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व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Pragati Aur Anushasan

व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Pragati Aur Anushasan
संदर्भ व्यक्‍ति का हो या समाज का, राष्‍ट्र का हो अथवा विश्‍व का, प्रगति तथा अनुशासन दोनों की ही भूमिका परम महत्त्व की है। दूसरे शब्दों में, वास्तविक प्रगति और अनुशासन दोनों की ही मर्यादाओं का सतत आदर करने में ही व्यक्‍ति का, समाज का, राष्‍ट्र तथा विश्‍व का कल्याण निहित है। साथ ही इन दोनों में से किसी एक की भी अवहेलना होने पर व्यक्‍ति, समाज, राष्‍ट्र तथा विश्‍व सभी विनाश की ओर उन्मुख होंगे, इसमें किंचित् भी संशय नहीं है। दोनों ही तत्त्व एक-दूसरे पर इतने अवलंबित हैं कि दोनों का अध्ययन एक ही स्थान पर करना आवश्यक हो गया। अनुशासन एवं प्रगति जैसे अत्यंत गहन और महत्त्वपूर्ण विषयों को समझने से पूर्व यह आवश्यक होगा कि हम एक बार अपने चारों ओर देखें और थोड़ा सा ही अंकन इस बात का करें कि आज के मानव की, विशेषतः हमारे देशवासियों की क्या दशा है? —इसी पुस्तक से इस पुस्तक में जीवन को संस्कारवान बनाने और उसे सही दिशा में ले जाने के जिन सूत्रों की आवश्यकता है, उनका बहुत व्यावहारिक व‌िश्‍लेषण किया है। लेखक के व्यापक अनुभव से निःसृत इस पुस्तक के विचार मौलिक और आसानी से समझ में आनेवाले हैं। जीवन को सफल व सार्थक बनाने की प्रैक्टिकल हैंडबुक है यह कृति।अनुक्रमणिकाप्राक्कथन — Pgs. 71. कर्म की महिमा — Pgs. 232. प्रगति और अनुशासन — Pgs. 101

व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Pragati Aur Anushasan

Pragati Aur Anushasan - by - Prabhat Prakashan

Pragati Aur Anushasan - संदर्भ व्यक्‍ति का हो या समाज का, राष्‍ट्र का हो अथवा विश्‍व का, प्रगति तथा अनुशासन दोनों की ही भूमिका परम महत्त्व की है। दूसरे शब्दों में, वास्तविक प्रगति और अनुशासन दोनों की ही मर्यादाओं का सतत आदर करने में ही व्यक्‍ति का, समाज का, राष्‍ट्र तथा विश्‍व का कल्याण निहित है। साथ ही इन दोनों में से किसी एक की भी अवहेलना होने पर व्यक्‍ति, समाज, राष्‍ट्र तथा विश्‍व सभी विनाश की ओर उन्मुख होंगे, इसमें किंचित् भी संशय नहीं है। दोनों ही तत्त्व एक-दूसरे पर इतने अवलंबित हैं कि दोनों का अध्ययन एक ही स्थान पर करना आवश्यक हो गया। अनुशासन एवं प्रगति जैसे अत्यंत गहन और महत्त्वपूर्ण विषयों को समझने से पूर्व यह आवश्यक होगा कि हम एक बार अपने चारों ओर देखें और थोड़ा सा ही अंकन इस बात का करें कि आज के मानव की, विशेषतः हमारे देशवासियों की क्या दशा है?

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  • Stock: 10
  • Model: PP2514
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2514
  • ISBN: 9789380823737
  • ISBN: 9789380823737
  • Total Pages: 168
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2016
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00