विज्ञान - Jal Hi Amrit Hai
भूमंडलीय जल संकट के कुछ महत्त्वपूर्ण कारकों में बढ़ती जनसंख्या और खाद्य पदार्थ, नकदी फसल की बढ़ती माँग, शहरों की अपार वृद्धि तथा जीवन स्तर में अनवरत सुधार है। मानव हस्तक्षेप की वजह से मीठा पानी हमेशा मिल पाना संभव नहीं है। प्राकृतिक नियम के विपरीत अत्यधिक दोहन करेंगे तो स्वच्छ जल बनने की प्रक्रिया ध्वस्त हो जाएगी और सूखा-ही-सूखा दिखेगा। कई देशों में जल स्तर काफी नीचे चला गया है, उत्तरी चीन, अमेरिका और भारत इसके उदाहरण हैं। भारत के बहुत सारे हिस्सों में जल स्तर तकरीबन 300 मीटर से अधिक नीचे चला गया है। एक समय ऐसा आएगा कि पानी की कमी के कारण खाद्यान्न की खेती संकट में पड़ जाएगी। धरातल पर पाए जानेवाला पानी प्रदूषित हो रहा है, क्योंकि किसान जहरीले रसायन का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं शहरों के पास उद्योग के अपशिष्ट और घरों के गंदे पानी का बहाव धड़ल्ले से नदियों में छोड़ा जा रहा है।पर्यावरणविदों का मानना है कि इससे बड़े पैमाने पर वन नष्ट हो जाएँगे। लोगों का विस्थापन होगा। जल की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा, जलवायु परिवर्तित होगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा।इस भयंकर स्थिति से उबरने का एक ही उपाय है कि हम जल के महत्त्व को समझें और इसे न दूषित करें, न व्यर्थ करें बल्कि इसका संरक्षण करें।जल के महत्त्व को रेखांकित करती, इसके सरंक्षण के प्रति चेतना जाग्रत् करती विचारपूर्ण कृति।अनुक्रमखंड-1जल से परिचय1. जल क्या है? — Pgs. 132. धर्म और दर्शन में जल की महत्ता — Pgs. 193. जल संसाधन — Pgs. 274. जल-चक्र — Pgs. 395. जल के विविध प्रकार — Pgs. 436. मानव शरीर और जल — Pgs. 477. जल की स्वास्थ्य में भूमिका — Pgs. 548. जल जनित रोग और सावधानियाँ — Pgs. 579. बीमारियों में रामबाण जल चिकित्सा — Pgs. 6010. जल और यौगिक क्रियाएँ — Pgs. 7211. जल के चमत्कारिक गुण — Pgs. 83खंड-2जल : उपयोग और संरक्षण12. जल संकट : समाज, सरकार और सरोकार — Pgs. 8913. जल प्रदूषण : समाज और सरकार की भूमिका — Pgs. 11014. जल प्रदूषण—कारण, प्रभाव एवं निदान — Pgs. 12015. औद्योगिक गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण — Pgs. 13416. मानवीय गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण — Pgs. 14217. भू-जल प्रदूषण — Pgs. 14818. सामुद्रिक प्रदूषण — Pgs. 151उप खंड-3जल संरक्षण19. जल संरक्षण का महत्त्व और स्थिति — Pgs. 15720. वर्षा जल का संचयन — Pgs. 17621. कृषि और जल प्रबंधन — Pgs. 191खंड-3राजनीति और नीति22. पानी की राजनीति — Pgs. 20523. नदी जल विवाद और संवैधानिक प्रावधान — Pgs. 211
विज्ञान - Jal Hi Amrit Hai
Jal Hi Amrit Hai - by - Prabhat Prakashan
Jal Hi Amrit Hai - भूमंडलीय जल संकट के कुछ महत्त्वपूर्ण कारकों में बढ़ती जनसंख्या और खाद्य पदार्थ, नकदी फसल की बढ़ती माँग, शहरों की अपार वृद्धि तथा जीवन स्तर में अनवरत सुधार है। मानव हस्तक्षेप की वजह से मीठा पानी हमेशा मिल पाना संभव नहीं है। प्राकृतिक नियम के विपरीत अत्यधिक दोहन करेंगे तो स्वच्छ जल बनने की प्रक्रिया ध्वस्त हो जाएगी और सूखा-ही-सूखा दिखेगा। कई देशों में जल स्तर काफी नीचे चला गया है, उत्तरी चीन, अमेरिका और भारत इसके उदाहरण हैं। भारत के बहुत सारे हिस्सों में जल स्तर तकरीबन 300 मीटर से अधिक नीचे चला गया है। एक समय ऐसा आएगा कि पानी की कमी के कारण खाद्यान्न की खेती संकट में पड़ जाएगी। धरातल पर पाए जानेवाला पानी प्रदूषित हो रहा है, क्योंकि किसान जहरीले रसायन का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं शहरों के पास उद्योग के अपशिष्ट और घरों के गंदे पानी का बहाव धड़ल्ले से नदियों में छोड़ा जा रहा है।पर्यावरणविदों का मानना है कि इससे बड़े पैमाने पर वन नष्ट हो जाएँगे। लोगों का विस्थापन होगा। जल की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा, जलवायु परिवर्तित होगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा।इस भयंकर स्थिति से उबरने का एक ही उपाय है कि हम जल के महत्त्व को समझें और इसे न दूषित करें, न व्यर्थ करें बल्कि इसका संरक्षण करें।जल के महत्त्व को रेखांकित करती, इसके सरंक्षण के प्रति चेतना जाग्रत् करती विचारपूर्ण कृति।अनुक्रमखंड-1जल से परिचय1.
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- Model: PP2426
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2426
- ISBN: 9789351864776
- ISBN: 9789351864776
- Total Pages: 224
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00