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राजभाषा : भाषा-विज्ञानं : हिंदी प्रसार - Anuvad : Bhashayen Samasyayen

राजभाषा : भाषा-विज्ञानं : हिंदी प्रसार - Anuvad : Bhashayen Samasyayen
विश्‍व भर में अलग-अलग भाषाओं का होना विभिन्न क्षेत्रों, देशों एवं संस्कृतियों को अलगाता-सा है, जबकि अनुवाद के माध्यम से उनमें परध्सपर संबद्धता-सी प्रतीत होती है। यह एक जटिल कार्य है, जिसके लिए अनुवाद कला की सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक जानकारी अपेक्षित है। इसी परिप्रेक्ष्य में, सफल अनुवादक तथा प्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक डॉ. एन.ई. विश्‍वनाथ अय्यर द्वारा रचित ‘अनुवाद : भाषाएँ-समस्याएँ’ एक महत्त्वपूर्ण कृति है, जिसके प्रथम खंड में अनुवाद के मूल सिद्धांत, विश्‍व अवधारणा में अनुवाद की भूमिका, तुलनात्मक साहित्य और अनुवाद आदि के साथ-साथ अनुवाद की भाषिक-सांस्‍कृतिक समस्याएँ विवेचित हैं और द्वितीय खंड में भारतीय भाषाओं के परस्पर अनुवाद की समस्याओं का विशद निरूपण है। अंग्रेजी-हिंदी अनुवाद की व्याकरणिक तथा संरचनात्मक समस्याओं का विस्तृत विश्‍लेषण अलग से किया गया है। भारतीय भाषाओं के परस्पर अनुवाद पर सफलतापूर्वक लिखित यह कूति अनुवादकों, अनुवाद-शिक्षकों एवं तुलनात्‍मक साहित्य के अध्येताओं के लिए उपादेय है।

राजभाषा : भाषा-विज्ञानं : हिंदी प्रसार - Anuvad : Bhashayen Samasyayen

Anuvad : Bhashayen Samasyayen - by - Prabhat Prakashan

Anuvad : Bhashayen Samasyayen - विश्‍व भर में अलग-अलग भाषाओं का होना विभिन्न क्षेत्रों, देशों एवं संस्कृतियों को अलगाता-सा है, जबकि अनुवाद के माध्यम से उनमें परध्सपर संबद्धता-सी प्रतीत होती है। यह एक जटिल कार्य है, जिसके लिए अनुवाद कला की सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक जानकारी अपेक्षित है। इसी परिप्रेक्ष्य में, सफल अनुवादक तथा प्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक डॉ.

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  • Stock: 10
  • Model: PP2343
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2343
  • ISBN: 9789387968011
  • ISBN: 9789387968011
  • Total Pages: 284
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00