General - Surdas – Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya - Paperback
गागर में सागर की तरह इस पुस्तक में हिन्दी के कालजयी कवियों की विशाल काव्य-रचना में से श्रेष्ठतम और प्रतिनिधि काव्य का संकलन विस्तृत विवेचन के साथ प्रस्तुत है। सूरदास वात्सल्य रस के महाकवि माने जाते हैं। निःसंदेह वात्सल्य में उनसे बड़ा कवि कोई नहीं हुआ। भक्तिकाल के इस महान कवि द्वारा रचित सूरसागर में उनके कवित्व का वैभव मिलता है। भावों की सघनता के कारण पूरे भक्तिकाल में सूरदास की कविता के जैसा वैविध्य अन्यत्र दुर्लभ है। मध्यकाल में ब्रजभाषा जिस शिखर तक पहुँची, इसमें सूरदास की कविता का बड़ा योगदान है। जनश्रुतियों के अनुसार सूरदास जन्मांध थे किन्तु उनकी कविता का वैभव और जीवन सौंदर्य का विविधवर्णी चित्रण बताता है कि संभवतः वे जीवन के उत्तरार्ध में कभी नेत्रहीन हो गए हों। सूरदास अपनी कविताओं में भक्ति के विनय और सख्य रूपों के श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। प्रस्तुत चयन में सूरदास के काव्य संसार से विनय, वात्सल्य और वियोग में उनकी श्रेष्ठ रचनाओं का चयन प्रस्तुत किया गया है। इन कविताओं में सूरदास की काव्य कला की ऊँचाइयाँ इसे पठनीय और संग्रहणीय बनाने वाली हैं। इस चयन का सम्पादन डॉ. माधव हाड़ा ने किया है जिनकी ख्याति भक्तिकाल के मर्मज्ञ विद्वान के रूप में है। उदयपुर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर और हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे डॉ. हाड़ा मध्यकालीन साहित्य और कविता के विशेषज्ञ हैं। वह इन दिनों भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में फ़ैलो हैं।
General - Surdas – Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya - Paperback
Surdas – Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya - Paperback - by - Rajpal And Sons
Surdas – Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya - Paperback - गागर में सागर की तरह इस पुस्तक में हिन्दी के कालजयी कवियों की विशाल काव्य-रचना में से श्रेष्ठतम और प्रतिनिधि काव्य का संकलन विस्तृत विवेचन के साथ प्रस्तुत है। सूरदास वात्सल्य रस के महाकवि माने जाते हैं। निःसंदेह वात्सल्य में उनसे बड़ा कवि कोई नहीं हुआ। भक्तिकाल के इस महान कवि द्वारा रचित सूरसागर में उनके कवित्व का वैभव मिलता है। भावों की सघनता के कारण पूरे भक्तिकाल में सूरदास की कविता के जैसा वैविध्य अन्यत्र दुर्लभ है। मध्यकाल में ब्रजभाषा जिस शिखर तक पहुँची, इसमें सूरदास की कविता का बड़ा योगदान है। जनश्रुतियों के अनुसार सूरदास जन्मांध थे किन्तु उनकी कविता का वैभव और जीवन सौंदर्य का विविधवर्णी चित्रण बताता है कि संभवतः वे जीवन के उत्तरार्ध में कभी नेत्रहीन हो गए हों। सूरदास अपनी कविताओं में भक्ति के विनय और सख्य रूपों के श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। प्रस्तुत चयन में सूरदास के काव्य संसार से विनय, वात्सल्य और वियोग में उनकी श्रेष्ठ रचनाओं का चयन प्रस्तुत किया गया है। इन कविताओं में सूरदास की काव्य कला की ऊँचाइयाँ इसे पठनीय और संग्रहणीय बनाने वाली हैं। इस चयन का सम्पादन डॉ.
- Stock: 10
- Model: RAJPAL323
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL323
- ISBN: 9788195297559
- ISBN: 9788195297559
- Total Pages: 112
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2021
₹ 185.00
Ex Tax: ₹ 185.00