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कहानी - Kaka Ke Thahake

कहानी - Kaka Ke Thahake
काका हाथरसी हास्यरस के सच्चे कवि ही नहीं, काव्य-ऋषि थे। उनकी कविताओं के तीन रंग हैं—सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक। इन तीनों रंगों में काका हाथरसी ने कभी साहित्यिक शालीनता और शिष्टता की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। उनका हास्य गुदगुदाता है, मन में आह्लाद पैदा करता है, समाज की विसंगतियों और विकृतियों का पर्दाफाश भी करता है, लेकिन कभी किसी को दुःख अथवा पीड़ा नहीं पहुँचाता। उनका हास्य चाँदनी की ऐसी रजत-शीतल छटा है, जो निराशा, कुंठा और उदासी के अंधकार को बरबस भगा देती है। इन सब विशेषताओं के साथ उनके हास्य में ऐसी मौलिकता, सहजता, सामाजिक चेतना और साहित्यिक गरिमा है, जो उन्हें अन्य हास्य-कवियों से अलग करके हिंदी के आधुनिक हास्य-व्यंग्य साहित्य में सर्वोच्च स्थान का अधिकारी बनाती है। काका की कलम का कमाल कार से लेकर बेकार तक, शिष्टाचार से लेकर भ्रष्टाचार तक, परिवार से पत्रकार तक, विद्वान् से गँवार तक, फैशन से राशन तक, रिश्वत से त्याग तक और कमाई से महँगाई तक देखने को मिलता है। काका हाथरसी के इस संचयन ‘फुलझडि़याँ’ में उनकी ऐसी शिष्ट-विशिष्ट  हास्य-व्यंग्य कविताओं का संकलन किया गया है, जो पाठकों को गुदगुदाएँगी, हँसाएँगी भी और सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था पर सोचने पर विवश भी करेंगी।अनुक्रम         काका के ठहाके—5 130. चेतावनी—111 260. पाचन-शक्ति—184 390. रेल में साँप—256 1. अँगूठा छाप नेता—27 131. चैन की साँस—113 261. पान की परिभाषा—184 391. रेल हड़ताल—257 2. अँग्रेजी बंदर—27 132. चैन-बेचैन—113 262. पापा का तर्क—184 392. रैगिंग—258 3. अंतर्द्वंद्व—28 133. चोटी के कवि—113 263. पिटाई का मजा—185 393. लक्ष्मी वंदना—258 4. अति सर्वत्र वर्जयेत—29 134. चोरी की रपट—113 264. पिता-पुत्र—185 394. लंबाई दुखदाई—258 5. अनशन—29 135. चौराहे पर सिपाही—114 265. पिनक—185 395. लखपति—259 6. अभिमान—29 136. छद्मनाम—114 266. पियक्कड़—185 396. लड़का-लड़की—259 7. अभियान—29 137. छापा—115 267. पिल्ला—186 397. लड़का-लड़की—259 8. अमरीका एवं कनाडा-यात्रा  पर काका की   फुलझड़ियाँ—30 138. छापे—116 268. पुलिस कांस्टेबिल—187 398. लड़ाई और प्यार—260 9. अमेरिका में लक्ष्मी—32 139. छायावादी कवि—117 269. पुलिस-महिमा—187 399. लव—260 10. अर्थ-कामना—33 140. जनसंख्या—117 270. पूँजीवादी चुनौती—188 400. लव-लक्षण—260 11. अलंकरण-हरण—33 141. जन्मदिवस—118 271. पूत-सपूत—189 401. लव-लीला—260 12. अवमूल्यन—34 142. जम और जँवाई—118 272. पेट—189 402. लाउडस्पीकर वंदना—263 13. अश्रु-विमोचन—34 143. जमनेवाले कवि—119 273. पेट-पुराण—190 403. ला-कर—266 14. असली और नकली—36 144. जयहिंद—120 274. पोस्टकार्ड की फरियाद—192 404. लाटरी—266 15. असली डाकू—37 145. जलेबियाँ—120 275. पोस्टमैन—192 405. लातों के भूत—267 16. आँख और अक्ल—37 146. जहाँ न पहुँचे रवि—120 276. पौराणिक तथ्य—192 406. लिंग भेद—267 17. आँखों पर 9 छक्के—38 147. जिंदा रिकॉर्ड—121 277. प्रश्नोत्तर—193 407. लुका-छिपी—269 18. आँसू—40 148. जूता-युद्ध—121 278. प्रसिद्धि-प्रंग—193 408. लूट—270 19. आँसू के कारण—40 149. झूठ-माहात्म्य—121 279. प्राकृतिक न्याय—195 409. लूटनीति—271 20. आँसू-गीत—40 150. यान टटोलो—122 280. प्रेमिका-पूजा—195 410. लोकतंत्रीय प्रेम—271 21. आई.