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Indic - Kriti Mulyankan: Manas Ka Hans - Paperback

Indic - Kriti Mulyankan: Manas Ka Hans - Paperback
मानस का हंस हिंदी के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय उपन्यासों में अग्रगण्य है। अमृतलाल नागर द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के जीवन पर लिखे गए इस उपन्यास के अध्ययन-अन्वेषण हेतु तैयार की गई इस पुस्तक में उपन्यास एवं कथा साहित्य के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों और उपन्यास विधा में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आवश्यक यह पुस्तक बड़े अभाव की पूर्ति करेगी। इस पुस्तक के सम्पादक डॉ. माधव हाड़ा उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में हिंदी के आचार्य हैं। भक्तिकाल और आधुनिक साहित्य के विद्वान डॉ. हाड़ा की एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।

Indic - Kriti Mulyankan: Manas Ka Hans - Paperback

Kriti Mulyankan: Manas Ka Hans - Paperback - by - Rajpal And Sons

Kriti Mulyankan: Manas Ka Hans - Paperback - मानस का हंस हिंदी के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय उपन्यासों में अग्रगण्य है। अमृतलाल नागर द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के जीवन पर लिखे गए इस उपन्यास के अध्ययन-अन्वेषण हेतु तैयार की गई इस पुस्तक में उपन्यास एवं कथा साहित्य के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों और उपन्यास विधा में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आवश्यक यह पुस्तक बड़े अभाव की पूर्ति करेगी। इस पुस्तक के सम्पादक डॉ.

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL321
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL321
  • ISBN: 9789386534804
  • ISBN: 9789386534804
  • Total Pages: 176
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2019
₹ 225.00
Ex Tax: ₹ 225.00