व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - 1000 Sangh Prashnottari
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उपस्थिति समाज के लगभग हर क्षेत्र में अनुभव की जा सकती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में चाहे किसी भी विरोधी या आलोचक ने कुछ भी आरोप क्यों न लगाया हो, कुछ भी कहा हो; परंतु जब भी अपने देशवासियों पर विपत्ति आई है, संघ के स्वयंसेवकों ने सदा जनता की सेवा की है और उसके बदले में कभी किसी चीज की अपेक्षा नहीं की। संघ के कार्यकर्ताओं (स्वयंसेवकों) ने देशभक्ति एवं निस्स्वार्थ सेवा का आदर्श प्रस्तुत किया है, जिसके चलते सर्वोदय नेता श्री प्रभाकर राव ने आर.एस.एस. को ‘रेडी फॉर सेल्फलेस सर्विस’ (निस्स्वार्थ सेवा के लिए तत्पर) का नया नाम दिया।
प्रस्तुत पुस्तक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित समस्त जानकारी (तथ्यों की) वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है। पुस्तक को तैयार करते समय संघ से संबंधित उन सभी महत्त्वपूर्ण विषयों को सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है, जिसके बारे में आमतौर पर कम जानकारी उपलब्ध है। प्रस्तुत पुस्तक में संघ का प्रादुर्भाव, प्रार्थना, भगवा ध्वज (गुरु), शाखा, संघ शिक्षा वर्ग, संघ की भौगोलिक रचना, गणवेश, खेल, उत्सव, साहित्य, संपूर्ण संघ परिवार, संघ से जुड़ी संस्थाएँ, संघ के सभी सरसंघचालक, संघ के प्रमुख व्यक्तित्व जैसे सर्वश्री दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख, दत्तोपंत ठेंगड़ी आदि संघ द्वारा की गई समाज-सेवा आदि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं।
आशा है यह पुस्तक संघ के विषय में अधिकाधिक जानने के जिज्ञासु पाठकों का ज्ञानवर्धन करके उन्हें राष्ट्र-निर्माण में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।अनुक्रमभूमिका—71. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : एक नजर में—112. संघ का प्रारंभ—183. संघ विस्तार और प्रार्थना—284. संघ भगवा ध्वज (गुरु)—375. संघ शाखा—416. संघ शिक्षा वर्ग—477. संघ : भौगोलिक रचना—548. संघ प्रचारक—599. संघ गणवेश—6110. संघ खेल—6311. संघ उत्सव—6812. हिंदुत्व—7213. संघ साहित्य—7714. संघ परिवार-1—8015. संघ परिवार-2—9616. संघ से जुड़ी संस्थाएँ—12317. हिंदू स्वयंसेवक संघ—13218. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार (सरसंघचालक)—13519. माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर—14220. बालासाहब देवरस (सरसंघचालक)—14621. प्रो. राजेंद्र सिंह (सरसंघचालक)—14922. के.एस. सुदर्शन (सरसंघचालक)—15123. मोहनराव भागवत (सरसंघचालक)—15424. संघ : प्रमुख व्यतित्व—15625. नानाजी देशमुख—16726. संघ पर प्रतिबंध—17227. संघ एवं आपातकाल—17928. संघ एवं समाज-सेवा—19129. संघ और राजनीति—19530. विविध—203उार-सूची (व्याया सहित)—208परिशिष्ट—राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विकास का घटनाक्रम : एक नजर में—257संघ के सरसंघचालक —260संघ प्रार्थना—261संघ की प्रतिज्ञा—261संघ रचना दायित्वानुसार—262संघ परिवार : एक दृष्टि में—262
व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - 1000 Sangh Prashnottari
1000 Sangh Prashnottari - by - Prabhat Prakashan
1000 Sangh Prashnottari - विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उपस्थिति समाज के लगभग हर क्षेत्र में अनुभव की जा सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में चाहे किसी भी विरोधी या आलोचक ने कुछ भी आरोप क्यों न लगाया हो, कुछ भी कहा हो; परंतु जब भी अपने देशवासियों पर विपत्ति आई है, संघ के स्वयंसेवकों ने सदा जनता की सेवा की है और उसके बदले में कभी किसी चीज की अपेक्षा नहीं की। संघ के कार्यकर्ताओं (स्वयंसेवकों) ने देशभक्ति एवं निस्स्वार्थ सेवा का आदर्श प्रस्तुत किया है, जिसके चलते सर्वोदय नेता श्री प्रभाकर राव ने आर.
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- Model: PP2494
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2494
- ISBN: 9788177213171
- ISBN: 9788177213171
- Total Pages: 264
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2017
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00