टी.ओ. 42 151. टा-टा—122 281. पेमी दिल—195 411. वकील—271 22. आकर्षण—42 152. टिकटार्थी-प्रार्थी—122 282. फाइल-महिमा—196 412. वधू—272 23. आज्ञाकारी—42 153. टिट फॉर टैट—123 283. फिल्मी-नवेलियाँ—196 413. वरदान—272 24. आधुनिक शिष्य—42 154. टी.वी.-बीवी—123 284. फिल्मी फुलझड़ी—197 414. वर-विरोध—272 25. आधुनिकता—43 155. डाक पर डाका—123 285. फिल्मी विज्ञापन—197 415. वाइफ से लाइफ—272 26. आधुनिका पत्नी —43 156. डॉक्टर—124 286. फैशन—198 416. विज्ञान-चमत्कार—273 27. आपात् की बात—43 157. डैडी-पिताजी—124 287. ‘फॉरनर’ बनाम   फाइव नर—198 417. वित्तमंत्री से इंटरव्यू—274 28. ‘आम’ चुनाव—44 158. ढाई आखर प्रेम का... 124 288. फ्लू-दर्शन—198 418. विदा-बेला—274 29. आशावाद—44 159. तथाकथित पत्रकार—126 289. बंदर के वाल्व—198 419. विधाता की भूल—274 30. इंतजार—45 160. तदबीर-तकदीर—126 290. बचत-योजना—199 420. विधाता को चुनौती—274 31. इनसान—45 161. तर्क-संकट—127 291. बचपन—199 421. विरहिनी—275 32. इश्क का रोग—45 162. तस्करी-तर्क—127 292. बचाव—200 422. विरही—275 33. इश्क हकीकी—45 163. ताज बनाम जूता—128 293. बजट की सनसनाहट—200 423. विरही दूल्हा—276 34. इस्तीफा—46 164. तारिका बनाम दाढ़ी—128 294. बदला—200 424. विलायती पत्नी—276 35. ईमान—46 165. तारिका बनाम पत्नी—128 295. बधाई-वुंक्तडली—201 425. विलायती वाइफ—276 36. उधार-सुधार—47 166. तिकड़म—128 296. बनारसी साड़ी—201 426. विलायती वाइफ—276 37. 1993 के मिस्टर—47 167. तेली कौ ब्याह—129 297. बराबरी—203 427. विविध भारती—277 38. उपदेश—47 168. तोप का लाइसेंस—129 298. बर्थ-कंट्रोल—203 428. वीडियो—277 39. उल्टी चक्की—47 169. त्याग और भाग—130 299. बहू—204 429. व्रत में रसगुल्ला—277 40. उल्लू-गधा—48 170. दंगा कौन कराए—130 300. बापू के तीन बंदर—204 430. व्रत सप्ताह—278 41. एक प्रश्न—48 171. दंत-मंजन—130 301. बापू के बंदर—205 431. शक शंका—279 42. एकांत—48 172. दलबदलू—131 302. बाबाजी—205 432. शतरंज वुंक्तडली—280 43. एशिया-72—49 173. दलबदलू मायाराम—131 303. बालक-बुद्धि—205 433. शब्द-शक्ति—280 44. ओवरलोड—50 174. दवा-दारू—131 304. बाल-विवाह—206 434. शब्द-सामर्थ्य—281 45. औरत—50 175. दवाओं का दबदबा—132 305. बीवी ‘बॉस’,   बाबू ‘दास’—206 435. शासन की कुर्सी—281 46. कंजूस—50 176. दशमलव-पद्धति—132 306. बुढ़ऊ वर्ष—207 436. शिक्षा—281 47. कंजूस-कथा—51 177. दशमलव प्रणाली—133 307. बुढ़ापे की खीज—207 437. शिक्षा-पद्धति—281 48. कंट्रोल बनाम ब्लैक—54 178. दहेज का दानव—133 308. बुढ़ापे की होली—207 438. शिमला-समझौता—282 49. कट की हठ—55 179. दहेज-कानून—133 309. बूढ़े बनरा—207 439. शिव का धनुष—282 50. कड़वा-मीठा—55 180. दहेज की प्रथा—133 310. बेकारी—208 440. शुद्ध प्रेम—283 51. कड़वी बीवी—55 181. दहेज की बारात—134 311. बेचारा अध्यापक—209 441. श्वान महान—284 52. कम्यूनिसिपल्टी—55 