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कहानी - Bonsai Kahaniyan

कहानी - Bonsai Kahaniyan
संदर सृजन बिना पीड़ा के कब संभव हो पाया है, जब पीड़ा घनी हो जाती है तब उसे बरसना ही पड़ता है। लो बरस गई पीड़ा बोनसाई कहानियों के रूप में। ये  कहानियाँ आपको  नारी सशक्तीकरण, नारी समानता, नारी हिंसा, कन्याभ्रूण हत्या पर गहन विश्लेषण करती दिखाई देंगी। इन कहानियों में जहाँ एक ओर मानवीय संवेदना दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर समाज में दरकते रिश्तों की टूटन भी दिखाई पड़ती है। कहानियाँ लोगों के पाखंड तथा तर्क-कुतर्क का स्पष्ट आईना हैं। यह बोनसाई आकार में छोटी सही, पर विचारों से लबरेज है। इन बहुरंगी और पठनीय कथाओं में लेखिका ने जीवन के छोटे-छोटे, परंतु अर्थपूर्ण  क्षेपकों  के  माध्यम  से समसामयिक  ज्वलंत  प्रश्नों  और समस्याओं को उठाकर अपने सामाजिक और  मानवीय  सरोकारों  की आश्वस्तिकारक बानगी प्रस्तुत की है। पुस्तक में अधिकांश जगह भाषा में गहनता दिखाई देगी, पर मौका मिलते ही लेखिका ने जगह-जगह हास्य-व्यंग्य की शैली भी अपनाई है, जो पाठकों के मिजाज के अनुकूल है। फास्ट फूड तथा पाउच के जमाने में वक्त की कमी को देखते हुए कहानियाँ भी छोटी-छोटी होनी चाहिए न! उसी का प्रयास हैं ये कहानियाँ। निश्चय ही हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए मनोरंजक एवं पठनीय।अनुक्रम     भूमिका — Pgs. 7 72. ऐसा क्यों — Pgs. 66 143. वास्तुजाल — Pgs. 123 हृदय स्पंदन — Pgs. 9 73. भटकती आत्मा — Pgs. 67 144. गुरुपुराण — Pgs. 123 1. भूत की बातें — Pgs. 19 74. अब नहीं चल सकता — Pgs. 68 145. जीती न मरती — Pgs. 124 2. काला चाँद — Pgs. 20 75. सर्जक — Pgs. 68 146. दिल का रास्ता  — Pgs. 125 3. योनियोग  — Pgs. 21 76. एक विचार — Pgs. 69 147. माइग्रेन — Pgs. 126 4. ‘टू इन वन’ — Pgs. 21 77. लखटकिया — Pgs. 69 148. निगोड़ी आँखें — Pgs. 126 5. एक और यथार्थ — Pgs. 22 78. सबसे बड़ा बादशाह — Pgs. 70 149. हम ठीक हैं — Pgs. 127 6. आह! मैं बूढ़ी हो गई — Pgs. 23 79. जीवन मर्म — Pgs. 71 150. समझो न! — Pgs. 128 7. अपनी बेटियाँ — Pgs. 23 80. रिटायरमेंट के बाद — Pgs. 72 151. आम — Pgs. 129 8. मुरगी नंबर-7 — Pgs. 24 81. पूजा-पाठी आदमी — Pgs. 73 152. शीशा — Pgs. 130 9. आनंद-ही-आनंद — Pgs. 24 82. पुत्रवती भव  — Pgs. 73 153. दो कपों की बातें — Pgs. 132 10. गुण या अवगुण — Pgs. 25 83. कमाल हो गया  — Pgs. 74 154. दो मुरदे — Pgs. 133 11. तलाश — Pgs. 25 84. खिड़कियाँ खोल दो — Pgs. 75 155. कलाकृति — Pgs. 134 12. रिश्ते  — Pgs. 26 85. समझ अपनी-अपनी — Pgs. 79 156. पर माँ! — Pgs. 134 13. जीवन संचय — Pgs. 27 86. निर्णय — Pgs. 80 157. अंधे हैं जी — Pgs. 135 14. खुश रहने के लिए — Pgs. 27 87. ‘हुई न हुई’ — Pgs. 81 158. बसौड़ा — Pgs. 137 15. जीने से पहले — Pgs. 28 88. बंधन — Pgs. 85 159. हद — Pgs. 138 16. एक ‘माई’ — Pgs. 28 89. सीमा रेखा — Pgs. 85 160. एक तथ्य यह भी — Pgs. 138 17. मरघट से पहले — Pgs. 30 90. जहरीले — Pgs. 86 161. पापा के कारण — Pgs. 139 18. वह औरत — Pgs. 30 91. पापा ठंडे हैं, 162. तर्पण  — Pgs. 140 19. ऐसा क्यूँ? दादी — Pgs. 31 पापा मारते नहीं — Pgs. 86 163. लोग — Pgs. 141 20. बाईचांस  — Pgs. 32 92. फोटो — Pgs. 87 164. मुखौटा  — Pgs. 141 21. कैसे जानोगे? — Pgs. 33 93. मान भी जाओ—‘निशा’ — Pgs. 87 165. दूर की आवाज — Pgs. 142 22. गेंद — Pgs. 33 94. जिंदगी — Pgs. 88 166. कुँवारे सपने — Pgs. 143 23. वह लड़का — Pgs. 34 95. गुडमॉर्निंग — Pgs. 88 167. रजनीगंधा — Pgs. 145 24. उसके वास्ते — Pgs. 35 96. बिना दिलवाला — Pgs. 89 168. सुनो जी — Pgs. 146 25. जिज्ञासु — Pgs. 35 97. मरी औरत — Pgs. 89 169. सेर पर सवाया — Pgs. 147 26. चलो, चला जाए — Pgs. 36 98. दस का एक — Pgs. 90 170. चतुर सुजान — Pgs. 147 27. अपना-अपना आकाश — Pgs. 37 99. लक्ष्मी — Pgs. 90 171. प्यार या व्यापार — Pgs. 148 28. चिड़ीमार — Pgs. 39 100. चमत्कारी पुरुष — Pgs. 91 172. अंतरराष्ट्रीय कार रैली — Pgs. 149 29. इज्जत की दुकान — Pgs. 40 101. माँजी कॉलिंग — Pgs. 