छात्रोपयोगी - Vidyalaya Utsav
‘उत्सव’ जीवन में उत्साह का संचार करते हैं। जिस समाज में उत्सव जितने जोश और आनंद से मनाए जाते हैं, वह समाज उतना ही जीवंत माना जाता है। भारतवर्ष अत्यंत प्राचीन देश है। यहाँ अवतारों, वीरों, धर्मगुरुओं की संख्या सहस्रों तक जाती है। विद्यालयों में सभी की जयंती मनाना संभव नहीं है। अनेक पर्व ऋतु-परिवर्तन से जुड़े हैं, अनेक पर्व किसी के बलिदान या महान् घटनाओं से जुड़े हैं। सच तो यह है कि हर तिथि और हर दिन का कुछ-न-कुछ महत्त्व है।
हमारे विद्यालयों में अधिकांश शिक्षक अनेक उत्सवों की जानकारी से ही अनभिज्ञ होते हैं। कुछ जानकारी होते हुए भी बोलने में संकोच करते हैं। कई नए शिक्षक बोलना चाहते हैं, परंतु उन्हें तत्संबंधी विषय की जानकारी उपलब्ध नहीं होती। इन सब कारणों पर विचार करके यह आवश्यकता अनुभव हो रही थी कि एक ऐसी पुस्तक होनी चाहिए, जो वर्ष भर में मनाए जानेवाले प्रमुख त्योहारों की जानकारी शिक्षकों तथा छात्रों को उपलब्ध करा सके। विविध कक्षाओं के स्तर के अनुसार शिक्षक इस पुस्तक की सहायता से छात्रों को लिखवाकर या याद करवाकर सभा में बोलने के लिए तैयारी करवा सकते हैं।
ज्ञातव्य है कि ये उत्सव वे नहीं हैं, जो विद्यालयों में मनाए जाते हैं, बल्कि ये ऐसे उत्सव हैं, जो मनाए जाने चाहिए। आप अपने स्थान, स्तर, विश्वास तथा अनुकूलता के आधार पर जो मनाना चाहें, मना सकते हैं। इस कार्य में पुस्तक आपकी सहायता करेगी। आशा है, शिक्षक एवं छात्र इससे लाभान्वित होंगे।अनुक्रमभूमिका —Pgs. 71. नववर्ष दिवस (न्यू ईयर्स डे, 1 जनवरी) —Pgs. 112. स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी) —Pgs. 133. मकर-संक्रांति (उत्तरायण सूर्य का पर्व, 14 जनवरी) —Pgs. 164. नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती (23 जनवरी) —Pgs. 195. गणतंत्र दिवस (26 जनवरी ) —Pgs. 226. पूजन सरस्वती (माघ शुल पंचमी) —Pgs. 257. रामकृष्ण परमहंस जयंती (18 फरवरी) —Pgs. 278. रमजान और ईद —Pgs. 299. संत रविदास जयंती (माघी पूर्णिमा, फरवरी) —Pgs. 3110. सद्गुणों को जाग्रत् करने का पर्व : होली (फाल्गुन पूर्णिमा) —Pgs. 3511. गुरु तेग बहादुरजी (1 अप्रैल) —Pgs. 4012. नवरात्रि उत्सव एवं कन्या पूजन (चैत्र शुल 1-9) —Pgs. 4213. स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती (12 अप्रैल) —Pgs. 4414. श्रीराम नवमी उत्सव (चैत्र शुल नवमी) —Pgs. 4715. वैशाखी पर्व (13 अप्रैल) —Pgs. 5016. डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) —Pgs. 5217. महावीर जयंती (चैत्र शुल चतुर्दशी) —Pgs. 5518. महाराणा प्रताप जयंती (9 मई) —Pgs. 5719. मातृ दिवस (8 मई) —Pgs. 6020. छत्रपति शिवाजी जयंती (वैशाख शुल द्वितीया) —Pgs. 6221. भगवान् बुद्ध जयंती (वैशाख पूर्णिमा) —Pgs. 6522. स्वातंत्र्यवीर सावरकर जयंती (28 मई) —Pgs. 6923. पंचम गुरु अर्जुनदेव जयंती (16 जून) —Pgs. 7224. गुरु पूर्णिमा (आषाढ पूर्णिमा) —Pgs. 7425. महाकवि तुलसी जयंती (श्रावण शुल सप्तमी) —Pgs. 7726. लोकमान्य तिलक जयंती (23 जुलाई) —Pgs. 8027. खुदीराम बोस बलिदान दिवस ( 11 अगस्त) —Pgs. 8228. संस्कृति रक्षक रक्षाबंधन (श्रावण पूर्णिमा) —Pgs. 8529. स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) —Pgs. 8830. श्रीअरविंद घोष जयंती (15 अगस्त) —Pgs. 9131. