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कहानी - Andhera Ja Raha Hai

कहानी - Andhera Ja Raha Hai
आज हमारे जीवन से आनंद सूख सा रहा है और यह प्रक्रिया सतत गतिमान है। मेरा प्रयास रहेगा कि हम इस प्रवाह को रोक सकें। इस महायज्ञ में हम सभी अपनी-अपनी समिधाओं से अपना बचाव कर सकते हैं। मूलतः साहित्य का भी यही दायित्व है। वह एक ओर हमें अनुशासित करता है तो दूसरी ओर हमें जीवन का शिष्टाचार भी सिखाता है। अपने भीतर के सौंदर्य और गहराई को निहारने की एक अनूठी प्रक्रिया इन क्षणिकाओं में निरंतर प्रवाहमान है, साथ ही यह प्राणों की ऊर्जा के अपव्यय का समापन भी करती है। क्षणिकाओं के संदर्भ में यह मेरा पहला प्रयास है। जीवनानुभूतियों के लघुत्तम कलेवर को मैंने इस प्रकार परोसने का प्रयास किया है कि उनकी कसावट को प्रत्येक सहृदय अनुभव कर सके। यों भी संबंधों के संबंध में अपने ही धागों से बुनावट करनी होती है। ये क्षणिकाएँ जैसी हैं, बिल्कुल अपने जैसी हैं। धीरज इनका ध्रुव-बिंदु है और उनमें व्यक्तित्व का ठहराव एकनिष्ठ स्वयं में तल्लीन लगभग अनियारे जीवन की संवेदनात्मक अनुभूति हैं। आशा है पाठकवृंद को मेरी अनुभूतियाँ अच्छी लगेंगी।अनुक्रम     अपनी बात — Pg. 5 47. खामोशियाँ — Pg. 59 94. नफरत के लिए  वत नहीं — Pg. 106 1. मेरे शद — Pg. 13 48. कई सबक सिखाए — Pg. 60 95. स्वयं रोकता है — Pg. 107 2. रिश्ते — Pg. 14 49. हौसला — Pg. 61 96. एक बार मरना — Pg. 108 3. दोस्ती — Pg. 15 50. जुनून — Pg. 62 97. आक्रोश — Pg. 110 4. हिफाजत से रखते हैं — Pg. 16 51. उस इनसान की  पहचान — Pg. 63 98. मेरी चुप्पी — Pg. 111 5. स्वप्निल गीतों को — Pg. 17 52. फर्क — Pg. 64 99. खूबसूरत — Pg. 112 6. हार नहीं मानूँगा — Pg. 18 53. पहले — Pg. 65 100. कुछ तो बोलो — Pg. 113 7. मधुमास — Pg. 19 54. अपना रास्ता — Pg. 66 101. सदा के लिए नहीं — Pg. 114 8. तुम्हारे खातिर — Pg. 20 55. भूल पर धूल — Pg. 67 102. प्रेम से — Pg. 115 9. वजह — Pg. 21 56. मायूस — Pg. 68 103. अँधेरा जा रहा है — Pg. 116 10. यादों को — Pg. 22 57. जो मजबूत होते — Pg. 69 104. आनंद — Pg. 117 11. मुसकराने के लिए — Pg. 23 58. नहीं हो सकता — Pg. 70 105. सुख का एहसास — Pg. 118 12. राज — Pg. 24 59. नहीं बुझा करते हैं — Pg. 71 106. सबसे बड़ी भूल — Pg. 119 13. जिनके मिलने से — Pg. 25 60. सच्चाई — Pg. 72 107. मैं ही हूँ — Pg. 120 14. सौम्य — Pg. 26 61. सोच — Pg. 73 108. मनुष्य — Pg. 121 15. दूसरों के लिए बने हैं — Pg. 27 62. तन और मन — Pg. 74 109. चाह से ज्यादा — Pg. 122 16. तुम्हारे सौदे — Pg. 28 63. अहंकार — Pg. 75 110. तुम्हारी पीड़ाएँ — Pg. 123 17. खुशियों की  बरसात हो — Pg. 29 64. राज खोलेंगे — Pg. 76 111. मृत्यु — Pg. 124 18. बयार — Pg. 30 65. सच का आनंद — Pg. 77 112. मरना अच्छा है — Pg. 125 19. सृजन — Pg. 31 66. कामयाबी का जुनून — Pg. 78 113. कैसी रीति — Pg. 126 20. खूबसूरत विचार — Pg. 32 67. भागा-दौड़ी — Pg. 79 114. हर कदम पर — Pg. 127 21. कसम — Pg. 33 68. मुझी में — Pg. 80 115. मोहताज है — Pg. 128 22. अमृत-रस — Pg. 34 69. औरों के भी — Pg. 81 116. ऐसा न करो — Pg. 129 23. भूल से भी — Pg. 35 70. धन या ज्ञान — Pg. 82 117. फेरबदल — Pg. 130 24. कुछ यादें — Pg. 36 71. सबक — Pg. 83 118. हड़ताल — Pg. 131 25. प्यार में ताकत है — Pg. 37 72. चुभन — Pg. 84 119. नहीं आता नजर — Pg. 132 26. पार्थ चाहिए — Pg. 38 73. जान-बूझकर — Pg. 85 120. बद्दुआ — Pg. 133 27. अधिक निकट — Pg. 39 74. आसमाँ छूनेवाला — Pg. 86 121. कभी नहीं — Pg. 134 28. एक दिन तो — Pg. 40 75. नया इतिहास — Pg. 87 122. केवल बातें — Pg. 135 29. बदली बनकर — Pg. 41 76. जिंदगी का उपहार — Pg. 88 123. खेल निराला — Pg. 136 30. तोहफा — Pg. 42 77. हर कदम पर — Pg. 89 124. शति का स्वरूप — Pg. 137 31. आ रहा हूँ — Pg. 43 78. पहल — Pg. 90 125. दीपक — Pg. 138 32. तुम्हारी बाँहों में — Pg. 44 79. जज्बा — Pg. 91 126. या होता है — Pg. 139 33. चरम लक्ष्य — Pg. 45 80. भरोसा कहाँ छूट रहा — Pg. 92 127. जीवित रहेंगी — Pg. 140 34. मेहनत — Pg. 46 81. लक्ष्य-शिखर — Pg. 93 128. क्रूरता — Pg. 141 35. तम हटाने, गम मिटाने — Pg. 47 82. मुसकराओ  — Pg. 94 129. अभागा — Pg. 142 36. विश्वास — Pg. 48 83. भरोसा उन पर — Pg. 95 130. जो जैसा, वैसा ही — Pg. 143 37. प्रयास — Pg. 49 84. मेरी चाह — Pg. 96 131. बिना मौत — Pg. 144 38. रहस्य — Pg. 50 85. घिरा हुआ — Pg. 97 132. कर्तव्य की गूँज — Pg. 145 39. दिया हूँ — Pg. 51 86. संतुष्टि — Pg. 98 133. सफलता — Pg. 146 40. सोच — Pg. 52 87. ईर्ष्या — Pg. 99 134. खूबसूरत रचना — Pg. 147 41. पहचान — Pg. 53 88. तिनका-तिनका — Pg. 100 135. देख सको तो — Pg. 148 42. बोलने दो — Pg. 54 89. परछाईं — Pg. 101 136. इल्जाम — Pg. 149 43. सपेरा — Pg. 55 90. मोह — Pg. 102 137. दीप — Pg. 150 44. गिद्ध — Pg. 56 91. धरती — Pg. 103 138. व्यथित बाधाएँ — Pg. 151 45. पत्थर के बने — Pg. 57 92. कायरता — Pg. 104   46. पैसों के रिश्ते — Pg. 58 93. गुस्सा — Pg. 105  

