Menu
Your Cart

राजभाषा : भाषा-विज्ञानं : हिंदी प्रसार - Hindi Bhasha : Vikas Aur Swaroop

राजभाषा : भाषा-विज्ञानं : हिंदी प्रसार - Hindi Bhasha : Vikas Aur Swaroop
हिंदी के ऐतिहासिक संदर्भ में जहाँ अपभ्रंश, अवहट्ट और पुरानी हिंदी महत्त्व है वहीं उसके स्वरूप-निर्धारण में उसकी उपभाषाओं-बोलियों का, विशेष रूप से ब्रजभाषा और अवधी का, अप्रतिम महत्त्व है। हिंदी की प्रमुख बोलियों और उनके पारस्परिक संबंध पर भी विवेचन प्रस्तुत किया गया है। हिंदी भाषा के मानकीकरण की समस्या भी है। प्रयोग क्षेत्र में हिंदी की कोई समानता नहीं है, जिसको हिंदी क्रियाओं के विविध प्रयोगों को लेकर प्रस्तुत किया गया है। इससे दो प्रयोगों में सूक्ष्म अंतर स्पष्‍ट हो सकेगा। शुद्ध हिंदी लिखने के लिए हिंदी व्याकरण के प्रमुख नियमों का ज्ञान भी आवश्यक है। अपनी ‌अभिव्यक्‍त‌ि का रंग-रूप निखारने के लिए व्याकरणसम्मत भाषा का प्रयोग अच्छा रहता है। पुस्तक की विषय-वस्तु बहुत सरल तथा सहज भाषा में प्रस्तुत की गई है, जिससे हिंदी भाषा के जिज्ञासु उससे अधिकाधिक लाभान्व‌ित हो सकें।

राजभाषा : भाषा-विज्ञानं : हिंदी प्रसार - Hindi Bhasha : Vikas Aur Swaroop

Hindi Bhasha : Vikas Aur Swaroop - by - Prabhat Prakashan

Hindi Bhasha : Vikas Aur Swaroop -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: PP2338
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2338
  • ISBN: 9788193295694
  • ISBN: 9788193295694
  • Total Pages: 240
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00