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) —Pgs. 9332. शिक्षक दिवस (5 सितंबर) —Pgs. 9633. साक्षरता दिवस (8 सितंबर) —Pgs. 9834. हिंदी दिवस (14 सितंबर) —Pgs. 10135. महात्मा गांधी जयंती (2 अतूबर) —Pgs. 10536. लाल बहादुर शास्त्री जयंती (2 अतूबर) —Pgs. 10937. विजय-दशमी उत्सव (आश्विन शुल दशमी) —Pgs. 11138. वाल्मीकि जयंती (शरद पूर्णिमा) —Pgs. 11339. दीपावली (कार्तिक अमावस्या) —Pgs. 11640. सरदार पटेल जयंती (31 अतूबर) —Pgs. 11941. छठ पूजा उत्सव (कार्तिक शुल षष्ठी) —Pgs. 12142. डॉ. सी.वी. रमन जयंती (7 नवंबर) —Pgs. 12343. ईद-उल-जुहा —Pgs. 12544. परम संत गुरु नानक देवजी (कार्तिक पूर्णिमा) —Pgs. 12745. शिक्षा दिवस (11 नवंबर) —Pgs. 12946. बाल दिवस (14 नवंबर) —Pgs. 13147. महारानी लक्ष्मीबाई जयंती (19 नवंबर) —Pgs. 13348. डॉ. जगदीश चंद्र बसु जयंती (30 नवंबर) —Pgs. 13749. पर्यावरण प्रदूषण दिवस (2 दिसंबर) —Pgs. 13950. डॉ. राजेंद्र प्रसाद जयंती (3 दिसंबर) —Pgs. 14251. मुहर्रम —Pgs. 14452. महामना मालवीय जयंती (25 दिसंबर) —Pgs. 14653. क्रिसमस डे (25 दिसंबर) —Pgs. 150
छात्रोपयोगी - Vidyalaya Utsav
Vidyalaya Utsav - by - Prabhat Prakashan
Vidyalaya Utsav - ‘उत्सव’ जीवन में उत्साह का संचार करते हैं। जिस समाज में उत्सव जितने जोश और आनंद से मनाए जाते हैं, वह समाज उतना ही जीवंत माना जाता है। भारतवर्ष अत्यंत प्राचीन देश है। यहाँ अवतारों, वीरों, धर्मगुरुओं की संख्या सहस्रों तक जाती है। विद्यालयों में सभी की जयंती मनाना संभव नहीं है। अनेक पर्व ऋतु-परिवर्तन से जुड़े हैं, अनेक पर्व किसी के बलिदान या महान् घटनाओं से जुड़े हैं। सच तो यह है कि हर तिथि और हर दिन का कुछ-न-कुछ महत्त्व है। हमारे विद्यालयों में अधिकांश शिक्षक अनेक उत्सवों की जानकारी से ही अनभिज्ञ होते हैं। कुछ जानकारी होते हुए भी बोलने में संकोच करते हैं। कई नए शिक्षक बोलना चाहते हैं, परंतु उन्हें तत्संबंधी विषय की जानकारी उपलब्ध नहीं होती। इन सब कारणों पर विचार करके यह आवश्यकता अनुभव हो रही थी कि एक ऐसी पुस्तक होनी चाहिए, जो वर्ष भर में मनाए जानेवाले प्रमुख त्योहारों की जानकारी शिक्षकों तथा छात्रों को उपलब्ध करा सके। विविध कक्षाओं के स्तर के अनुसार शिक्षक इस पुस्तक की सहायता से छात्रों को लिखवाकर या याद करवाकर सभा में बोलने के लिए तैयारी करवा सकते हैं। ज्ञातव्य है कि ये उत्सव वे नहीं हैं, जो विद्यालयों में मनाए जाते हैं, बल्कि ये ऐसे उत्सव हैं, जो मनाए जाने चाहिए। आप अपने स्थान, स्तर, विश्वास तथा अनुकूलता के आधार पर जो मनाना चाहें, मना सकते हैं। इस कार्य में पुस्तक आपकी सहायता करेगी। आशा है, शिक्षक एवं छात्र इससे लाभान्वित होंगे।अनुक्रमभूमिका —Pgs.
- Stock: 10
- Model: PP1016
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1016
- ISBN: 9788177211306
- ISBN: 9788177211306
- Total Pages: 152
- Edition: Edition 2011
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2016
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00