182. दहेज-लोभी—136 312. बेलन-प्रभाव—209 442. संकट-काल—284 53. ‘कर’ कमाल—56 183. दाढ़ी—136 313. बैंगन-गुण-गान—209 443. संतोष-सुख—285 54. ‘कर’ दाता की पुकार—56 184. दाढ़ी-दर्शन—137 314. बोतल में मक्खी—211 444. संतोषी गंगा—286 55. कर्कशा पत्नी—57 185. दाढ़ी-महिमा—138 315. भगवान और शैतान—211 445. संभोग-योग—286 56. कर्ज का मर्ज—57 186. ‘दार’ की मार—138 316. भात बनाम भत्ता—212 446. संयोजक की तलाश—287 57. कर्जा—57 187. दार्शनिक दलबदलू—139 317. भूत महँगाई का—212 447. सच्चा विद्यार्थी—287 58. कर्तव्यनिष्ठ—57 188. दिल का एक्सरे—140 318. भूमि-भवन कर—212 448. सजा में मजा—288 59. कर्फ्यू-1—58 189. दिल का बीमा—140 319. भष्टश्री—213 449. सत्य और झूठ—288 60. कर्फ्यू-2—58 190. दिल की बीमारी—140 320. मंत्री-पद की लूट है—213 450. सत्रह रस—288 61. कर्मफल—59 191. दिल दर्शन—140 321. मंत्री-पुत्र—214 451. सफर का स्वाद—288 62. कर्मयोगी—59 192. दिलदार—143 322. मंदिर और सिनेमा—214 452. सफल नेता—289 63. कलियुगी वुंक्तडलियाँ—61 193. दुतरफा दृष्टिकोण—144 323. मंद्र सप्तक के कवि—214 453. सफल प्रत्याशी—289 64. कलियुगी द्रौपदी—62 194. दुर्घटना-सुघटना—144 324. मक्खन-महिमा—215 454. सफल लेखक—289 65. कलियुगी बाबू—63 195. दुश्मन—144 325. मक्खीमार आंदोलन पर काका की वुंक्तडलियाँ—217 455. समझ का फेर—290 66. कलियुगी होली—63 196. देश-सेवा—144 326. मच्छर उवाच—217 456. समय का लाभ—290 67. कवि-सम्मेलन—63 197. दो प्रश्न—145 327. मजनूँ—218 457. समय-महिमा—290 68. कविसम्मेलनीय अनुभव—64 198. दो बच्चे, होते अच्छे—145 328. मद्य-निषेध—218 458. समान अधिकार—290 69. काका-काकी संवाद—64 199. धड़ाका—146 329. मन—218 459. सवाल में बवाल—291 70. काका की ऊँटगाड़ी—66 200. धन्य अपोलो!—146 330. मन की मौज—219 460. ससुर की तलाश—291 71. काका की फुलझड़ियाँ—67 201. धार्मिक पत्नी—146 331. मनहूस मानव—220 461. ससुराल धन (दहेज)—292 72. काकी और नवरस —68 202. धार्मिक शंका—147 332. मनहूस सप्ताह में बंबई-यात्रा—220 462. सस्ती कविता—292 73. काकी और शर्त —68 203. धोखा—147 333. मसूरी-यात्रा—221 463. सहनशक्ति—292 74. काका-कोश—69 204. धोखे की कला—147 334. मस्त गृहस्थ—225 464. सहनशीलता—292 75. काका-हास्य—70 205. न्यू फैशन—148 335. महँगाई—226 465. सहानुभूति अनुभूति—293 76. ‘का’ की करुण कथा—70 206. नई समस्या—148 336. महँगाई—226 466. सांत्वना—293 77. कान महान्—70 207. नया बजट—149 337. महँगाई और गरीबी—227 467. साख—293 78. कार-चमत्कार—74 208. नरकपालिका—150 338. महँगाई वुंक्तडली—227 468. सादगी—294 79. कालिज स्टूडैंट—76 209. नर-नारी—150 339. महँगाई क्यों?—227 469. साधु-संतोष—294 80. कालिज स्टूडैंड—76 210. नर्क का तर्क—150 340. महँगाई बनाम फैशन—227 470. सावधान—294 81. कीलर-कांड—77 211. नव रस-निरूपण—151 341. महावीर—228 471. सास—294 82. कीलर के लल्ला हुआ—78 212. नववर्ष का उपहार—151 342. महिला बस—228 472. साहब-संप्रदाय—295 83. कुत्ता-भक्त—79 213. नाक का महत्त्व—152 343. माँ का दूध—229 473. सिगरेट समीक्षा—296 84. कुत्तों के बिस्कुट—80 214. नागपुर-नीति—152 344. माँ की ममता—229 474. सिद्धांतवादी—297 85. कुरसीमाई—80 215. नाम बड़े, दर्शन छोटे—153 345. माता—229 475. सिनेमा की सनक—297 86. कुरसीरानी—80 216. नाम बड़े,   हस्ताक्षर खोटे—158 346. मायाराम—230 476. सीमेंट का थैला—298 87. कूकर की पूँछ—80 217. नारी—162 347. माला-महिमा—230 477. सुंदर नर्स—298 88. कौन क्या-क्या   खाता है?