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पर्यावरण : प्रदूषण - Kuda Dhan

पर्यावरण : प्रदूषण - Kuda Dhan
...कूड़ा-कबाड़ जैसी कोई चीज इस दुनिया में है ही नहीं। अगर कुछ कूड़ा-कबाड़ है तो हमारी सोच के चलते। या है कि हम जिन चीजों के इस्तेमाल के बारे में सोच नहीं पाते, उसे बेकार समझ लेते हैं, कूड़ा समझ लेते हैं। हमें उनका इस्तेमाल करना नहीं पता, इसलिए उन चीजों को फेंकना शुरू कर देते हैं। आज बहुत कम लोग हैं, जो दवा-दारू की खाली शीशियाँ और बोतलें फेंकते हैं। लोहे और धातुओं से बने सामान अगर खराब भी हो जाएँ तो ज्यादातर लोग उसे कूड़ेदान में नहीं फेंकते। नालों में नहीं फेंकते। यों? योंकि सबको शीशे और धातुओं की कीमत का अंदाजा है। जिन्हें ज्यादा नहीं पता, वे भी जानते हैं कि कबाड़ी वाला शीशी-बोतल और लोहा-लकड़ अच्छे दाम पर खरीद लेता है। लेकिन ऐसा हम पॉलीथिन, प्लास्टिक की बोतलों, बाल या घरेलू कचरे के बारे में नहीं सोचते, योंकि हमें पता ही नहीं कि इनका भी बहुत कुछ इस्तेमाल हो सकता है। यह इनसानी फितरत का मामला है। हर कोई आसान काम करना चाहता है, जिसमें जोखिम न हो, जबकि हर कोई यह ज्ञान भी बाँटता रहता है कि ‘नो रिस्क, नो गेन’। प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल-डीजल बनाने में भी यही मानसिकता आड़े आ रही है। तकनीक मौजूद है, लेकिन उस तकनीक का इस्तेमाल करने का इरादा नदारद है। यह पुस्तक ‘वेस्ट टु वैल्थ’ यानी कूड़े से धन अर्जित करने के व्यावहारिक तरीके बताती है।अनुक्रमप्रस्तावना—9मेरी बात—15भूमिका—211. कूड़ा : संकट या संपदा?—312. कूड़े का अर्थशास्त्र —383. प्लास्टिक कचरे का टापू या पेट्रोल का भंडार?—524. पराली बनी परेशानी—705. सीवर से बायोगैस—876. बाल-बाल का कमाल—1037. घर का कूड़ा-कबाड़ करोड़ों का—1238. कूड़ा-कबाड़ से हाइवे—1399. ई-कचरा—14810. मानो तो कूड़ा, नहीं तो धन—169

पर्यावरण : प्रदूषण - Kuda Dhan

Kuda Dhan - by - Prabhat Prakashan

Kuda Dhan - .

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  • Stock: 10
  • Model: PP1358
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1358
  • ISBN: 9789352666775
  • ISBN: 9789352666775
  • Total Pages: 184
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00