91 173. कच्ची-पक्की दीवारें — Pgs. 150 30. दुःख किस बात का? — Pgs. 41 102. एक प्रश्न यह भी — Pgs. 92 174. सवारी — Pgs. 151 31. मैं भूल गया — Pgs. 42 103. न बाबा न! — Pgs. 92 175. घात-प्रतिघात — Pgs. 151 32. वैल्यूज — Pgs. 42 104. विंध्या — Pgs. 93 176. बुलबुल — Pgs. 152 33. वह चुप हो गई — Pgs. 43 105. मैं — Pgs. 93 177. भूखा बच्चा — Pgs. 153 34. कहानी नाक की — Pgs. 44 106. ‘तुम’ या ‘मैं’ — Pgs. 94 178. दो पागल — Pgs. 154 35. जान कि पहचान? — Pgs. 44 107. राम जाने! — Pgs. 95 179. यमदूत — Pgs. 155 36. नारी सशक्तीकरण के 108. दहेज तो चाहिए ही — Pgs. 96 180. धंधा — Pgs. 156 मायने — Pgs. 45 109. सास या कि सॉस — Pgs. 97 181. परमब्रह्म — Pgs. 156 37. क्या किया जाए? — Pgs. 45 110. अपने-अपने आधार  — Pgs. 97 182. भागमभाग — Pgs. 157 38. प्रश्नचिह्न — Pgs. 46 111. बुढ़ापे की औलाद — Pgs. 98 183. हम मर्द — Pgs. 158 39. देवरानी-जेठानी — Pgs. 46 112. आर या कि पार — Pgs. 99 184. शेर मदर — Pgs. 158 40. असल बात यह है कि — Pgs. 47 113. इमली का भूत — Pgs. 99 185. ठीक कहा आपने — Pgs. 159 41. जीरो प्यार — Pgs. 48 114. पड़ाव — Pgs. 100 186. शायद — Pgs. 160 42. आधुनिक सावित्री  — Pgs. 48 115. एक नया युद्ध — Pgs. 101 187. सत्य बोलो मुक्ति है — Pgs. 161 43. ऐसा भी होता है — Pgs. 49 116. आओ बनाएँ एक 188. पूरा दाँव — Pgs. 161 44. दो लाइनें — Pgs. 50 नई प्रजाति — Pgs. 101 189. डायरी का 45. गरीब आदमी और 117. तेज बहू — Pgs. 103 आखिरी पन्ना — Pgs. 162 शोषक — Pgs. 50 118. ओ बसंत! — Pgs. 103 190. चिड़ा-चिड़ी — Pgs. 163 46. ऐब — Pgs. 51 119. सोचो जरा — Pgs. 104 191. कृतियाँ — Pgs. 164 47. शो केस की आइसक्रीम — Pgs. 52 120. मैं छोटी भली — Pgs. 104 192. त्रियाचरित्र — Pgs. 165 48. कॉन्टेक्ट? सॉरी — Pgs. 52 121. बेचैन आत्मा — Pgs. 105 193. मदर्स डे — Pgs. 166 49. एड्स देवता — Pgs. 53 122. चोला उतार दो — Pgs. 106 194. अभी तो हम जवान हैं। — Pgs. 167 50. नींबू निचुड़ गया — Pgs. 54 123. पड़वा — Pgs. 107 195. कविता-पाठ — Pgs. 168 51. क्या दिमाग है! — Pgs. 54 124. एक टिकट— 196. टहनियाँ झुक गईं — Pgs. 168 52. ‘यत्र नार्यंस्तु पूज्यन्ते’ — Pgs. 55 दो पिक्चर — Pgs. 108 197. नाशपीटी — Pgs. 169 53. हिसाब-किताब — Pgs. 55 125. जी चाचाजी — Pgs. 109 198. नई पड़ोसन — Pgs. 170 54. संगठन की शक्ति — Pgs. 56 126. अमृतपान — Pgs. 109 199. चमचम — Pgs. 171 55. विडंबना — Pgs. 56 127. आसमान से 200. दृष्टिकोण — Pgs. 172 56. पैतृक संपत्ति — Pgs. 57 झाँकती बुढि़या  — Pgs. 111 201. उनकी दो — Pgs. 173 57. माँ — Pgs. 57 128. कुछ तो नहीं किया — Pgs. 111 202. हरसिंगार झर उठे — Pgs. 174 58. वाह गरीबी !  — Pgs. 57 129. बदनसीब — Pgs. 112 203. हद कर दी आपने — Pgs. 175 59. मुआवजे की रकम — Pgs. 58 130. लब छलक उठे — Pgs. 112 204. अंतर्द्वंद्व — Pgs. 175 60. एक विचित्र सवाल — Pgs. 59 131. ब्रांड ऐंबेस्डर — Pgs. 113 205. गीदड़ बेचारा — Pgs. 177 61. चाहे कुछ लिख दो! — Pgs. 59 132. दो मिनट — Pgs. 114 206. गुलाब और घास — Pgs. 177 62. क्या बात है ! — Pgs. 60 133. बतियाते अक्षर — Pgs. 114 207. सॉरी माँ! — Pgs. 178 63. भाभी जाप — Pgs. 60 134. भाग्य या करनी  — Pgs. 115 208. आगे-पीछे — Pgs. 179 64. अंगूर खट्टे हैं — Pgs. 60 135. डिलेवरी पेन — Pgs. 115 209. स्पेशल चाइल्ड — Pgs. 179 65. खेलने-खाने के दिन — Pgs. 61 136. पर उपदेश कुशल 210. आत्मसमर्पण — Pgs. 180 66. मुसकराहटें — Pgs. 62 बहुतेरे — Pgs. 116 211. हिंदी की कक्षा — Pgs. 181 67. स्वाँग — Pgs. 62 137. वो बूढ़ा आदमी — Pgs. 116 212. चेन सिस्टम — Pgs. 182 68. और वे शांत हो गए — Pgs. 63 138. आज का आदर्श — Pgs. 117 213. नास्तिक — Pgs. 182 69. इट्स वेरी कॉमन — Pgs. 63 139. कर देंगे सेवा — Pgs. 119 214. कौन? — Pgs. 183 70. मूर्ख — Pgs. 64 140. बताशे — Pgs. 119 215. बेचारे — Pgs. 183 71. इनको चमकना 141. सयाने लोग — Pgs. 120 216. टिल्लू — Pgs. 184 बाकी है। — Pgs. 64 142. मुट्ठी भर आकाश — Pgs. 122 शुक्रिया तहेदिल से — Pgs. 184

