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Literary - Abhigyan - Paperback

Literary - Abhigyan - Paperback
2017 में ‘पद्मश्री’ और 2012 में ‘व्यास सम्मान’ से अलंकृत नरेन्द्र कोहली की गणना हिन्दी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद के हिन्दी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पौराणिक कथानकों पर अनेक साहित्यिक कृतियाँ रचीं। ‘अभिज्ञान’ के कथानक की रचना गीता में वर्णित कृष्ण के कर्म-सिद्धान्त की आधार भूमि है। लेकिन यह उपन्यास कर्म-सिद्धान्त की पुष्टि के लिए नहीं, उसे समझाने के लिए है, जिससे साधारण मनुष्य भी अपने जीवन में इसका पालन कर सकता है। एक सांस्कृतिक उपन्यास जो प्राचीन और आज की शिक्षा-प्रणाली, गुरु-शिष्य परंपरा की अंतर्कथा भी है। तोड़ो कारा तोड़ो, वसुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, आतंक और वरुणपुत्री उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।

Literary - Abhigyan - Paperback

Abhigyan - Paperback - by - Rajpal And Sons

Abhigyan - Paperback -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL447
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL447
  • ISBN: 9789350641170
  • ISBN: 9789350641170
  • Total Pages: 168
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2017
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00