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लेख : निबंध : पत्र - Main Sri Sri Ravi Shankar Bol Raha Hoon

लेख : निबंध : पत्र - Main Sri Sri Ravi Shankar Bol Raha Hoon
आध्यात्मिक गुरु एवं मार्गदर्शक श्री श्री रविशंकरजी ने करोड़ों लोगों को सेवा का मार्ग दिखाया है। प्यार और सामंजस्य विकसित करने के लिए मानवता की सेवा की, ताकि मनों के बीच की दीवार को तोड़ा जा सके। विश्‍व भर में उनके भक्‍तों ने आर्ट ऑफ लिविंग को दुनिया का विशालतम गैर-सरकारी संगठन बनाने में अपना सहयोग दिया है। गुरुजी की छत्रच्छाया में असंख्य कल्याणकारी योजनाएँ आरंभ की गई हैं, जिन्हें उनके भक्‍त चला रहे हैं और करोड़ों लोगों के जीवन का उद्धार कर रहे हैं। इस पुस्तक में संकलित प्रत्येक सूत्र एक बहुमूल्य खजाना है, जो पाठक की जीवन-यात्रा को अमूल्य बना देता है। जीवन के विविध रंग लिये इन विचारों को पढ़ने से आपके तनाव, भय, चिंताएँ, असुरक्षाएँ, क्रोध, घृणा आदि दूर हो जाएँगे और आप अपने में एकाकार होकर स्वतः ही खुश रहने लगेंगे। प्यार से आपको प्यार हो जाएगा; आप करुणामय हो जाएँगे, शांति महसूस करेंगे; आनंदमय हो जाएँगे, संतुष्‍टि के भाव से भर जाएँगे।अनुक्रमणिकाअग्रवर्ती — Pgs. 5आभार — Pgs. 7प्रस्तावना — Pgs. 9भूमिका  — Pgs. 111. आत्मा की आयु के लिए एक वैचारिक व्याख्या — Pgs. 192. सकारात्मक विचारों व शब्दों की शक्ति पर एक वैचारिक व्याख्या — Pgs. 223. विवाह पर एक वैचारिक व्याख्या — Pgs. 294. श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 7 को समझना — Pgs. 415. भारत को एक आध्यात्मिक देश बनाना...  — Pgs. 526. सपनों को समझना.— Pgs. 627. अपने होने को समझना — Pgs. 648. सेवा का महत्त्व समझना  — Pgs. 959. हमारे शरीर की पाँच परतें — Pgs. 9910. रंगों के खेल को समझना — Pgs. 11111. लक्ष्य प्राप्त करने के लिए गुण — Pgs. 11512. अपने भीतर निहित आकाश को समझना — Pgs. 12013. नीतिपरक कार्यों की जरूरत — Pgs. 12314. निर्वाण क्या है? — Pgs. 12515. नवरात्र का त्योहार क्या है  — Pgs. 12816. ओइम् के उच्चारण की महत्ता — Pgs. 13017. मन-समय संबंध को समझना — Pgs. 13218. गरीबी का एक प्रमुख कारण है शराब — Pgs. 13619. धर्म और संग को समझना  — Pgs. 14720. सार्वभौम की रचना को समझना  — Pgs. 15221. अध्यात्म के पीछे निहित विज्ञान को समझना  — Pgs. 15522. दीवाली के महत्त्व को समझना  — Pgs. 16423. शाकाहारी बनने के फायदों को समझना — Pgs. 16724. कर्म को समझना — Pgs. 16925. आध्यात्मिक विकास को समझना — Pgs. 17026. शिव व शिवरात्रि के सही मर्म को समझना — Pgs. 17327. प्रकृति के साथ मानव संबंध को समझना  — Pgs. 17628. हलकी से संयमित एक्सरसाइज  — Pgs. 17929. 33 करोड़ देवी-देवताओं के महत्त्व को समझना — Pgs. 18330. दर्द को घटना की तरह न देखें — Pgs. 18731. अभिभावकों के लिए विशेष टिप्स — Pgs. 19032. गुरु पूर्णिमा के महत्त्व को समझना — Pgs. 19233. अध्यात्म के पहले नियम को समझना — Pgs. 19534. स्व समुद्र है और दिमाग लहर है — Pgs. 19835. बच्चों को समझना — Pgs. 20536. भगवद्गीता के सार को समझना  — Pgs. 21037. निर्वाण को समझना — Pgs. 212

लेख : निबंध : पत्र - Main Sri Sri Ravi Shankar Bol Raha Hoon

Main Sri Sri Ravi Shankar Bol Raha Hoon - by - Prabhat Prakashan

Main Sri Sri Ravi Shankar Bol Raha Hoon - आध्यात्मिक गुरु एवं मार्गदर्शक श्री श्री रविशंकरजी ने करोड़ों लोगों को सेवा का मार्ग दिखाया है। प्यार और सामंजस्य विकसित करने के लिए मानवता की सेवा की, ताकि मनों के बीच की दीवार को तोड़ा जा सके। विश्‍व भर में उनके भक्‍तों ने आर्ट ऑफ लिविंग को दुनिया का विशालतम गैर-सरकारी संगठन बनाने में अपना सहयोग दिया है। गुरुजी की छत्रच्छाया में असंख्य कल्याणकारी योजनाएँ आरंभ की गई हैं, जिन्हें उनके भक्‍त चला रहे हैं और करोड़ों लोगों के जीवन का उद्धार कर रहे हैं। इस पुस्तक में संकलित प्रत्येक सूत्र एक बहुमूल्य खजाना है, जो पाठक की जीवन-यात्रा को अमूल्य बना देता है। जीवन के विविध रंग लिये इन विचारों को पढ़ने से आपके तनाव, भय, चिंताएँ, असुरक्षाएँ, क्रोध, घृणा आदि दूर हो जाएँगे और आप अपने में एकाकार होकर स्वतः ही खुश रहने लगेंगे। प्यार से आपको प्यार हो जाएगा; आप करुणामय हो जाएँगे, शांति महसूस करेंगे; आनंदमय हो जाएँगे, संतुष्‍टि के भाव से भर जाएँगे।अनुक्रमणिकाअग्रवर्ती — Pgs.

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  • Stock: 10
  • Model: PP2377
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2377
  • ISBN: 9789383111312
  • ISBN: 9789383111312
  • Total Pages: 224
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2021
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00