कहानी - Jhagra Niptarak Daftar
'आप दोनों यहाँ झगड़ा निपटाने आई हैं?’ ’
''और नहीं तो क्या मक्खी मारने आई हैं?’ ’ चिक्की ने चिढ़कर जवाब दिया। इस पर कुन्नी और मोना को भी बहुत गुस्सा आया। दफ्तर में थीं, नहीं तो बतातीं इस शैतान लड़की को! और चिक्की की तो आदत ही यह थी। अगर उससे पूछा जाता, 'तुमने खाना खा लिया?’ तो वह 'हाँ’ कहने के बदले कहती, 'और नहीं तो क्या मैं भूखी बैठी हूँ!’ अगर सवाल होता—'क्या तुम आज अपनी मम्मी के साथ बाजार गई थी?’ तो वह जवाब देती—'और नहीं तो क्या तुम्हारी मम्मी के साथ जाऊँगी?’ कोई पूछता—'चिक्की! ये तुम्हारे कान के बूँदे सोने के हैं?’ तो फौरन कहती—'और नहीं तो क्या तुम्हारी तरह पीतल के हैं?’ मतलब वह हर बात में, हर शब्द में झगड़े का इंजेक्शन लिये रहती। इस बार कुन्नी बोली, ''पूरी बात बताइए झगड़े की।’ ’
चिक्की ही फिर बोली, ''बताना क्या है, इसने मेरे पैर की चटनी बना दी तो मैं इसे पीटूँगी ही।’ ’
दूसरे दफ्तर में बैठे बिल्लू ने सिर्फ चटनी ही सुना, फौरन बोला, ''देखो, मैं कहता था न, आम की मीठी चटनी है इनके पास।’ ’ इस पर सोनू गुर्राई—''मैंने जान-बूझकर इसका पैर नहीं कुचला था।’ ’
चिक्की गुस्साई—''जान-बूझकर नहीं कुचला था तो क्या अनजाने कुचला था? मेरा पैर कोई सूई-धागा था, जो तुझे दिखता नहीं था?’ ’
—इसी संग्रह से
सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. सूर्यबाला ने बड़ों के लिए ही नहीं, वरन् बच्चों के लिए भी विपुल मात्रा में साहित्य का सृजन किया है। प्रस्तुत है, बच्चों के लिए लिखीं उनकी हास्य-व्यंग्यपूर्ण कुछ चुटीली तथा मन को छूनेवाली रचनाएँ।
कहानी - Jhagra Niptarak Daftar
Jhagra Niptarak Daftar - by - Prabhat Prakashan
Jhagra Niptarak Daftar - 'आप दोनों यहाँ झगड़ा निपटाने आई हैं?
- Stock: 10
- Model: PP953
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP953
- ISBN: 9789380186610
- ISBN: 9789380186610
- Total Pages: 96
- Edition: Edition 2012
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2012
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00