँसे व्यक्‍त‌ि को यह विषय नीरस प्रतीत होता है; परंतु इस तिलिस्म का रहस्य पता चलने पर उसे यह बहुत ही रोचक लगने लगता है । प्रस्तुत पुस्तक में दैनिक जीवन से संबंधित कुछ रहस्यमयी समस्याओं के समाधान देकर गणित के प्रति रुचि उत्पन्न करने का प..
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अनेक कारणों से भारत में साहित्य-कलाओं के प्रति अनुराग का ठीक-ठीक आकलन नहीं किया गया है। दुष्ट-दृष्टि संपन्न राजनेताओं ने अपने हित स्वार्थों के संदर्भ में भाषा की राजनीति को आग के रूप में इस्तेमाल किया है, किंतु भारत की जनता ने उस राजनीति को ज्यादा हवा नहीं दी। हिंदी साहित्य तथा अन्य कलाओं के प्रति अ..
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भारतीय जनमानस में वैदिक धर्म का जो वर्तमान स्वरूप आजकल में देखने को मिलता है, उसे आज का तर्कशील और वैज्ञानिक दृष्टि रखनेवाला मानव अंधविश्वास, आस्था व रूढि़वाद की संज्ञा देता है। प्रायः देखा जाता है कि पढ़े-लिखे लोग, जो अपने आपको बुद्धिजीवी मानते हैं, अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों, मान्यताओं के वर्तमान..
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हिंदू खटिक जाति की उत्पत्ति, उत्थान एवं पतन की ऐतिहासिक घटनाओं एवं विभिन्न कालखंडों का इस कृति में सजीव चित्रण है। वैदिक काल के बलि देने वाले खट्टिक (ब्राह्मण) त्रेता युग के पहले भगवान् श्रीराम के कुल के पूर्वज राजा खट्वाग (क्षत्रिय), द्वापर युग यानी महाभारत काल के पूर्व काशी अथवा मिथिलांचल में मांस..
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