कहानी - 365 Kahaniyan
महापुरुषों की जीवनी में अकसर पाया जाता है कि बचपन में उन्हें ढेर सारी कहानियाँ सुनने-पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। चाहे वे कहानियाँ नाना-नानी से सुनी हों या खरीदकर पढ़ी हों, एक बात निश्चित है—उन महापुरुषों को महान् बनाने में कहानियों का योगदान कम नहीं था। वैसी ही रोचक, ज्ञान बढ़नेवाली इस संकलन की कहानियाँ हैं। हर रोज आपको सिर्फ एक कहानी पढ़नी है। पढ़कर थोड़ा चिंतन-मनन करना है।
लगभग सभी कहानियों से सच, एकता, भाईचारे की महक आती है। क्या इनका मकसद विश्व में प्रेमधर्म का प्रचार करना है? क्या इसी कारण ये कहानियाँ देश-विदेश में यात्रियों की तरह घूमती रहती हैं?
दूसरा, भारत की कहानी भेस बदलकर जर्मन कहानी कैसे बन जाती है? जर्मन कहानी नए रूप-रंग के साथ चीन में कैसे घुस जाती है? चीनी कहानी का ‘अलादिन’ सारे संसार के बच्चों का प्रिय पात्र कैसे बन जाता है?
नए-नए सवाल उठें तो माता-पिता या मास्टरजी से जवाब भी तलब करने हैं।
यही रहस्य है महान् बनने का, यही मार्ग है जीवन को सफल बनाने का, देश को आगे बढ़ाने का।
यह पुस्तक बच्चे, युवा और वृद्ध सभी तरह के पाठकों के लिए है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें चुनी हुई ऐसी कहानियाँ दी गई हैं, जो हमें कुछ-न-कुछ अपने आप में कहानी सी कहते दिखते हैं। इन उपदेशात्मक कहानियों और चित्रों ने पुस्तक की उपयोगिता को और बढ़ा दिया है।
कहानी - 365 Kahaniyan
365 Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan
365 Kahaniyan - महापुरुषों की जीवनी में अकसर पाया जाता है कि बचपन में उन्हें ढेर सारी कहानियाँ सुनने-पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। चाहे वे कहानियाँ नाना-नानी से सुनी हों या खरीदकर पढ़ी हों, एक बात निश्चित है—उन महापुरुषों को महान् बनाने में कहानियों का योगदान कम नहीं था। वैसी ही रोचक, ज्ञान बढ़नेवाली इस संकलन की कहानियाँ हैं। हर रोज आपको सिर्फ एक कहानी पढ़नी है। पढ़कर थोड़ा चिंतन-मनन करना है। लगभग सभी कहानियों से सच, एकता, भाईचारे की महक आती है। क्या इनका मकसद विश्व में प्रेमधर्म का प्रचार करना है?
- Stock: 10
- Model: PP783
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP783
- ISBN: 9789351862307
- ISBN: 9789351862307
- Total Pages: 284
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 700.00
Ex Tax: ₹ 700.00