—81 218. नारी : लक्ष्मी—162 348. मिट्टी का शेर—231 478. सुंदरियाँ—298 89. कौन क्या छिपाए—82 219. नासिका-भेद—162 349. मिनिस्टरी का नुस्खा—231 479. सुखदायी सावन—299 90. कोर्ट-मैरिज—83 220. निमंत्रण और परोसा—165 350. मिलावट—231 480. सुख-दुख—299 91. क्रिकेट में ‘कर’ के    करिश्मे—84 221. निराकार और साकार—167 351. मिस मंसूरी—232 481. सुझाव—299 92. क्रोध—84 222. निष्काम हड़ताल—167 352. मिस महँगाई—232 482. ‘सु’ की सुराही—299 93. क्रोध-हरण—84 223. नीची नजर—168 353. मुँह के मुहावरे—233 483. सुपुत्र—302 94. खबरों की खबरदारी—85 224. नेता—168 354. मुफ्तखोर—237 484. सुमुखी की मुसकान—302 95. खुजली—87 225. नेता-अभिनेता—169 355. मुफ्त रस—240 485. सुरा-संस्कृति—303 96. गदहा उवाच—87 226. नेता और चमचा—169 356. मुर्गी या अंडा—240 486. सुरा-समर्थन—305 97. गदहा-भाव—87 227. नेता और साँप—169 357. मूँछ-माहात्म्य—240 487. सूझ-बूझ—308 98. गधे के सींग—87 228. नेता का काटा—169 358. मूर्ख तरंग—243 488. सेंसर बोर्ड—308 99. गमछा गुणगान—88 229. नेता के तीन रूप—170 359. मृत्यु-कर—244 489. सौंदर्य—309 100. गृहस्थी का रंग—89 230. नेता-नीति—170 360. मेरी इच्छा—244 490. स्वतंत्रता का नमूना—309 101. ग्राम्य-जीवन—89 231. नेता-नेती-मंत्रणा—170 361. मेल बनाम फीमेल—245 491. स्वतंत्रता-दिवस—309 102. घर का दूध—90 232. नेत्रदान—171 362. मेहमान—245 492. स्वतंत्र पत्नी—310 103. घराने का गणित—90 233. नेत्र-दर्शन—171 363. मेहमान—246 493. स्वर्ग-नरक—310 104. घाटे पर घाटा—90 234. नोट की वोट—175 364. मोटा और पतला—246 494. स्वर्ण-नियंत्रण—311 105. घासलेट और मक्खन—90 235. नौ-दो-ग्यारह—175 365. मोटा—246 495. स्वस्थ-मस्त जीवन—312 106. चंदा-वुंक्तडली—91 236. न्यायालय में भष्टालय—176 366. पतला—247 496. स्वागत—312 107. चंदे के फंदे—91 237. पंचभूत—177 367. मोटा—247 497. स्वाभिमान-अभिमान—313 108. चकबंदी—93 238. पंचायती राज—177 368. पतला—248 498. स्वास्थ्य का राज—313 109. चंदा-पाचन—93 239. पंजाब-पुलिस—177 369. मोटी पत्नी—248 499. स्वास्थ्य-विज्ञान की  उल्टी गंगा—313 110. चना-चीत्कार—94 240. पं. पेटूराम—178 370. मोटू मामा—248 500. हजारी नोट पर चोट—317 111. चमचा—95 241. पक्के गायक—178 371. मोतियाबिंद—249 501. हथियार रहस्य—318 112. चमचा-चरित्र—95 242. पजामा बनाम पैंट—179 372. मौका—250 502. हरियाणा में  उलट-पलट—318 113. चमचे—96 243. पति-पत्नी—179 373. मौज-मस्ती—250 503. हसबैंड-सर्वेंट—318 114. चले जाउ ससुराल—97 244. पति और पत्नी—179 374. यार से प्यार—251 504. हस्तकौशल—319 115. चाँद पर चढ़ाई—97 245. पतिव्रता—179 375. युगल-कर्तव्य—251 505. हाउस फुल—321 116. चाँद पर हनीमून—98 246. पत्नी—180 376. युद्धबंदी—251 506. हाय बुढ़ापा—321 117. चाय-चक्रम्—98 247. पत्युपदेश—180 