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पर्यावरण : प्रदूषण - Jal Pardushan

पर्यावरण : प्रदूषण - Jal Pardushan
भूमंडल का दो - तिहाई भाग जल है और उस जल का मात्र 2. 8 प्रतिशत भाग ही हमारे पीने के योग्य है । लेकिन बढ़ते औद्योगिकीकरण तथा शहरीकरण ने इसे भी प्रदूषित कर दिया है । जल के प्राय : सभी स्रोत या तो दूषित हो गए हैं या होते जा रहे हैं । ओद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप नदियों और समुद्रों का ही नहीं, भू-जल भी पीने योग्य नहीं रहने दिया । इस सबके परिणाम मनुष्यों, पशुओं, जल-जंतुओं तथा फसलों को भोगने पड़ रहे है । जल के स्रोत (नदियाँ, समुद्र, भू-जल) कैसे प्रदूषित होते हैं, वे कौन - कौन - से प्रदूषक है जो जल को उपयोग के अयोग्य बनाते है, प्रदूषित जल की क्या पहचान है, उसे किस प्रकार शुद्ध किया जा सकता है । प्रदूषित जल के उपयोग से कौन -कौन -सी बीमारियाँ फैलती है, विश्य-स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या किया जा रहा है, इसकी प्रामाणिक और वैज्ञानिक जानकारी इस पुस्तक में दी गई है । पुस्तक विद्यार्थियों तथा आम लोगों के लिए भी समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी ।

पर्यावरण : प्रदूषण - Jal Pardushan

Jal Pardushan - by - Prabhat Prakashan

Jal Pardushan - भूमंडल का दो - तिहाई भाग जल है और उस जल का मात्र 2.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1374
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1374
  • ISBN: 9789382901754
  • ISBN: 9789382901754
  • Total Pages: 126
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2020
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00