कहानी - Bonsai Kahaniyan

Bonsai Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan

Bonsai Kahaniyan - संदर सृजन बिना पीड़ा के कब संभव हो पाया है, जब पीड़ा घनी हो जाती है तब उसे बरसना ही पड़ता है। लो बरस गई पीड़ा बोनसाई कहानियों के रूप में। ये  कहानियाँ आपको  नारी सशक्तीकरण, नारी समानता, नारी हिंसा, कन्याभ्रूण हत्या पर गहन विश्लेषण करती दिखाई देंगी। इन कहानियों में जहाँ एक ओर मानवीय संवेदना दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर समाज में दरकते रिश्तों की टूटन भी दिखाई पड़ती है। कहानियाँ लोगों के पाखंड तथा तर्क-कुतर्क का स्पष्ट आईना हैं। यह बोनसाई आकार में छोटी सही, पर विचारों से लबरेज है। इन बहुरंगी और पठनीय कथाओं में लेखिका ने जीवन के छोटे-छोटे, परंतु अर्थपूर्ण  क्षेपकों  के  माध्यम  से समसामयिक  ज्वलंत  प्रश्नों  और समस्याओं को उठाकर अपने सामाजिक और  मानवीय  सरोकारों  की आश्वस्तिकारक बानगी प्रस्तुत की है। पुस्तक में अधिकांश जगह भाषा में गहनता दिखाई देगी, पर मौका मिलते ही लेखिका ने जगह-जगह हास्य-व्यंग्य की शैली भी अपनाई है, जो पाठकों के मिजाज के अनुकूल है। फास्ट फूड तथा पाउच के जमाने में वक्त की कमी को देखते हुए कहानियाँ भी छोटी-छोटी होनी चाहिए न!

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  • Stock: 10
  • Model: PP849
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP849
  • ISBN: 9789383110322
  • ISBN: 9789383110322
  • Total Pages: 184
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2015
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00