‘‘भारतीय उपन्यास को परिभाषित करने के मूल में एक वह किसान जो उपेक्षित, पीड़ित है जिसे साहित्य में स्थान ही नहीं मिला था वह पहली बार नायक बना। हीरो बना प्रेमचन्द के हाथों और दूसरी ओर, वह जो नारी हाशिए पर थी उपन्यास विधा में समस्त संवेदनाओं का केन्द्र बनी। इन दोनों के साथ भारतीय उपन्यास ने वह रूप प्राप्..
दलित समाज की पीड़ा सबसे पहले पन्द्रहवीं-सोलहवीं सदी में भक्तिकाल के सन्तों की रचनाओं में मुखरित हुई और उन्होंने निर्भीकता से समाज में फैली इन कुरीतियों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की। उस समय के घोर रूढ़िवादी समाज में यह एक बहुत बड़ा साहस और जोखिम से भरा कदम था। उन्नीसवीं सदी में दलित चेतना के स्वर पहले महारा..
"इतना कहने में कोई संकोच नहीं कि प्रथम बार इतनी विशाल पृष्ठ भूमि पर रखकर हिंदी के नाटक देखे और जाँचे गए हैं।मेरा विश्वास है कि इस पुस्तक से हिन्दी नाटकों के अध्ययन को बहुत बल मिलेगा और यह हिंदी-संसार के विद्यार्थियों के द्वारा आदर-सम्मान प्राप्त करेंगी। हिंदी में लोक-नाट्य की परम्परा बहुत पुरानी है।..
समकालीन साहित्य के परिप्रेक्ष्य में अतीत है, वर्तमान है और भविष्य भी है। हिन्दी साहित्य विधा और विषय की व्यापकता की दृष्टि से काफी समृद्ध है। इस पुस्तक में भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के विद्वान प्राध्यापकों के ज्वलंत विषयों पर आलेख सम्मिलित हैं। वैश्वीकरण, स्त्री-विमर्श, दलित-विम..
आषाढ़ का एक दिन हिंदी के सबसे प्रसिद्ध नाटकों में अग्रगण्य है। मोहन राकेश द्वारा लिखे गए इस नाटक के अध्ययन-अन्वेषण हेतु तैयार की गई इस पुस्तक में नाटक एवं रंगमंच के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों और नाटक विधा में दिलचस्पी रखने व..
आवारा मसीहा हिंदी की सबसे प्रसिद्ध जीवनियों में अग्रगण्य है। विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखी गई शरतचंद्र की इस जीवनी पर कथा और कथेतर साहित्य के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों और कथेतर विधाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आवश्यक यह प..
कुरुक्षेत्र आधुनिक हिंदी साहित्य के सबसे प्रसिद्ध काव्यों में अग्रगण्य है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा विरचित इस काव्य के अध्ययन -अन्वेषण हेतु तैयार की गई इस पुस्तक में कविता एवं दिनकर साहित्य के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्यार्थियों, शोधा..
मानस का हंस हिंदी के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय उपन्यासों में अग्रगण्य है। अमृतलाल नागर द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के जीवन पर लिखे गए इस उपन्यास के अध्ययन-अन्वेषण हेतु तैयार की गई इस पुस्तक में उपन्यास एवं कथा साहित्य के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्या..
हिन्दी के सुपरिचित लेखक लक्ष्मीसागर वाष्र्णेय की इस पुस्तक में द्वितीय महायुद्ध के बाद और भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद लगभग 1950 से आज तक की अवधि में रचित हिन्दी साहित्य के विविध पहलुओं पर समीक्षात्मक लेखा-जोखा प्रस्तुत हुआ है। देश के विकास और प्रगति में इस साहित्य का कहाँ तक योगदान रहा है तथा रा..