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लेख : निबंध : पत्र - Main Buddha Bol Raha Hoon

लेख : निबंध : पत्र - Main Buddha Bol Raha Hoon
गौतम बुद्ध का जन्म ईसा से 563 वर्ष पहले नेपाल के लुंबिनी नामक वन में हुआ। विद्वानों ने महात्मा बुद्ध के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था कि यह बालक या तो चक्रवर्ती राजा होगा या विरक्‍त होकर संसार का कल्याण करेगा। चूँकि बुद्ध का मन संसार से बिलकुल ही विरक्‍त रहता था, इसलिए अपने राज-सुखों को त्यागकर तथा मानव जाति एवं जीव-जंतुओं के कल्याण हेतु छोटी अवस्था में ही वे एक दिन आधी रात को अपनी पत्‍नी व पुत्र को सोया छोड़कर अमरता की खोज में निकल पड़े। बुद्ध को न तो स्वर्ग पाने की लालसा थी, न ही ऐश्‍वर्य-सुख भोगने की कामना थी; क्योंकि उन्होंने इन सब चीजों पर विजय प्राप्‍त कर ली थी। हिंदू धर्म में वेदों का जो स्थान है, बौद्ध धर्म में वही स्थान पिटकों का है। भगवान् बुद्ध ने अपने हाथ से कुछ नहीं लिखा। उनके उपदेशों को उनके शिष्यों ने पहले कंठस्थ किया, फिर लिख लिया। महात्मा बुद्ध के विचारों का यह ज्ञान-पुंज आपके जीवन को सद‍्‍व‌िचारों, सकारात्मकता व रचनात्मकता से भर देगा और जीवन के प्रति आपकी सोच, आपकी दृष्‍टि को नया आयाम देगा।

लेख : निबंध : पत्र - Main Buddha Bol Raha Hoon

Main Buddha Bol Raha Hoon - by - Prabhat Prakashan

Main Buddha Bol Raha Hoon -

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  • Stock: 10
  • Model: PP2354
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2354
  • ISBN: 9789383111299
  • ISBN: 9789383111299
  • Total Pages: 136
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00