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Literary - Saat Ghunghat Waala Mukhda - Hardbound

Literary - Saat Ghunghat Waala Mukhda - Hardbound
यह उपन्यास अठारहवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में उत्तर भारत की राजनीति में जबरदस्त हलचल मचा देने वाली बेगम समरू के रहस्य और रोमांच से भरे जीवन पर आधारित है। जब औरतें पर्दे से बाहर नहीं निकलती थीं, कोठे पर मुजरा करने वाली समरू ने एक यूरोपीय सेनानी को अपना दीवाना बनाकर शादी कर ली। समरू ने पति के साथ अपनी एक छोटी सी सेना खड़ी कर ली और बड़े-बड़े सूरमाओं को अपनी बहादुरी और रणकौशल से धूल चटा कर मेरठ के समीप सरदाना की गद्दी पर जा बैठी। सिर पर पगड़ी बांधे, घोड़े पर सवार होकर सेना का नेतृत्व करती वीरांगना...कल्पना कीजिए उस आश्चर्यचकित कर देने वाले दृश्य की!

Literary - Saat Ghunghat Waala Mukhda - Hardbound

Saat Ghunghat Waala Mukhda - Hardbound - by - Rajpal And Sons

Saat Ghunghat Waala Mukhda - Hardbound - यह उपन्यास अठारहवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में उत्तर भारत की राजनीति में जबरदस्त हलचल मचा देने वाली बेगम समरू के रहस्य और रोमांच से भरे जीवन पर आधारित है। जब औरतें पर्दे से बाहर नहीं निकलती थीं, कोठे पर मुजरा करने वाली समरू ने एक यूरोपीय सेनानी को अपना दीवाना बनाकर शादी कर ली। समरू ने पति के साथ अपनी एक छोटी सी सेना खड़ी कर ली और बड़े-बड़े सूरमाओं को अपनी बहादुरी और रणकौशल से धूल चटा कर मेरठ के समीप सरदाना की गद्दी पर जा बैठी। सिर पर पगड़ी बांधे, घोड़े पर सवार होकर सेना का नेतृत्व करती वीरांगना.

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL558
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL558
  • ISBN: 9788170288213
  • ISBN: 9788170288213
  • Total Pages: 104
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hardbound
  • Year: 2018
₹ 190.00
Ex Tax: ₹ 190.00