कहानी - Andhera Ja Raha Hai

Andhera Ja Raha Hai - by - Prabhat Prakashan

Andhera Ja Raha Hai - आज हमारे जीवन से आनंद सूख सा रहा है और यह प्रक्रिया सतत गतिमान है। मेरा प्रयास रहेगा कि हम इस प्रवाह को रोक सकें। इस महायज्ञ में हम सभी अपनी-अपनी समिधाओं से अपना बचाव कर सकते हैं। मूलतः साहित्य का भी यही दायित्व है। वह एक ओर हमें अनुशासित करता है तो दूसरी ओर हमें जीवन का शिष्टाचार भी सिखाता है। अपने भीतर के सौंदर्य और गहराई को निहारने की एक अनूठी प्रक्रिया इन क्षणिकाओं में निरंतर प्रवाहमान है, साथ ही यह प्राणों की ऊर्जा के अपव्यय का समापन भी करती है। क्षणिकाओं के संदर्भ में यह मेरा पहला प्रयास है। जीवनानुभूतियों के लघुत्तम कलेवर को मैंने इस प्रकार परोसने का प्रयास किया है कि उनकी कसावट को प्रत्येक सहृदय अनुभव कर सके। यों भी संबंधों के संबंध में अपने ही धागों से बुनावट करनी होती है। ये क्षणिकाएँ जैसी हैं, बिल्कुल अपने जैसी हैं। धीरज इनका ध्रुव-बिंदु है और उनमें व्यक्तित्व का ठहराव एकनिष्ठ स्वयं में तल्लीन लगभग अनियारे जीवन की संवेदनात्मक अनुभूति हैं। आशा है पाठकवृंद को मेरी अनुभूतियाँ अच्छी लगेंगी।अनुक्रम     अपनी बात — Pg.

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  • Stock: 10
  • Model: PP906
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP906
  • ISBN: 9789390101474
  • ISBN: 9789390101474
  • Total Pages: 152
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2020
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00