विवेकानंद साहित्य - Premyog (Pb)
संसार में यह एक प्रेरक शक्ति है। मनुष्य जैसें -जैसें उन्नत्ति करता जायेगा, वैसें वैसें विवेक और प्रेम उसके जीवन में आदर्श बनते जायेंगे। भक्ति को अपना सर्वोच्च आदर्श बनाना चाहिए तथा संसार और इंद्रियों से धीरे धीरे अपना रास्ता बनाते हुए हमें ईश्वर तक पहुचना है अथार्थ् भक्ति, भक्त और भगवान तीनों एक है।
विवेकानंद साहित्य - Premyog (Pb)
Premyog (Pb) - by - Prabhat Prakashan
Premyog (Pb) -
- Stock: 10
- Model: PP2483
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2483
- ISBN: 9789350486061
- ISBN: 9789350486061
- Total Pages: 120
- Edition: Edition Ist
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Soft Cover
- Year: 2019
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00