व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Adarsh Jeevan Ki Prerak Kahaniyan
आज संसार जिसजिस संकट से जूझ रहा है, वह मुख्यतः पहचान का संकट है। लोग स्वयं की पहचान लिंग, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता जैसे सीमित लक्षणों से करते हैं और भूल जाते हैं कि वे सार्वभौमिक आत्मा का हिस्सा हैं। इन सीमित पहचानों से अंतरराष्ट्रीय और व्यक्तिगत स्तर पर संघर्ष उत्पन्न
होते हैं।
विविध पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाने और उन्हें अपनी सार्वभौमिक शिक्षा से संगठित करने के लिए दादा जे.पी. वासवानी कई दशकों से अनवरत कार्य कर रहे हैं। इसी दिशा में यह पुस्तक एक स्तुत्य प्रयास है। गहन ज्ञान की छाप छोड़ने में कहानियाँ युगोंयुगों से अत्यधिक प्रभावशाली व मनोरंजक माध्यम रही हैं।
हमें पूर्ण विश्वास है कि दादा वासवानी की ज्ञानधारा से सृजित इस संकलन की प्रेरक कहानियाँ आपके जीवन को नई ऊँचाई देंगी, आपके भीतर की मनुष्यता को जाग्रत् करेंगी और आप ईश्वर की अनुपम भेंट मानव जीवन को देवत्व देने के मार्ग पर अग्रसर होंगे। जीवन को आदर्श बनानेवाली कहानियों में सन्निहित ज्ञान को ग्रहण करते हुए पाठक लाभान्वित होंगे, आनंदित होंगे।अनुक्रमभूमिका : गुरुदेव श्री श्री रविशंकरजी — 11लेखक की प्रस्तावना — 13ईसाई धर्मसंक्षिप्त परिचय — 191. मेरी पसंदीदा न्यू टेस्टामेंट की कहानियाँ — 212. मेरी-ईसा की माँ — 313. गॉस्पेल (ईसा चरित्र और शिक्षाएँ) में मेरी नाम की अविस्मरणीय महिलाएँ — 384. संत जिसने ईसा मसीह का बपतिस्मा (दीक्षा-संस्कार) किया — 465. स्वर्ग की पुन: प्राप्ति : ईसा का कष्ट और पुनर्जीवन — 53कन्यूशीवादसंक्षिप्त परिचय — 651. कंयूशियस कैसे शिक्षक बना — 692. जि गाँग ने गुलामों का उद्धार किया — 763. मेनसियस की माँ — 794. सम्राट् यू शुन — 835. अच्छाई के बीज बोना — 89इस्लाम धर्मसंक्षिप्त परिचय — 951. मुहम्मद बने पैगंबर — 992. अमीरी और गरीबी — 1053. तीन मित्र — 1084. अल्लाह उनसे प्रेम करता है, जो अपने भाइयों से प्रेम करते हैं — 1135. पहले खलीफा की सादगी — 118ताओवादसंक्षिप्त परिचय — 1271. पान कु : सृष्टि का ताओ मिथक — 1292. राह का अनुसरण — 1323. सौभाग्य-दुर्भाग्य — 1354. काम और आराम — ताओ विधि — 1375. आदमी, जो स्वयं से भागा — 140चीनी बौद्ध मत (ज़ेन)संक्षिप्त परिचय — 1451. स्वर्ग-नर्क — 1492. वाद-विवाद जीतना — 1513. गूढ़ शिक्षा — 1544. चोरी या उपहार — 1585. अदृश्य सूत्र — 161पारसी धर्मसंक्षिप्त परिचय — 1671. पारसी धर्म अनुसार सृष्टि रचना की दंतकथा — 1712. जॉरोएस्टर का जीवन — 1753. गेहूँ का दाना — 1814. सद्दा मामा — 1855. जॉरोएस्ट्रियंस (पारसी) भारत कैसे आए — 189उपसंहारसाधु वासवानीसंक्षिप्त परिचय — 1951. आपका सामान कहाँ है? — 1992. या चोर तुम्हारा भाई नहीं? — 2033. जीवन है देने का नाम — 2074. गरीबों की सेवा है ईश्वर की पूजा — 2105. उसका नाम था करुणा! — 212
व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Adarsh Jeevan Ki Prerak Kahaniyan
Adarsh Jeevan Ki Prerak Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan
Adarsh Jeevan Ki Prerak Kahaniyan - आज संसार जिसजिस संकट से जूझ रहा है, वह मुख्यतः पहचान का संकट है। लोग स्वयं की पहचान लिंग, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता जैसे सीमित लक्षणों से करते हैं और भूल जाते हैं कि वे सार्वभौमिक आत्मा का हिस्सा हैं। इन सीमित पहचानों से अंतरराष्ट्रीय और व्यक्तिगत स्तर पर संघर्ष उत्पन्न होते हैं। विविध पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाने और उन्हें अपनी सार्वभौमिक शिक्षा से संगठित करने के लिए दादा जे.
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- Model: PP2549
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- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
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- ISBN: 9789351867555
- ISBN: 9789351867555
- Total Pages: 216
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00