377. रंगीन चश्मा—251 507. हास्यवर्ष—321 118. चित्त भी मेरी,  पट्ट भी मेरी—99 248. पद्मश्री पर शंका—180 378. रसगुल्लों का ध्यान—252 508. हास्यरस—322 119. चीनी-दर्शन—99 249. परमार्थ—181 379. रस-विधान—252 509. हास्य-संजीवनी—322 120. चुंबन-चमत्कार—100 250. परिचय—181 380. राजनीतिज्ञ—252 510. हिंदी का मटका—322 121. चुंबन-चेतना—100 251. परीक्षा-दीक्षा—181 381. रामराज में कामराज—253 511. हिंदी-प्रेम—323 122. चुनाव की चोट—100 252. पवित्रता—181 382. राष्ट्रगान का लाभ—253 512. हिंदी बनाम अँगरेजी—323 123. चुनाव-चक्कर—101 253. पश्चात्ताप—182 383. राष्ट्रीय पशु बाघ  (चीता)—253 513. हिंदी-भक्त—324 124. चुनाव-चातुर्य—102 254. पाँचों धाम—182 384. रिश्वत—253 514. हितोपदेश—324 125. चुनाव-चुटकी!—104 255. पॉकिटमार—182 385. रिश्वतखोर—254 515. हिप्पीवाद—325 126. चुनाव संग्राम—104 256. पॉकिट साफ—183 386. रिश्वतरानी—254 516. हीरोकट मिस्टर—325 127. चुनाव-संग्राम पर काका की फुलझड़ियाँ—109 257. पाप का घड़ा—183 387. रूप-अनूप—255 517. हुस्न-इश्क—326 128. चंबल का संबल—110 258. पार्क में प्रेम—183 388. रूस में हिंदी—255 518. हेमा-धर्मेंद्र विवाह—326 129. चूहे और मुर्गे—111 259. पाचन-शक्ति—183 389. रेल बजट—255 519. हैरोइन-हीरोइन—327       520. होली-ईद—327

कहानी - Kaka Ke Thahake

Kaka Ke Thahake - by - Prabhat Prakashan

Kaka Ke Thahake - काका हाथरसी हास्यरस के सच्चे कवि ही नहीं, काव्य-ऋषि थे। उनकी कविताओं के तीन रंग हैं—सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक। इन तीनों रंगों में काका हाथरसी ने कभी साहित्यिक शालीनता और शिष्टता की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। उनका हास्य गुदगुदाता है, मन में आह्लाद पैदा करता है, समाज की विसंगतियों और विकृतियों का पर्दाफाश भी करता है, लेकिन कभी किसी को दुःख अथवा पीड़ा नहीं पहुँचाता। उनका हास्य चाँदनी की ऐसी रजत-शीतल छटा है, जो निराशा, कुंठा और उदासी के अंधकार को बरबस भगा देती है। इन सब विशेषताओं के साथ उनके हास्य में ऐसी मौलिकता, सहजता, सामाजिक चेतना और साहित्यिक गरिमा है, जो उन्हें अन्य हास्य-कवियों से अलग करके हिंदी के आधुनिक हास्य-व्यंग्य साहित्य में सर्वोच्च स्थान का अधिकारी बनाती है। काका की कलम का कमाल कार से लेकर बेकार तक, शिष्टाचार से लेकर भ्रष्टाचार तक, परिवार से पत्रकार तक, विद्वान् से गँवार तक, फैशन से राशन तक, रिश्वत से त्याग तक और कमाई से महँगाई तक देखने को मिलता है। काका हाथरसी के इस संचयन ‘फुलझडि़याँ’ में उनकी ऐसी शिष्ट-विशिष्ट  हास्य-व्यंग्य कविताओं का संकलन किया गया है, जो पाठकों को गुदगुदाएँगी, हँसाएँगी भी और सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था पर सोचने पर विवश भी करेंगी।अनुक्रम         काका के ठहाके—5 130.

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  • Stock: 10
  • Model: PP838
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP838
  • ISBN: 9789352664634
  • ISBN: 9789352664634
  • Total Pages: 328
  • Edition: Edition 1
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 600.00
Ex Tax: ₹ 600.00